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वेट ट्रेनिंग कर रहे हैं तो ध्यान रखें ये 7 चीजें, नहीं होगा चोट लगने का जोखिम

एक्सरसाइज़ के दौरान सतर्कता न बरतने से अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या बनी रहती हैं। ऐसे में फिटनेस के स्तर और उम्र के आधार पर व्यायाम में अलग अलग बदलाव होने आवश्यक है। बिना किसी चोट के वेट ट्रेनिंग के फायदे उठाना चाहते हैं तो इन कुछ बातों को याद रखें
Updated On: 5 Mar 2025, 01:36 pm IST
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Weightlifting se kandhon ki majbooti badhti hai
वेट लिफ्टिंग वर्कआउट रूटीन में शामिल करने से वेटलॉस करने और पोश्चर को उचित बनाए रखने में मदद मिलती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अक्सर महिलाएं शरीर को एक्टिव रखने के लिए वेटलिफ्टिंग, वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का अभ्यास जारी रखती हैं। इससे न केवल हड्डियों की मज़बूती बढ़ने लगती है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है। मगर इस दौरान की जाने वाली लापरवाही चोट के जोखिम को बढ़ा देती है। दरअसल, उम्र के हर पड़ाव के साथ महिलाओं के शरीर के पोश्चर से लेकर हड्डियों की डेंसिटी में बदलाव आने लगता है। ऐसे में वेट ट्रेनिंग के दौरान चोटिल होने से बचने के लिए इन टिप्स का रखें ख्याल (tips to avoid injuries in weight training)

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट शिखा सिंह बताती हैं कि वेट ट्रेनिंग (tips to avoid injuries in weight training) न केवल वजन प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा साधन है, बल्कि यह कई अन्य तरीकों से भी फायदेमंद है। दूसरी ओर, अगर इसे सही तरीके से नहीं किया जाए तो यह जोखिम भरा और जानलेवा भी हो सकता है। दरअसल, पीरियड के अलावा महिलाओं में प्रीमेनोपॉज़ल और पोस्टमेनोपॉज़ल के दौरान कई बदलाव आने लगते है। ऐसे में टेंडन और लिगामेंट की चोट का जोखिम बढ़ने लगता है। अगर आप बिना किसी चोट के वेट ट्रेनिंग ( tips to avoid injuries in weight training) के फायदे उठाना चाहते हैं तो इन कुछ बातों को याद रखें

एक्सरसाइज़ के दौरान सतर्कता न बरतने से अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव, टेंडिनाइटिस, घुटने के मेनिस्कस का जोखिम और रोटेटर कफ की समस्या बनी रहती हैं। ऐसे में फिटनेस के स्तर और उम्र के आधार पर व्यायाम में अलग अलग बदलाव होने आवश्यक है। कई बार शारीरिक गतिविधि करते समय गलत मुद्रा अपनाने से भी इस समस्या का जोखिम बढ़ जाता हैं। इसके अलावा वर्कआउट के बीच में आराम की कमी या शरीर के स्टेमिना से अधिक मेहनत करना इस समस्या का कारण साबित होता है।

Weight loss ke liye strength training
अगर आप बिना किसी चोट के वेट ट्रेनिंग के फायदे उठाना चाहते हैं तो इन कुछ बातों को याद रखें । चित्र:शटरस्टॉक

वेट ट्रेनिंग के दौरान चोटिल होने से बचने के लिए इन टिप्स की लें मदद

1. वेट ट्रेनिंग से पहले लें तकनीक की जानकारी

इस व्यायाम की शुरूआत से पहले तकनीक की पूरी जानकारी लें। यानि इस बात का अवश्य पता लगाएं कि वेट ट्रेनिंग से पहले कितनी देर वॉर्म अप करें। साथ ही आवश्यकतानुसार व्यायाम का चुनाव करें। इससे शरीर में ब्लड का फ्लो और लचीलापन बना रहता है। ऐसे में हमेशा वेट उठाने से पहले तकनीक सीखें। क्योंकि सही तरीके से करने से आप सुरक्षित रहेंगे।

2. ट्रेनर की मदद से शुरूआत करें

किसी कोच की मदद वेट ट्रेनिंग के दौरान अवश्य लें, जिससे सही फॉर्म की जानकारी मिल पाती है। इसके अलावा ज्यादा वेट सठाने के दौरान सही स्टेप्स की जानकारी दी जाती है, ताकि चोट लगने का खतरा कम हो सके। इसके अलावा फिटनेस स्तर और बॉडी के स्टेमिना को देखते हुए कोच की मदद से गोल्स सेट किए जाते हैं।

Know how to choose the perfect fitness trainer
वेट ट्रेनिंग के दौरान किसी कोच की मदद अवश्य लें, जिससे सही फॉर्म की जानकारी मिल पाती है।। चित्र एडॉबीस्टॉक।

3. क्रमिक रूप से लिफ्ट का वज़न बढ़ाएं

एक साथ अधिक लोडिंग की जगह धीरे धीरे आगे की ओर बढ़ने का प्रयास करें। उठाने की अपनी क्षमता पर ध्यान दें और उसकी के अनुरूप आगे बढ़ें। इससे मांसपेशियों के विकास में मदद मिलती है। देर तक वज़न उठाने की जगह हर रैप में 3 से 4 सेकंड का लक्ष्य बनाकर चलें। इससे चोटिल होने के खतरे को रोका जा सकता है

4. मूवमेंट पर फोकस करें

चोट को रोकने और व्यायाम पर फोकस करने से मसल्स ग्रुप की मज़बूती को बढ़ाने में मदद मिलती है। मांसपेशियों के विकास को बढ़ाने के लिए शरीर के पोश्चर और एक्सरसाइज़ की गति पर ध्यान देना आवश्यक है। फिटनेस गोल्स को अचीव करने के लिए मूवमेंट को पूरा करना आवश्यक हैं।

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5. जोड़ों को सहारा देना है आवश्यक

व्यायाम के दौरान बॉडी को प्रोटेक्ट करने के लिए जहां शरीर की मुद्रा पर ध्यान देना आवश्यक होता है। वहीं चोट से बचाने के लिए घुटने की आस्तीन, रिस्ट रैप, बेल्ट व सही गियर अवश्य पहनें। इससे वेट लिफ्ट करने में मदद मिलती है।

Wrist band pehnein
व्यायाम के दौरान बॉडी को प्रोटेक्ट करने के लिए जहां शरीर की मुद्रा पर ध्यान देना आवश्यक होता है।

6. उचित आराम करें

लगातार व्यायाम करने से शरीर में थकान बढ़ने लगती है। ऐसे में अपने शरीर की सुनें और उसे किसी भी मूवमेंट के लिए प्रेशराइज़ करने से भी बचें। अन्यथा सिर चकराने और दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम बढ़ जाता है।

7. खुद को हाइड्रेट करते रहें

पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए व्यायाम से 30 मिनट पहले और व्यायाम के 30 मिनट बाद पानी अवश्य पीएं। इससे शरीर में निर्जलीकरण का जोखिम कम होता है। साथ ही थककर चोटिल होने से भी बचा जा सकता है। स्वैटिंग से पानी की मात्रा प्रभावित होती है, जो डिहाइड्रेशन की समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में पानी की उचित मात्रा को बनाए रखें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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