वॉकिंग से शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते है। इससे न केवल मसल्स की मज़बूती बढ़ती है बल्कि शरीर का लचीलापन भी बढ़ने लगता है। शरीर को एक्टिव रखने के लिए अधिकतर लोग मार्निंग वॉक और इवनिंग वॉक को अपने रूटीन में शामिल करते है। हांलाकि ब्रिस्क वॉक (brisk walk) , डॉग वॉक (dog walk) और हिल वॉक (hill walk) समेत वॉकिंग के कई प्रकार है, मगर पावर वाकिंग न केवल शरीर को फिट रखती है बल्कि इससे शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी कम होने लगता है। जानते हैं पावर वॉकिंग क्या है और इससे शरीर को क्या फायदे (power walking benefits) मिलते हैं।
इस बारे में बातचीत करते हुए फिजियोथेरेपिस्ट, डॉ चिन्मय मेधी बताते हैं कि इससे जोड़ों के दर्द की समस्या दूर होती है और हृदय गति संतुलित बनी रहती है। इसके अलावा फेफड़ों की क्षमता में सुधार आने लगता है और शरीर का पोश्चर उचित बना रहता है। इससे शरीर स्वस्थ और एक्टिव बना रहता है। इसे नियमित रूप से करने वाले लोगों का शरीर स्वस्थ बना रहा है।
इसमें व्यक्ति सामान्य गति की अपेक्षा बड़े स्टेप्स लेते हुए आगे की ओर बढ़ता है। चलने के दौरान हाथों की मुट्ठी बनाने की जगह खोलकर चला जाता है। वॉकिंग के समय नज़र सामने की ओर रखें और 5 से 6 मीटर तक फोकस यूं ही बनाकर चलें। शरीर को एकदम सीधा रखें और पंजों पर चलने की जगह एड़ियों को जमीन से लगाकर चलने का प्रयास करें। इससे शरीर को मज़बूती मिलती है। साथ ही बाजूओं को बहुत तेज़ी से हिलाने से बचें। इससे थकान बढ़ने लगती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार पावर वॉकिंग से शरीर की ऊपरी और निचले हिस्से की मांसपेशियों में सक्रियता बढ़ने लगती है। इससे क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग को मज़बूती मिलती है। पावर वॉकिंग से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।
वॉकिंग से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार आने लगता है। इससे न केवल शरीर को पोश्चर बेहतर बनता है बल्कि ब्रीदिंग प्रॉबलम्स से भी राहत मिलत जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है, जिससे कार्बनडाइऑक्साइड को रिमूव करने में मदद मिलती है। चलने के दौरान खुली हवा में देर तक सांस लेना लंग्स को हेल्दी बनाता है।
पावर वॉक हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है। एनआईएच के रिसर्च के अनुसार धीमी गति से चलने की तुलना में उच्च गति पर चलने से हृद य रोगों के जोखिम से बचा जा सकता है। जर्नल ऑफ जामा इंटरनल मेडिसिन के अनुसार वे मिडल एज महिलाएं जो नियमित रूप से पावर वॉकिंग करती हैं उनमें हृदय रोगों का खतरा कम होता है और हेल्दी एजिंग में मदद मिलती है।
रोज़ाना पावर वॉक की मदद से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करके वज़न को कम किया जा सकता है। इससे मोटापे से राहत मिलती है और टांगों, बाजूओं और रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है। इससे शरीर में फैट स्टोरज़ के खतरे से बचा जा सकता है और फैट बर्न करने में मदद मिलती है। रोज़ाना 15 मिनट से 30 मिनट की वॉक सेहत को फायदा पहुंचाती है।
हाइपरटेंशन, एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन से बचने के लिए पावर वॉकिंग करें। वे लोग जो बिगनर्स हैं, उन्हें शुरूआत में धीमी गति से चलना चाहिए। उसके बाद अपनी रफ्तार को धीरे धीरे बढ़ाएं। इससे मेमोरी बूस्ट होती है और फोकस में भी सुधार आने लगता है।
शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन को कम करने के लिए भी वॉकिंग बेहद फायदेमंद लो इंपैक्ट एक्सरसाइज़ है। इससे मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और शरीर में बल्ड सर्कुलेशन में सुधार आने लगता है। लंबे वक्त तक बैठने से बढ़ने वाली स्टिफनेस को रोकने में मदद मिलती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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