अब लोग अपनी फिटनेस और वेलनेस के प्रति पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं। इसके लिए ज्यादातर लोग योग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। आखिरकार, यह कोविड-19 महामारी का समय है, जिसमें अपने स्वास्थ्य क प्रति आपकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है।
अगर अब तक आपने योग की शुरूआत नहीं है की है और अब इसे शुरू करना चाहती हैं, तो भी हम आपको हतोत्साहित नहीं करेंगे। यह एक ऐसी शुरुआत है, जिसे जब भी करेंगी आपकी सेहत को फायदा ही होगा। हालांकि जितना जल्दी करेंगी उतना ज्यादा फायदा होगा।
तो एक बिगनर के तौर पर अपनी योग यात्रा की शुरुआत से पहले आपको कुछ चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए:
योग अभ्यास में कभी भी आलस्य से काम नहीं चलता। इसमें हर दिन एक नई शुरुआत होती है और हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है। आप जितना लचीलापन होगा, आप इसे उतना बेहतर सीख पाएंगी। आपको तब तक धैर्य रखना होगा, जब तक आप इसे पूरी तरह से साधना नहीं सीख जातीं।
अगर आपने अब तक कभी भी कोई फिजिकल एक्टिविटी या वर्कआउट नहीं किया है तो योगाभ्यास आपके लिए शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप धीरे-धीरे इसकी शुरूआत करें। मजबूत नींव बनाने के लिए शुरूआत बुनियादी आसनों से करें। इनमें वज्रासन, संतुलनासन, अधोमुखश्वानासन, पद्मासन, दंडासन, ताड़ासन, वृक्षासन, बालासाना और पादहस्तासन आदि मददगार हो सकते हैं।
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यह जरूरी है कि योग अभ्यास शुरू करने से पहले अपनी ताकत और लचीलापन बढ़ाने के लिए उपरोक्त मुद्राओं का उपयोग करें।
योग एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो भगवान शिव द्वारा मानव जाति को दिया गया था। इसलिए उन्हें योगेन्द्रनाथ भी कहा जाता है। यह दिव्य कला ऋषि-मुनियों के माध्यम से हम तक पहुंची है। जिसे उन्होंने अपनी अटल साधना और निरंतर अभ्यास से बनाए रखा। इसलिए इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आपको अपने योग गुरु या मास्टर से संपर्क बनाए रखने की जरूरत होगी। गुरू का अर्थ है जो अंधेरा हटाकर रास्ता दिखाता है। योग में भी गुरू आपको सही मार्गदर्शन करके आपके अनुरूप योगाभ्यास करवाने में मदद कर सकता है।
योगाभ्यास में लक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण हैं। पर साथ ही यह भी जरूरी है कि आप जो भी योगासन कर रहे हैं, उसके प्रति पूरी तरह समर्पित रहें और यह विश्वास रखें कि आप उसे कर पाएंगे। अगर कोई आसन करने में आपको कठिनाई आ रही है, तब उसके प्रति आपकी निष्ठा और भी जरूरी हो जाती है। उसे छोड़कर अगले पर जम्प न करें, बल्कि कदम दर कदम ही आगे बढ़ें।
हालांकि, अपने साथ सौम्य होना और भी जरूरी है। योग असल में शरीर का एक विज्ञान है जो हमें अपने जीवन को बेहतर तरीके से जीना सिखाता है।
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बीएमआई चेक करेंयोग की शुरूआत में रोमांच के साथ-साथ प्रतिबद्धता और नियमितता होना और भी जरूरी है। योग कला के साथ-साथ अभ्यास भी है, इसके नियमित अभ्यास से ही आप इसका सर्वोत्तम लाभ ले सकती हैं। हर रोज अपनी योगा मैट को एक निश्चित समय पर उठाना आपके अनुशासन को दर्शाता है।
एक आसन से ही 84 लाख आसन बन सकते हैं। पर इस तक पहुंचने के लिए गहन अभ्यास और नियमितता की जरूरत होती है। इसके साथ-साथ प्राणायाम, ध्यान, मुद्रों, जप आदि के भी कई स्तर हैं। योग की यात्रा अंतहीन है, पर साथ ही यह अंतहीन संभावनाओं के द्वार भी खोलती है। तो जब भी योग की शुरूआत करें, इन महत्वपूर्ण बिंदुओं का जरूर ख्याल रखें। और इस योग यात्रा के हर पड़ाव का भरपूर आनंद लें।