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Walking Mistakes: इन 8 गलतियों के कारण वॉकिंग के बाद भी आप घटा नहीं पा रहे वजन

वॉक करने से वेटलॉस के अलावा हृदय रोगों और जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है। मगर कुछ बातों का ख्याल न रखने से चोटिल होने और सही बॉडी मूवमेंट की कमी बनी रहती है। ऐसे में वॉक करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखें।
वॉक करने से पहले अपने पोश्चर को उचित बनाएं। साथ ही वॉर्म अप करना न भूलें।
Published On: 10 Dec 2024, 08:00 am IST

इसमें कोई दोराय नहीं कि सुबह उठकर वॉक करने से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है। साथ ही मांसपेशियों की भी मज़बूती बढ़ने लगती है। वे लोग जो नियमित रूप से वॉक पर जाते हैं, उन्हें हेल्दी रहने के अलावा मूड बूस्टिंग में भी मदद मिलती है। मगर कई बार वॉक करने के दौरान की जाने वाली कुछ गलतियां फायदे के बजाय नुकसान का कारण साबित होती हैं। जानते हैं वॉकिंग के दौरान की जाने वाली गलतियां (Walking mistakes) फायदे की जगह स्वास्थ्य को कैसे पहुंचाती है नुकसान।

इस बारे में फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि पैदल चलने से वेटलॉस के अलावा हृदय रोगों और जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है। मगर कुछ बातों का ख्याल न रखने से चोटिल होने और सही बॉडी मूवमेंट की कमी बनी रहती है। ऐसे में वॉक करने से पहले अपने पोश्चर को उचित बनाएं। साथ ही वॉर्म अप करना न भूलें। ठीक इसी प्रकार से वॉक पूरी होने के बाद शरीर को कूल डाउन होने के लिए भी वक्त दें।

इससे शरीर में होने वाली थकान को कम करके अन्य कार्यों को किया जा सकता है। साथ ही पोषण का भी भरपूर ख्याल रखें। वे लोग जो वॉक एकदम बाद पानी का सेवन करते है, उन्हें सांस लेने में तकलीफ बढ़ने लगती है। ऐसे में कुछ खास बातों का ख्याल रखकर वॉक करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं।

वॉक करने से वेटलॉस के अलावा हृदय रोगों और जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है।

वॉकिंग के दौरान इन गलतियो से बचें

1. वॉकिंग पोश्चर का सही न होना

काम करने के दौरान अक्सर लोगों की गर्दन आगे की ओर झुकने लगती है, जिससे शरीर का पोश्चर प्रभावित होता है। ऐसे में स्ट्रेचिंग किए बिना पैदल चलने से बचें। इससे गिरने और चोटिल होने का खतरा बना रहता है। वॉक पर जाने के लिए सिर को उपर उठाएं और पीठ को सीधा कर लें। इसके अलावा कंधों को आगे की ओर झुकाकर चलने से बचें। सामने देखें और बाजूओं को हिलाते हुए चलते रहें।

2. वॉर्मअप करना भूल जाना

सुबह उठकर सीधे वॉक के लिए जाने से शरीर में एनर्जी का स्तर लो रहता है, जिससे व्यक्ति जल्दी थक जाता है और कमज़ोरी का अनुभव होता है। इसके चलते सिरदर्द और जोड़ों में ऐंठन का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में स्ट्रेचिंग किए बिना वॉक करने से बचें। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता है।

3. तेज़ी से चलना

वॉक करने के दौरान तेज़ी से चलना पैर में मोंच का कारण बनने लगता है। इसके अलावा थकान का भी सामना करना पड़ता है। वॉक करने के दौरान धीमी गति से आगे बढ़े और 20 मिनट की वॉक करें। इससे शरीर को बैलेंस मेंटेन रहता है और थकान से भ्सा बचा जा सकता है।

वॉक करने के दौरान तेज़ी से चलना पैर में मोंच का कारण बनने लगता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. लंबे कदमों के साथ चलना

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार चलने के दौरान लंबे कदमों का इस्तेमाल करने से थकान बढ़ने लगती है और शरीर कमज़ोरी महसूस करता है। ऐसे में छोटे कदम उठाएं, जिससे पीठ पर बनने वाला दबाव कम हो जाता है और हिप्स का मूवमेंट उचित बना रहता है।

5. टाइट कपड़े पहनना

ज्यादा टाइट और लंबे कपड़े पहनने से वॉक करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हल्के और लूज़ कपड़े पहनें। इससे स्किन एलर्जी का जोखिम कम होता है। साथ ही ब्लड का सर्कुलेशन बाधित होने लगता है और बॉडी मूवमेंट उचित बनी रहती है।

6. गलत जूते पहनने से बचें

वॉकिंग के लिए पैरों की मज़बूती आवश्यक है। हैवी जूते पहनने की जगह हल्के और सही फिटिंग वाले जूते पहनें। इससे थकान और पैरों के मसल्स में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। इसके अलावा आरामदायक कॉटन की जुराबें पहनें। इससे जूतों में पैरों की ग्रिप बनी रहती है।

7. मोबाइल का इस्तेमाल

अक्सर लोग वॉकिंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते है। इससे एकाग्रता की कमी बढ़ने लगती है, जो चोट लगने का कारण बन जाती है। इयर फान्स का इस्तेमाल किए बगैर वॉक करने से फिटनेस गोल्स को अचीव करने में मदद मिलती है। इससे शरीर एक्टिव बना रहता है और मसल्स की मज़बूती बढ़ती है।

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8. संतुलित आहार न लेना

आहार में विटामिन, मिनरल, आयरन और प्रोटीन की मात्रा को शामिल करें। इससे मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को रोका जा सकता है। साथ ही शरीर हेल्दी बना रहता है। साथ ही शरीर को निर्जलीकरण की स्थिति से बचाने के लिए पानी भरपूर मात्रा में पीना आवश्यक है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा उचित बनी रहती है।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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