एक समय तक यही भारतीय महिलाओं के लिए सौंदर्य की पहचान माना गया। पर अब महिलाएं कूल्हों और जांघों के आसपास जमी चर्बी को और ढोना नहीं चाहतीं। पर यह पता नहीं यही सबसे ज्यादा फैट क्यों जमता है और क्यों सबसे देर में हम इससे छुटकारा पा पाते हैं। अगर आपकी समस्या भी यही है तो एक्सपर्ट से जानना चाहिए कि क्यों इतनी जिद्दी होती है हिप एरिया के आसपास की यह चर्बी।
इस जिद्दी फैट, जिसे वुमेन फैट (Women Fat) भी कहते हैं का कारण जानने के लिए हमने फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज की डायरेक्टर, ऑब्सटैट्रिक्स एंड गाइनीकोलॉजी डॉ. नीमा शर्मा से संपर्क किया।
वे बताती हैं कि आखिर महिलाओं के शरीर में फैट का क्या मतलब है?
सामान्य महिलाओं में शरीर के वजन का 18% से 20% हिस्सा फैट के कारण होता है। जबकि पुरुषों में यह हिस्सा 10% से 15% के बीच होता है।
डॉ. नीमा बताती हैं, “शरीर में दो तरह का फैट पाया जाता है। एक होता है सब्क्यूटेनीअस फैट जो त्वचा के नीचे पाया जाता है और दूसरा होता है विसरल फैट जो पेट में आंतरिक अंगो के चारों तरफ पाया जाता है।“
विसरल फैट को शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है और इससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और इंसुलिन रेजिस्टेंस का जोखिम बढ़ जाता है।
वे आगे बताती हैं, “कमर का आकार 35 इंच या उससे ज्यादा होने को ज़रूरत से ज्यादा विसरल फैट की निशानी माना जाता है, लेकिन अगर आपके शरीर का आकार बड़ा है तो यह नियम आप पर लागू नहीं होगा।“
एस्ट्रोजन के घटते स्तर (जिससे उसी अनुपात में टेस्टोस्टेरोन का प्रभाव बढ़ जाता है) से शरीर में फैट के वितरण पर असर पड़ता है। इसके कारण पेट में फैट का जमाव होने लगता है। मांसपेशियों में कमी आने पर उसी अनुपात में फैट में वृद्धि होने लगती है।
एस्ट्रोजन की कमी से शरीर में वाटर रिटेंशन बढ़ता है जिससे वजन बढ़ता है। खाना खाने की ज़बरदस्त इच्छा होने से भोजन की मात्रा पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।
गर्भावस्था में शरीर का वजन और फैट बढ़ता है। मां बनने के बाद व्यायाम और सोने के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि स्तनपान में कैलोरी की खपत होती है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
5 से 10 प्रतिशत महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होता है। इस स्थिति में शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाता है जिससे वजन घटाने में मुश्किलें आती हैं और मासिक धर्म अनियमित हो जाता है।
डॉ. नीमा वुमेन फैट या पेट, कूल्हों और जांघों के आसपास की चर्बी को कम करने के लिए जरूरी उपाय बताती हैं। आइए जानें क्या हैं वे उपाय –
धीरे-धीरे और लगातार – वजन कम करने के लिए यह रणनीति सबसे अच्छी होती है। अधीर न हों, धीरे-धीरे वजन कम करने की कोशिश करें और इन कोशिशों को लगातार जारी रखें।
व्यायाम है सबसे ज्यादा जरूरी – डॉ. नीमा सुझाव देती हैं कि व्यायाम से कूल्हों और जांघों पर जमा फैट की तुलना में विसरल फैट पर काफी बेहतर असर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि व्यायाम को हर रोज अपने रूटीन में शामिल करें।
संतुलित भोजन है जरूरी – भूखे रहकर वजन घटाने की गलती कभी न करें। खासतौर से कमर के आसपास, कूल्हों और जांघों पर जमा फैट भूखे रहने से कम नहीं होता। इसके लिए जरूरी है कि आप संतुलित आहार लें।
अनहेल्दी फैट से करें परहेज – अस्वस्थ फैट यानी डीप फ्राई फूड्स और बाजार में मिलन वाले जंक फूड चर्बी को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इसलिए जरूरी है कि इनसे यथासंभव दूरी बनाकर रखें।
इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में जमा फैट धीरे-धीरे कम होता है और इसे कम करने में समय लगता है, लेकिन स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की कोशिश करते रहना ज्यादा जरूरी है।
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