Belly Bulge : कई बीमारियों की जड़ है पेट पर बढ़ने वाली चर्बी, इससे छुटकारा पाने के लिए करें ये 4 एक्सरसाइज

पेट पर चढ़ी चर्बी के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए एक्सपर्ट नियमित रूप से बेली बल्ज एक्सरसाइज की सलाह देते हैं।
Belly fat ko exercise se karein kum
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग रूटीन में अल्टरनेटिव रूप में 30 सेकंड तक इंटेंसिव एक्सरसाइज के बाद अगले 30 सेकंड रिकवरी एक्सरसाइज करते हैं। चित्र : शटर स्टॉक
Published On: 17 Jun 2023, 09:30 am IST
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शरीर के सक्रिय नहीं रहने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। जब हम लगातार बैठे रहते हैं, तो हमारा मेटाबोलिज्म एक्टिव नहीं रह पाता। इसलिए हमारे पेट पर चर्बी जमने लगती है। यह पेट का उभार या बेली बल्ज (Belly Bulge) स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ा देता है। बेली बल्ज (Belly Bulge) के कारण होने वाले रोगों से बचाव के लिए फिटनेस विशेषज्ञ व्यायाम (Exercises for Belly Bulge) की सलाह देते हैं।

वजन बढ़ना है प्रमुख कारण (Weight Gain)

प्रोजेक्ट हीरो के फाउंडर सीईओ और फिटनेस एक्सपर्ट सत्या व्यास ने खुद एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवनशैली
अपनाकर 20 किलो से अधिक वजन कम किया। सत्या व्यास कहते हैं, ‘पेट फूलना या पेट पर उभार आना (Belly Bulge) कई कारण से हो सकता है। सूजन (Bloating) या आहार असहिष्णुता (Dietary Intolerance) के कारण हो सकता है। सबसे अधिक वजन बढ़ने (Weight Gain) और अस्वस्थ जीवनशैली (Unhealthy Lifestyle) के कारण सबसे अधिक बेली बल्ज होता है। नींद की कमी से भी मेटाबॉलिज्म खराब होने लगता है। इससे पेट की
चौड़ाई भी बढ़ सकती है।

उम्र बढ़ने पर बढ़ता है फैट मास (Ageing causes Fat Mass)

उम्र बढने पर मसल मास (Muscle Mass) घटता जाता है, जबकि फैट मास (Fat Mass) बढ़ता जाता है। पेट की चर्बी (Belly Fat) वसा की सबसे हानिकारक श्रेणी (Bad Fat) में आती है। इसके कारण कमर पर भी चर्बी जमा होने लगती है। बेली फैट बढ़ने के कारण हृदय रोग, मधुमेह, क्रोनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस (Chronic Osteoarthritis) , लिवर की समस्याएं और कैंसर भी हो सकता है।“

यहां हैं कुछ व्यायाम जो बेली बल्ज को कम कर सकते हैं (Exercises for Belly Bulge)

सत्या व्यास कहते हैं, अच्छा पक्ष यह है कि पेट की चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली सबसे जरूरी है।

1. एरोबिक या कार्डियो एक्सरसाइज (Aerobic or Cardio Exercise)

पेट पर जमी चर्बी (Visceral Fat) कम करने के लिए सबसे पहले कम से कम 30 मिनट व्यायाम नियमित रूप से करें। एरोबिक गतिविधि या कार्डियो को दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। एरोबिक वर्कआउट पेट की चर्बी और लीवर की चर्बी कम करने में मदद करता है। कुछ प्रभावी लेकिन आसान कार्डियो हैं:
तेज चलना (Fast walking)
दौड़ना (Running)
तैरना (Swimming)
रोइंग (Rowing)
साइकिल चलाना (Cycling)

पेट पर जमी चर्बी  कम करने के लिए कम से कम 30 मिनट एरोबिक वर्कआउट जरूर करें। चित्र : शटर स्टॉक

2. हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग High-Intensity Interval Training (HIIT)

हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) रूटीन में अल्टरनेटिव रूप में 30 सेकंड तक इंटेंसिव एक्सरसाइज के बाद अगले 30 सेकंड रिकवरी एक्सरसाइज करते हैं। फायदे के लिए इस प्रक्रिया को कई बार किया जा सकता है।इसमें किए जाने वाले कुछ व्यायाम इस प्रकार हैं:

बर्पीज़(Burpees)
जम्पिंग जैक्स (Jumping jacks)
जम्प स्क्वेट्स (Jump squats)
माउंटेन क्लाइम्बर (Mountain climbers)
हाई नीज (High knees)

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3. एब्डोमिनल व्यायाम (Abdominal exercises)

पेट की मांसपेशियों को ही एब्स कहा जाता है। कोर मसल्स के हार्मनी में काम करने के लिए कोर प्रेक्टिस किया जाता है। इससे शरीर को बेहतर संतुलन मिलता है। स्थिरता आती है। शरीर की स्थिरता सबसे अधिक जरूरी है। चाहे खेल के मैदान पर या नियमित गतिविधियां कर रही हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि पेट की चर्बी कमर और पेट से चिपक जाती है। इसलिए पेट के कसरत (Abdominal exercises) से पेट और कमर को सुडौल बनाया जा सकता है
पैर उठाना (Leg Lift)
एक मिनट का प्लैंक (A minute long plank)
साइकल एक्सरसाइजेज (Bicycle crunches)
एब्डोमेन क्रंच (Abdominal crunches)

4. वजन और प्रतिरोध प्रशिक्षण (Weight and resistance training)

वेट ट्रेनिंग से पेट की चर्बी कम करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद मिल सकती है। मांसपेशियां वसा की तुलना में अधिक कैलोरी जलाती हैं। इससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है। पहले हल्का वजन और फिर भारी वजन पर स्विच करें

Hips ke fat ko kam karne ke liye sabse lokpriya vyayam hai squats
स्क्वाटस से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

लन्जेस (Lunges)
स्क्वाटस (Squats)
बाइसेप कर्ल (Bicep curls)
ट्राइसेप किकबैक (Tricep kickbacks)

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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