लाइफस्टाइल और खानपान के कारण हमें कई तरह की समस्याएं होती हैं। वजन बढ़ना और मोटापा इसके कारण होने वाली मुख्य समस्या है। हम घंटों एक स्थान पर लगातार बैठे रहते हैं। हमारे शरीर में कोई मूवमेंट नहीं हो पाती है। लेकिन भोजन के रूप में हमारा शरीर लगातार कैलोरी गेन करता रहता है। पर इसके अनुकूल कैलोरी जला नहीं पाते हैं। यहीं से शरीर में फैट डीपोजिशन शुरू हो जाता है। आपने सैनिकों का शरीर संतुलित देखा होगा। वे किस तरह अपना वेट कंट्रोल कर पाते हैं। साइंस के नियमों को मानते हुए वे वेट मैनेजमेंट के लिए सिर्फ एक्सरसाइज और डाइट (army fitness), इन्हीं दोनों पर ध्यान देते हैं।
वाशिंगटन की इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसिन ने अमेरिकी सैनिकों के वेट मैनेजमेंट के तरीकों पर शोध किया। इस पर आधारित शोध आलेख पब मेड सेंट्रल में भी शामिल किया गया। अमेरिका के मेल-फीमेल सैनिकों के बॉडी मास इंडेक्स और बॉडी फैट की शरीर में मौजूदगी के आधार पर उनका वेट मैनेजमेंट(Weight Management) किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह वैज्ञानिक है। प्रभावी वजन प्रबंधन कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अतिरिक्त वसा (Extra Fat) के जमा होने की रोकथाम है। इसके लिए ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है, जो वजन के साथ-साथ स्वस्थ शरीर और संरचना के रखरखाव को बढ़ावा दे। इसलिए सैनिकों को स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने की रणनीति के साथ-साथ अतिरिक्त वजन बढ़ने के मूलभूत कारणों के बारे में भी बताया जाता है। ताकि वजन नहीं बढ़ पाए।
जिन सैनिकों का वजन बढा हुआ देखा गया, उन्हें अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधि करने को कहा गया। उन्हें रेगुलर एक्सरसाइज कराया गया। तीव्र गति और अधिक अवधि और फ्रीक्वेंसी वाली शारीरिक गतिविधि कराई गई। यह देखा गया कि प्रति माह 10 से 11 घंटे के एरोबिक व्यायाम से उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन में वृद्धि हुई। उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) हैं।
शोधकर्ता इस बार पर जोर देते हैं कि वेट मेंटेन रखने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज सही है। लेकिन एरोबिक एक्सरसाइज के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और रेसिस्टेंस एक्सरसाइज जोड़ना बेहद जरूरी है।
इससे लॉन्ग टर्म में बढ़िया परिणाम आ सकते हैं। क्योंकि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों का निर्माण होता है। लीन बॉडी मास का नुकसान कम हो सकता है। बॉडी में फैट अधिक घट सकता है। वजन घटने के साथ शरीर का मेटाबोलिक रेट बढ़ सकता है।
सैनिकों के वजन को मैनेज करने के लिए घर, ऑफिस और दूसरी जगहों जैसे खाने के स्थान, स्टोर, मूवी थिएटर आदि में खाने के माहौल को देखा जाता है। यह आम लोगों के लिए भी जरूरी दिशा निर्देश हैं। इसमें फलों, सब्जियों, गैर-वसा वाले डेयरी उत्पादों, कम ऊर्जा घनत्व और उच्च पोषण मूल्य के खाद्य पदार्थों को प्रश्रय देना शामिल है। जहां खाने की सुविधाएं हैं, वहां कैंडी बार या चिप्स पैकेट लेने की बजाय पौष्टिक भोजन खाने की आदत को प्रधानता देने से वजन को प्रबंधित किया जा सकता है। शोध साइंस द्वारा प्रमाणित ऐसे कारकों और आदतों की ओर भी ध्यान दिलाता है, जो वजन घटाने में मदद करता है।
1 घर पर कम खाना या बिल्कुल नहीं खाना
2. हाई फैट, अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को लेना
3. हाई फैट वाले स्नैक खाद्य पदार्थों का बहुत अधिक सेवन
1. घर पर ही खाना बनाएं और लंच बैग साथ रखें
2. बाहर खाने के लिए जाएं तो खाने से पहले भोजन की अर्न कैलोरी माप लें
3. अत्यधिक फैट वाले भोजन की पहचान कर नहीं खाएं
4.उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर उस हिसाब से कम कैलोरी का सेवन करें
5 . यदि किसी ख़ास ईटिंग स्पेस का आहार पसंद है, तो बहुत अधिक कैलोरी गेन से बचने के लिए उस रास्ते से होकर नहीं गुजरें
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