लॉकडाउन के साथ-साथ शरीर का वजन भी बढ़ता जा रहा है! आप भी सोच रही होंगी कि जल्दी से लॉकडाउन खत्म हो और अपने पुराने वर्कआउट रूटीन पर लौट आएं। पर धैर्य रखिए, अभी आपको इसके लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा।
लॉकडाउन के दौरान भी आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकती हैं। इसके लिए इनडोर वर्कआउट एक बेहतर विकल्प है। वर्कआउट चाहें जिम में हो या घर पर इसमें वर्कआउट एसेसरीज का बहुत बड़ा रोल होता है। वर्कआउट एसेसरीज में सबसे ज्यादा जरूरी हैं जूते। जी हां, जूतों की सही जोड़ी आपकी कितनी ज़्यादा सहायक हो सकती इसका अनुमान शायद आप न लगा पाएं।
यकीन मानिये, दुनिया भर के शोध इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं कि किसी भी इंसान के लिए अपने लिए जूते खरीदने से पहले अपनी व जूतों की सही जानकारी होना अति महत्वपूर्ण है। बिना सोचे समझे लिए गए जूते आपको कई सारी समस्याओं में डाल सकते हैंं। शायद आप भी जूते खरीदते समय उनके लुक पर फोकस करती होंगी। जबकि जरूरत और भी बहुत कुछ देखने की होती है।
वर्कआउट के लिए कैसे चुनने हैं परफेक्ट शूज, यहां हम दे रहे हैं उसकी ‘ए-टू-जेड’ गाइड। सबसे पहले आपको अपने बारे में इन बातों का पता होना चाहिए –
1. आपका वजन
2. आपके पैर का तलुआ (Sole)- इस पर विशेष ध्यान दें की वह समतल है या धनुषाकार
3. आप कहां वर्कआउट करने वाली हैं- घर के भीतर (Indoor), सड़क पर या फिर ट्रेडमिल आदि पर
4. आप नियमित वर्कआउट करती हैं या फिर कभी-कभी
जूते खरीदने से पहले आप ये जानकारी स्टोर प्रतिनिधि के साथ शेयर कर सकती हैं। ताकि वे आपके लिए परफेक्ट शूज ढूंढने में मदद कर सके। इसके बाद वे बातें जिन्हें आपको जूते खरीदते वक्त ध्यान रखना है –
आप दौड़ते समय या वर्कआउट मूव्स में फिसलने से बचना चाहती हैं तो उसके लिए उचित पकड़ रखने वाले जूते की तलाश करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, ऐसे जोड़े भी खरीद सकतें हैं जो दौड़ने के दौरान गति को नियंत्रण करें व उसकी जांच करें। यह उपाय आपके जोड़ों में कोई झटका महसूस किए बिना आपकी गति को बदलने में मदद करेगा।
डेकाथलॉन गाइडलाइन के अनुसार, आपकी सबसे बड़ी पैर की अंगुली और जूते में हमेशा आधा से एक इंच का अंतर होना चाहिए, ताकि आपको लड़खड़ाहट न हो। चलते या दौड़ते समय हमारे पैर का पंजा आगे की ओर मुड़ता है और तभी हमें जूते के भीतर कुछ अतिरिक्त स्थान की आवशयकता होती है। इसी अतिरिक्त स्थान के कारण चलने के दौरान व दौड़ में आप सुविधा का अनुभव करते हैं।
बीएमसी मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर की पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जूतों के भीतर के सोल का सॉफ्ट होना बहुत जरूरी है। यदि आपके जूते के भीतर का सोल सॉफ्ट नहीं है, तो इससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इस खास कुशन के कारण आपके पैर ज़मीन से निकलने वाली गर्मी से भी बचे रहते हैं और और चलने व दौड़ने के दौरान यदि आपका पैर कभी मुड़ जाए या कहीं ठोकर लगे तो वह काफी हद तक बचाव कर सकतें है।
इसके अलावा सुपर-सॉफ्टइनसोल का मतलब हमेशा आराम नहीं होता। आप ऐसे जूते भी खरीद सकतें हैं जिनमें सामान्य् सोल हो और आप बाद में अपनी सुविधा के अनुसार इसमें सुपर-सॉफ्टइनसोल डलवा सकती हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयहां वज़न दोनों का ही मायने रखता है। फिर चाहे वह आपका वजन हो या जूतों का। सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात है कि हल्के वज़न के जूते हमेशा बेहतर होते हैं। जिसकी वजह है उनका हर परिस्थिति में ढल जाना। हल्के वजन के जूते आपको छलांग लगाने में, दौड़ने में, सैर और वर्कआउट में भी विशेष सहायक साबित होते हैं।
इसके अलावा यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितनी बार और कितनी तेजी से दौड़ते हैं। एक बात ध्यान रखें, जितनी तेज़ आप दौड़ते हैं उतने ही हल्के वजन के जूते खरीदें।
शायद आप ऐसा सोचे की यह एक मूर्खतापूर्ण होगा, ऐसा कैसे संभव हो सकता है। यकीन मानिये यह संभव है और हर अच्छा ब्रांड इसकी सुविधा देता है। आप जूतों को शो-रूम के भीतर ही पहनकर व चलकर देख सकती हैं। ऐसा करने में कोई नुक्सान नहीं, क्योंकि आप उसकी कीमत चुका रहीं हैं और वह ब्रांड आपको विश्वसनीय सुविधा देने की गारंटी भी देता है। हर अच्छा ब्रांड यह जानता है कि टेस्ट रन दोनों के लिए ही फायदेमंद है।
अधिकतर जूतों के सोल दो ही रंग के होते हैं – सफ़ेद और काला। तो यहां यह जान लीजिए कि काला रंग कार्बन-आधारित है, जो सख्त है और यह सड़क पर दौड़ने के लिए बेहतर है। सफेद रंग रबर से बनाया जाता है जो अधिक मुलायम होता है, इसलिए यदि आपको ट्रेडमिल पर या गद्देदार ट्रैक पर दौड़ना है तो आप इनका विकल्प चुन सकते हैं।
तो इन 6 जरूरी बातों को ध्यान में रखकर जूते खरीदेंगी, तो निश्चित तौर पर आपका फिटनेस और फिटनेस रूटीन दोनों बेहतर बने रहेंगे।