विद्या बालन ने हमेशा बॉडी पॉजीटिविटी पर बात की है। पर इस बार विद्या बालन वेट लॉस जर्नी (Vidya Balan weight loss journey) के कारण चर्चा में हैं। इसकी वजह है उनका बिना वर्कआउट के वेट लॉस करना। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें इन्फ्लेमेशन (Inflammation) के कारण लंबे समय से वेट लॉस करने में कठिनाई हो रही थी।
मगर इस साल के शुरु में उन्हें अपनी बॉडी में इन्फ्लेमेशन के बारे में पता चला। इसलिए इस बार उन्होंने वर्कआउट की बजाए इन्फ्लेमेशन कम करने पर ध्यान दिया। और उसका रिजल्ट यह हुआ कि बिना वर्कआउट के भी विद्या बालन वेट लॉस (Vidya Balan weight loss journey) कर पाईं। आप शायद न जानती हों, लेकिन बहुत सी महिलाओं के शरीर में वसा की बजाए सूजन होती है। जिसके कारण वे फूली हुई नजर आती हैं। आइए जानते हैं क्या है मोटापे और सूजन (Inflammation effect on weight) का कनैक्शन।
इन दिनों विद्या बालन का लुक काफी आकर्षक लग रहा है। 45 वर्षीय फिल्म अभिनेत्री पहले से काफी फिट नजर आ रही हैं। हालांकि उन्होंने हमेशा पतले या मोटे लुक को दरकिनार कर अपने शरीर के साथ पॉजीटिव रहने पर जोर दिया है। मगर हाल ही में आई उनकी फिल्म भूल भुलैया 3 के साथ उनके डांस और उनकी फिटनेस की भी चर्चा हो रही है।
पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित दिसंबर 2017 की एक रिसर्च के अनुसार इन्फ्लेमेशन वास्तव में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक डिफेंसिव मेकेनिज्म है। जो किसी भी रोगाणु, बाहरी संक्रमण या कोशिकाओं के डैमेज होने पर उत्पन्न हो सकती है। ये सभी कारक पेट, लिवर, गुर्दे, हार्ट, लंग्स आदि किसी भी हिस्से यहां तक कि पेंक्रियाज और प्रजनन तंत्र में भी सूजन का कारण बन सकते हैं। जिसके लंबे समय तक रहने से व्यक्ति को गंभीर बीमारियों का भी जोखिम हो सकता है।
डॉ अर्चना बत्तरा डायटीशियन और सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर हैं। वे सूजन को वेट लॉस जर्नी को मुश्किल बनाने वाली एक बड़ी बाधा मानती हैं। वे कहती हैं, “मैं बार-बार कहती हूं कि सूजन आपकी ओवरऑल सेहत को प्रभावित कर सकती है। वेट लॉस तभी संभव है जब आपकी सेहत पूरी तरह से ठीक होगी। विद्या बालन ही नहीं, बहुत सारी महिलाएं इन्फ्लेमेशन के कारण ओवरवेट दिखती हैं। जब वजन घटाने और फैट बर्न करने की बात आती है, तो पहले इन्फ्लेमेशन को चेक करना और कंट्रोल करना जरूरी है।”
इसके लक्षण कई और बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। इसलिए अकसर लोग इन्हें पहचान नहीं पाते। पर नीचे दिए गए लक्षणों में से दो या अधिक लक्षण महसूस होने पर आपको अपने डॉक्टर से बात कर इन्फ्लेमेशन की जांच करवानी चाहिए।
डॉ अर्चना कहती हैं, “सूजन हमारे शरीर की चोट या संक्रमण के प्रति प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। लेकिन, एक्यूट इन्फ्लेमेशन की बजाए क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन लंबे समय तक बनी रहती है। यह ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह अधिक वजन बढ़ने या वजन कम करने में परेशानी का कारण भी बन सकती है।” विद्या बालन ने भी माना कि उनकी वेट लॉस जर्नी (Vidya Balan weight loss journey) की सबसे बड़ी दुश्मन इन्फ्लेमेशन थी।
क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन शरीर की पोषक तत्वों को सही तरीके से प्रोसेस और स्टोर करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है और मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी पैदा कर सकती है। जिससे इंसुलिन हार्मोन का प्रतिरोध या फैट का अधिक संचय होने लगता है।
इस स्थिति में तनाव हार्मोन यानी कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ सकता है। अधिक कोर्टिसोल खासकर मीठे और तैलीय खाने की क्रेविंग बढ़ाता है और पेट के आसपास फैट जमा करता है। यह शरीर के लिए फैट घटाना या जलाना भी मुश्किल बना देता है।
वजन घटाने की परेशानी के अलावा, क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन हृदय रोग या मधुमेह जैसी लाइफस्टाइल डिजीज का जोखिम भी बढ़ा देती है। जिससे आपके लिए वेट लॉस करना और भी मुश्किल हो जाता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंडॉ अर्चना बत्तरा कहती हैं,”अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं और इन्फ्लेमेशन को इसमें बाधा महसूस कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले अपने आहार पर ध्यान देना होगा। हमारे द्वारा रोज खाया जाने वाला भोजन भी हमारे शरीर में सूजन के स्तर को प्रभावित करता है।
अगर कोई व्यक्ति सूजन से जूझ रहा है, तो उसे पौष्टिक और संतुलिन भोजन विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए। जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और विभिन्न प्रकार के हेल्दी फैट शामिल हैं। बेरीज और हल्दी को शामिल करना भी सूजन कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
दूसरी ओर, ज्यादा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन इस स्थिति को और खराब कर सकता है। एक एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट और हेल्दी ईटिंग हेबिट्स सूजन की समस्या को काफी हद तक हल कर सकती हैं। मेरा मानना है कि स्वस्थ शरीर एक स्वस्थ मन की ओर पहला कदम है।”
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