मां बनना चाहती हैं, तो इन 4 योगासनों से बढ़ाएं अपनी प्रजनन क्षमता
योगाभ्यास आपके तन और मन दोनों को मां बनने के लिए तैयार होने में मदद करता है। अकसर हर रोज़ की भागदौड़ में आप अपनी सेहत के उन पहलुओं को नजरंदाज कर जाती हैं, जो आपकी प्रजनन क्षमता को हिडन नुकसान पहुंचाते हैं। उनसे बचने और फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए नियमित योगाभ्यास जरूरी है।
इनफर्टिलिटी की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है। शरीर में पोषण की कमी, हार्मोन इंबैलेंस, डायबिटीज़ और बढ़ता तनाव इनफर्टिलिटी का कारण बनने लगता है। ऐसे में दवाओं, खानपान और उपचार की मदद लेने के अलावा शरीर को एक्टिव रखना भी ज़रूरी है। रोज़ाना सुबह कुछ देर योगासनों का अभ्यास (benefits of yoga) करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) बढ़ने लगता है, जो बॉडी फंक्शनिंग को बनाए रखने में मदद करता है। दरअसल, देर तक बैठने से शरीर का वज़न बढ़ने लगता है, जो इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण (causes of infertility) बनने लगता है। जानते हैं किन योगासनों की मदद से इनफर्टिलिटी की समस्या को करें हल (yoga poses to increase fertility)।
क्यों बढ़ने लगती है महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या (Causes of infertility in women)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजे़श के अनुसार विश्वभर में रिप्रोडक्टिव एज के दौरान हर छ में से एक व्यक्ति इनफर्टिलिटी का शिकार है। शरीर में फैलोपियन ट्यूब, यूटर्स, फाइब्रॉइड और एंडोक्राइन सिस्टम में आने वाली दिक्कत इस समस्या को बढ़ा देती है। इसके अलावा अनियमित खानपान, व्यायाम की कमी, तनाव और अल्कोहल इनटेक इस खतरे को बढ़ा देता है।
इन योगासनों की मदद से फर्टिलिटी की समस्या को करें इंप्रूव (Tips to improve fertility in women)
1. विपरीतकरणी आसन (Legs up the wall pose)
टांगों को उपर उठाकर किए जाने वाले इस योगासन से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे सिरदर्द, तनाव और अनिद्रा से राहत मिलती है। इसके अलावा पेल्विक मसल्स को मज़बूती मिलती है, जिससे लोअर बॉडी मसल्स एक्टिव हो जाते है और प्रजनन स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।
जानें विपरीतकरणी आसन करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल ज़मीन पर लेट जाएं और दोनों टांगों को सीधा कर लें और एक दूसरे से जोड़कर रखें।
अब दोनों टांगों को दीवार से लगाएं और उन्हें घुटनों से सीधा करके रखें। इसके बाद दोनों बाजूओं को फैलाकर रखे।
इसके बाद गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें। 2 से 3 मिनट तक इसी मुद्रा में रहें और सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
दिन में दो बार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे लोअर बॉडी से जुड़ी समस्याएं कम होने लगती हैं।
2. सुप्तबद्ध कोणासन (Bound angle pose)
सुप्तबद्ध कोणासन का अभ्यास करने से लोअर बैक पेन से राहत मिलती है और शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और ब्लोटिंग को कम किया जा सकता है। इससे लोअर बॉडी को मज़बूती मिलती है।
जानें सुप्तबद्ध कोणासन करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल ज़मीन पर लेट जाएं। अब पीठ को सीधा कर लें और टांगों को भी घुटनों से सीधा करें।
अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए अंदर की ओर लेकर आएं और दोनों पंजों को आपस में मिलाकर रखें और आंखें बंद कर लें।
सांस पर नियंत्रण बनाकर रखें। योगासन के दौरान गहरी सांस लें और धीरे धीरे रिलीज़ करे। इस योगासन से हिप्स और कूल्हों में बढ़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है।
नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को एक्टिव और हेल्दी बनाए रखता है। शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।
3. गुप्त पद्मासन योग (Hidden lotus pose)
फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए गुप्त पद्मासन योग के अभ्यास से प्रजनन क्षमता में सुधार आने लगता है। इससे रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को मज़बूती मिलती है। इस दौरान शरीर का ब्लड सर्कुलेशन उचित बना रहता है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और पीठ को सीधा कर लें। अब दाएं पैर को बाई टांग और बाएं पैर को दाई टांग पर रखें।
अब शरीर का बैलेंस मेंटेन करते हुए सिर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन पर लगाकर रखें। इस दौरान सिर के नीचे कोई कपड़ा या तकिया रखें।
दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए आपस में जोड़ लें और पीठ पर दोनों हाथों को टिकाएं। फिर नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
गहरी सांस लें और छोड़ें और शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।
4. उत्कट कोणासन (Goddess pose)
शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट्स को बर्न करने और पेल्विक मसल्स की मज़बूती के लिए इस योगासन का अभ्यास करे। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और मसल्स में बढ़ने वाली ऐंठन को भी कम किया जा सकता है।
जानें उत्कट कोणासन करने की विधि
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों को खोल लें और पंजों को बाहर की ओर लेकर जाएं।
टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए शरीर का बैलेंस बनाए रखें। अब दोनों हाथों को आपस में जोड़े और नमस्कार की मुद्रा बनाकर रखें।
दोनों बाजूओं को नमस्कार की मुद्रा में उपर लकर जाएं और बाजूओं को कोहनियों से सीधा करके रखें।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योग मुद्रा में रहें और फिर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें