मेडिटेशन तन और मन को एकाग्र करने की एक विधि है। इससे मन मस्तिष्क में पल-पल उठने वाले विचारों को रिलीज़ करने में मदद मिलती है। मगर अधिकतर लोग ओवरथिंकिंग के चलते इसे करने में दुविधा का सामना करना पड़ता है। वे या तो इससे जल्दी बोर हो जाते हैं या फिर ध्यान नहीं लगा पाते हैं। ऐसे में वर्चुअल मेडिटेशन एक आसान विकल्प है, जिसे व्यक्ति अपनी सहूलियम के अनुसार कहीं भी किसी भी स्थान पर बैठकर कर सकते है। इसके लिए लोगों के समूह या किसी सेशन की आवश्यकता नहीं है। अगर मन में विचारों की उथल पुथल जारी है और नकारात्मकता आपका पीछा नहीं छोड़ रही है, तो वर्चुअल मेडिटेशन को अपने रूटीन में अवश्य शामिल करें।
दिनभर के अन्य कार्यों के समान चिंतन भी जीवन में आवश्यक है। मगर ओवरथिकिंग न केवल मेंटल हेल्थ को नुकसान होता है बल्कि इससे वर्क प्रोडक्टीविटी भी प्रभावित होने लगती है। इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि ओवरथिंकर्स के लिए ध्यान एक बेहतरीन उपचार है। इससे दिमाग में बढ़ने वाले नकारात्मक विचारों को दूर किया जा सकता है। हांलाकि ओवरथिकिंग के चलते मेडिटेशन में रूकावट बढ़ने लगती है, मगर वर्चुअल मेडिटेशन की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है।
साइंस डायरेक्ट की साल 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक वातावरण की मदद से तनाव को कम करके माइंडफुलनेस का बढ़ाया जा सकता है। रिसर्च में पाया गया कि ये लाभ इनडोर और निर्मित वातावरण की तुलना में प्राकृतिक आउटडोर सेटिंग में अधिक हैं। इसके अलावा इन लोगों का जुड़ाव प्रकृति से बढ़ने लगता है।
वर्चुअल रिएलिटी मेडिटेशन ध्यान लगाने की एक प्रक्रिया है, जिससे गैजेट की मदद से आसान बनाया जा सकता है। इसे नियमित रूप से करने से तनाव और चिंता का स्तर कम होने लगता है, जिससे व्यक्ति ओवरथिकिंग से बच जाता है। वीआर हेडसेट की मदद से किए जाने वाले इस मेडिटेशन प्रोसेस से मन में स्थिरता बढ़ने लगती है और सुकून मिलता है। इसे रोज़ाना करने से भावनाओं को नियंत्रित करने के अलावा नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता है।
वीआर मेडिटेशन यानि वर्चुअल रिएलिटी मेडिटेशन पारंपरिक ध्यान लगाने की प्रक्रिया की तुलना में ज्यादा आकर्षक और फायदेमंद है। आंखों पर गैजेट लगाकर की जाने वाली इस मेडिटेशन से अपने आसपास जंगल या फिर समुद्र की लहरें महसूस की जा सकती हैं। इसके अलावा में एकाग्रता बढ़ने लगती है। इसे घर पर बैठकर आसानी से किया जा सकता है। साथ ही ये वृद्धों, बच्चों और होम मेकर्स के लिए भी फायदेमंद है।
घर के अंदर या बाहर कहीं भी वर्चुअल मेडिटेशन को किया जा सकता है। मगर इस दौरान ओवरथिंकिंग से बचने और विचारों में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए किसी खास जगह को चुनें। जहां किसी भी प्रकार के शोर से दूर रोज़ाना बैठकर इस प्रक्रिया को एकचित्त होकर किया जा सके। इससे मेडिटेशन में आने वाली बाधा से बचा जा सकता है और मांइड रिलैक्स रहता है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि मेडिटेशन को एक ग्रुप में करने से कलेक्टिव एनर्जी की मदद मिलती है। मगर वर्चुअल रिएलिटी मेडिटेशन एक सोलो टास्क है। रूटीन में इसे शामिल करने के लिए इसे अकेले बैठकर किया जा सकता है। गैजेट की मदद से मेडिटेशन को नियमबद्ध तरीके से किया जा सकता है और नतीजे भी अच्छी निकलकर आते हैं।
माइंड को विचलित होने से बचाने के लिए वीआर मेडिटेशन (Virtual meditation से पहले कुछ देर योगाभ्यास करें। इससे शरीर में ऑक्सीज़न की मात्रा बढ़ जाती है, जो फोकस करने में भी मदद मिलती है। साथ ही शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता हैं। 10 से 15 मिनट योगासनों का अभ्यास करने के बाद मेडिटेशन को आरंभ करें। इसमें ब्रीदिंग एक्सरसाइज और प्राणायाम को शामिल करें। इसके अलावा मस्तिष्क को एक्टिव वाले योगासन भी दोहराएं।
ओवरथिंकिंग से बचने और मेडिटेशन को इंप्रूव करने के लिए अपने सैशन में लाइट म्यूज़िक को शामिल करें। इससे मन में उठने वाले विचारों को नियंत्रित करके माइंड को शांत रखने और नकारात्म्कता को दूर करने में मदद मिलती है। म्यूज़िक के ज़रिए इन्नर सोल को एनवायरमेंट से भी कनेक्ट किया जा सकता है।
मेडिटेशन के दौरान मन कई तरह के विचारों की ओर आकर्षित होने लगता है। इसके चलते व्यक्ति एंग्ज़ाइटी से ग्रस्त होने लगता है, जिससे इस प्रक्रिया को करने के दौरान हड़बड़ाहट, तो कभी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मेडिटेशन के वक्त सभी चिंताओं से मुक्त हो जाएं और विचारों पर फोकस करने की जगह अपने मन को एकचित्त करने पर ध्यान दें।
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