बदलते लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के कारण शादी से पहले अक्सर लड़कियां वेटलॉस को लेकर चिंतित रहती है। ऐसे में वेटलॉस के लिए कभी इंटरमिटेंट फास्टिंग तो कभी वर्कआउट सेशन की मदद ली जाती है। इसके अलावा शादी की दौड़भाग और बढ़ता तनाव भी वेटलॉस में मददगार साबित होता है। मगर शादी होते ही बाउंस बैक का सामना करना पड़ता है और लड़किया दोबारा से वेटगेन का सामना करने लगती है। जाहिर है शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव इस समस्या का मुख्य कारण साबित होते हैं। मगर साथ ही और कई अन्य कारणों से विवाह के बाद वज़न बढ़ जाता है। जानते हैं शादी के बाद वज़न बढ़ने के कारण (weight gain after marriage) और उससे राहत पाने के उपाय भी।
विले ऑनलाइन लाइब्रेरी की रिपोर्ट के अनुसार 8,000 से ज़्यादा लोगों पर किए रिसर्च में पाया गया कि औसतन शादीशुदा महिलाओं का वज़न (weight gain after marriage) शादी के पहले पाँच सालों में 24 पाउंड बढ़ जाता है। जो महिलाएँ साथ हैं, लेकिन शादीशुदा नहीं हैं, उनका वज़न सिर्फ़ 18 पाउंड बढ़ता है। इसके अलावा जो महिलाएँ रिलेशनशिप में हैं, लेकिन अलग रह रही हैं, उनका वज़न 15 पाउंड बढ़ता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार ऐसे नवविवाहित जोड़े जो अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश हैं, उनका वजन ज़्यादा बढ़ जाता है। इसकी तुलना में जो जोड़े अपने रिश्ते से उतने संतुष्ट नहीं हैं, उनका वजन कम बढ़ता है (weight gain after marriage) । साथ ही मैरिड कपल में अगर एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है, तो दूसरे व्यक्ति में वेटगेन का चांस 37 फीसदी बढ़ने लगता है।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि शादी के बाद खानपान बदलने लगता है और इमोशनल इटिंग भी बढ़ जाती है। इससे शरीर में कैलोरीज़ का स्टोरेज बढ़ने लगता है। रोज़ाना फ्राइड और मीठा आहार लेने से वेटगेन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा शादीशुदा जीवन की शुरूआत से शरीर में हार्मोनल परिवर्तन (weight gain after marriage) का सामना करना पड़ता है, जो वेटगेन का कारण साबित होता है। अगर दो लोग रिश्ते में संतुष्ट हैं, तो प्रोलेक्टिन हार्मोन रिलीज करता है। जिसे हम कंफर्ट हार्मोन भी कहते हैं। यदि यह हॉर्मोन्स सीमित समय के लिए रिलीज़ होने लगता है, तो वज़न बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है।
शादी के बाद परिवार के साथ मिलना.जुलना, देर रात तक पार्टी करना और नींद की कमी वेटगेन की समस्या को बढ़ा देती है। इसमें महिलाए अपने पार्टनर और फैमिली के हिसाब से जीवन व्यतीत करने लगती है। खानपान में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं, जिससे वेटगेन का सामना (weight gain after marriage) करना पड़ता है।
नवविवाहितों के लिए डिनर डेट पर जाना कैलेरी स्टोरेज को बढ़ा सकता है। ऐसे में मिठाई और फ्राइड फूड का सेवन करने से बाउंस बैक तेज़ी से होता है, जिससे लोग जल्दी से मोटापे की ओर बढ़ने लगते हैं। पार्टनर के मुताबिक खाना खाने और रिलेटिव्स की ओर ऑर्गनाइज्ड पाटी एक के बाद एक अटैंड करना कैलोरी काउंट को बढ़ा देता है।
शादी के बाद जीवन में कई बदलाव आने लगते हैं। कई रस्मों को निभाने के कारण महिलाएं अपने लिए समय नहीं निकाल पाती हैं, जिससे पेट और कमर के आसपास फैट्स जमा होने लगते हैं। नियमित रूप से व्यायाम न कर पाना भी शादी के बाद वज़न को बढ़ाने लगता है।
जब महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशी और सुरक्षा का अनुभव करती हैं, तो शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होने लगते हैं, जो वज़न को बढ़ा देते हैं। जीवनसाथी के साथ महिलाएं खुद को खुश पाती हैं, तो तनाव से राहत मिलने लगती है और जीवन में खुशहाली बढ़ने लगती है।
इसमें महिलाएं अपने पार्टनर से इमोशनली कनेक्टिड होने लगती है, जिससे प्यार, विश्वास और खुशी बढ़ने लगती है। वहीं फिज़िकल इंटिमेसी में महिलाओं के शरीर में सीमित समय के लिए प्रोलैक्टिन हार्मोन का रिलीज़ बढ़ जाता है, जिससे शरीर में बदलाव दिखने लगते है। अक्सर प्रेगनेंसी और लेक्टेशन के दौरान महिलाओं में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार वे महिलाएं, जो शादी के बाद तनाव की स्थ्ति से जूझ रही होती हैं, उन्हें भी अक्सर मोटापे का सामना करना पड़ता है। चिंता के कारण नींद में कमी आने लगती है, जिससे शरीर में कार्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है, जिससे शरीर में मोटापा बढ़ जाता है।
शादी के कुछ दिनों बाद जब पार्टीज़ का सिलसिला थम जाता है, तो उसके बाद अपने नॉर्मल रूटीन के अनुसार घर का खाना ही खाएं। इससे शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है और फूड का एबजॉर्बशन भी बढ़ने लगता है।
नियमित रूप से पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स किया जा सकता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है और बॉडी फंक्शनिंग उचित बनी रहती है। साथ ही वेटगेन की समस्या से भी बचा जा सकता है।
दिन में कुछ वक्त व्यायाम के लिए निकालें। इससे शरीर का लचीलापन बना रहता है और फैट्स एकत्रित नहीं हो पाते है। इससे शरीर में बढ़ने वाली ऐंइन, थकान और आलस्य से भी राहत मिलती है। इसके अलावा वे महिलाएं, जो किसी कारणवश तनाव में रहती है। उनके लिए भी मानसिक शांति का उत्तम विकल्प साबित होता है।
विवाह के बाद जहां कुछ बदलाव अच्छे होते हैं, तो कुछ जीवन में चिंताओं का कारण बनने लगते है। ऐसे में तनाव और एंगज़ाइटी से दूरी बनाकर रखें। तनाव से शरीर में बढ़ने वाले हार्मोनल इंबैलेंस भी मोटापे को बढ़ाने लगते हैं।
शादी के बाद अक्सर शरीर में कई बदलाव नज़र आते है, फिर चाहे मोटापा ही क्यों न हो। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं और उसका उपचार भी करें।
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