परांठा से लेकर दाल-चावल तक, जानिए क्यों होने चाहिए ये भारतीय फूड आपकी वेट लाॅस डाइट में शामिल

हम बचपन से परांठे खाते आ रहे हैं, लेकिन वेट लॉस के लिए पराठों से किनारा करना पड़ा। लेकिन क्या आप जानते हैं परांठे भी डाइट फ्रेंडली होते हैं।
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वजन घटाने के लिए भारतीय भोजन। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:48 pm IST
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हम भारतीय हमेशा अपनी पद्दति को कमतर आंकते हैं, खास कर जब बात आती है वेट लॉस की।
हम हमेशा ही वेट लॉस के लिए हिंदुस्तानी खानपान को अनहेल्दी मानते हैं। हमारे माता पिता और दादा दादी यही भोजन खाकर हमसे ज्यादा फिट थे, लेकिन हम पश्चिमी खानपान की ओर भाग रहे हैं। इसका बड़ा उदाहरण है आवोकैडो, जिसके वेट लॉस के वादों को हम बिना सोचे समझे मान लेते हैं।

अगर आपको लगता है कि पश्चिमी डाइट फॉलो करके ही वजन घटाया जा सकता है तो आप गलत हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

ज्यादातर वजन घटाने के लिए हम अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट कम कर देते हैं जिसमें रोटी, परांठे और चावल हम बिल्कुल छोड़ देते हैं। जब से कीटो डाइट प्रचलित हुई है तब से यह ट्रेंड ज्यादा देखा जा सकता है। लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि वजन घटाने के लिए अपने पारंपरिक भोजन को छोड़ना ठीक नहीं।

न्यूट्रिएक्टिवनिया की फाउंडर और फिटनेस कोच अवनि कॉल बताती हैं कि क्यों वेट लॉस के लिए हिंदुस्तानी खानपान छोड़ना सही विकल्प नहीं है।

1. भारतीय खानपान को लेकर आपकी धारणा गलत है

अगर आप मूसली और दूध के हेल्थी नाश्ते की कैलोरी देखेंगे तो इसमें 300 से अधिक कैलोरी होती हैं जिसमें 11.4 ग्राम प्रोटीन, 2.4 ग्राम फाइबर, 12.6 ग्राम फैट और 40 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है।
वहीं भारतीय नाश्ता, आलू के पराठे की कैलोरी देखें तो इसमें 180 से 200 कैलोरी होती हैं जिसमें 6.3 ग्राम फैट होता है, 32 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 4.5 ग्राम फाइबर होता है।
इससे साफ पता चलता है कि हम कैलोरी काउंट नहीं देखते हैं बल्कि आंख मूंद कर वेस्टर्न ब्रेकफास्ट को चुन लेते हैं।
इसी तरह दाल और चावल को भी हम ज्यादा कैलोरी के रूप में देखते हैं और यह भूल जाते हैं कि उसमें ज्यादा फाइबर, ज्यादा एमिनो एसिड और ज्यादा पोषक तत्व भी होते हैं।

दाल प्रोटीन का सबसे अच्छा शाकाहारी स्रोत है। चित्र- शटर स्टॉक।

2. समस्या भारतीय भोजन नहीं है, हमारे बनाने का तरीका है

“परांठे अनहेल्दी नहीं होते, हम उसे किस तरह बनाते हैं वह अनहेल्दी होता है। हम पराठे में आलू की जगह कोई भी सब्जी भर सकते हैं जैसे पालक, गाजर इत्यादि। इसी तरह पराठे को तलने के बजाय कम घी में सेंक सकते हैं,”कहती हैं कॉल।
ऐसे ही चावल भी अनहेल्दी नहीं है बस हिसाब से खाना चाहिए। आप साधारण चावल की जगह ब्राउन राइस का इस्तेमाल कर सकती हैं।

3. आपके शरीर को इस भोजन की आदत है

आपने अक्सर सुना होगा कि हमें वैसे ही खाना चाहिए जैसे हमारे पूर्वज खाते आये हैं और जैसे हमने बचपन से खाया है।
कॉल समझाती हैं,”यह थ्योरी सही है कि हमारा शरीर हमारे खानपान के अनुसार ढला हुआ होता है। ऐसे में अपने खानपान को पूरी तरह बदल लेना सेहत के लिए ठीक नहीं। साथ ही हमें उसी स्वाद की आदत होती है।”
इसलिए जो आप शुरुआत से खाते आ रहे हैं वह खाना ही आपके शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है।

4. भारतीय आहार में स्वास्थ्य का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है

अगर आप देखें तो हमारी थाली में शरीर की ज़रूरत के सभी पोषक तत्व मौजूद हैं। रोटी, दाल, सब्जी, दही, सलाद और चावल- यह एक संतुलित आहार है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और फैट सब मौजूद होता है। साथ ही इम्युनिटी के लिए मसाले भी होते हैं। पारंपरिक थाली से ज्यादा बैलेंस डाइट कोई नही है।

इन बातों का रखें ख़्याल

बहुत अधिक ना खाएं। वजन घटाना है तो खाने की मात्रा कम करें।
खाना बनाते वक्त ध्यान रहे कि आप कितने तेल, नमक या चीनी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हेल्दी विकल्प चुनें, जैसे शक्कर की जगह शहद या गुड़, नमक की जगह सेंधा नमक इत्यादि।
ढेर सारे ताजे फल और सब्जी खाएं।

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