40 के बाद वजन कम करना चाहती हैं, तो हमेशा याद रखें ये 5 जरूरी बातें

महिलाएं 40 के बाद शारीरिक गतिविधि को कम कर देती है जिसके बाद कई तरह की समस्या उन्हे हो सकती है आज आपको बताते है कि आप कौन 40 के बाद कौन सी एक्सरसाइज कर सकती है।
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जैसे-जैसे उम्र अधिक होती है, मांसपेशियां कम होती जाती हैं। इसके कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है। चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 18 Mar 2023, 08:00 am IST
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40 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं के जीवन को उतना महत्व नही दिया जाता है। ऐसी धारणा है कि 40 के बाद से उम्र बढ़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है। महिलाएं अगर 40 की उम्र के बाद अपनी जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि को बिल्कुल खत्म कर देती है तो यह आपके लिए काफी दर्दनाक हो सकता है क्योंकि इससे आपको रक्तचाप, खराब हृदय स्वास्थ्य, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी कुछ बिमारियां जकड़ सकती है। एक्सरसाइज आपकी उम्र बढ़ने की गति को रोक नही सकता है लेकिन इसे धीरे जरूर कर सकता है। शारीरिक गतिविधि से आपका वजन कम रह सकता है साथ ही कई बिमारियों से आप बच सकते है।

महिलाएं 40 के बाद अपने प्रजनन के समय से निकलकर मेनोपॉज की तरफ बढ़ती है जिससे उनके शरीर में काफी बदलाव आते है। 40 के बाद आप हर वर्ष एक प्रतिशत मांसपेशियोंको खोती है इससे आपकी ताकत में भी थोड़ी कमी आती है। सही प्रकार से व्यायाम करके आप कई तरह से मांसपेशियों के नुकसान को रोक सकते है। मांसपेशियों में गिरावट उम्र बढ़ने का एक सामान्य सा संकेत है।

40 बाद शारीरिक गतिविधि क्यों जरूरी है 

जो महिलाएं अपने जीवन में सक्रिय रहती है चाहे वो किसी भी वजह से हो उनके लिए स्वस्थ्य रहना थोड़ा आसान हो जाता है लेकिन जो महिलाएं निष्क्रिय होती है उनको यह थोड़ा कठिन लग सकता है तो आपको बताते है कुछ ऐसे एक्सरसाइज जिसे आप अपने 40 पार करने के बाद करके अपने वजन को नियंत्रित कर सकती है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) दोनों 64 वर्ष की आयु तक के वयस्कों के लिए सप्ताह में कम से कम 150 से 300 मिनट के मध्यम व्यायाम या 75 से 150 मिनट के जोरदार एरोबिक व्यायाम की सलाह देते हैं।

Weight loss 40 ke baad
कुछ अच्छी आदतें अपनाकर वेट लॉस आसानी से किया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

40 के बाद किस तरह की एक्सरसाइज है आपके लिए फायदेमंद

लचीलापन (Flexibility)

लचीलापन 40 के बाद काफी जरूरी हो जाता है। अगर आपके शरीर में लचीलापन है तो ये आपकी जीवनशैली के काफी बेहतर करता है। यह शारीरिक गतिविधियों के प्रदर्शन में सुधार करती है। चोटों के जोखिम को कम करने के लिए भी लचीलापन काफी मददगार साबित होता है। जोड़ो के दर्द से भी बचाव करता है और मांसपेशियों का रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है।

ज्यादा कार्डियो न करें ( don’t over do cardio)

अगर आपने नया-नया वर्कआउट करना शुरू किया है तो ज्यादा लंबा समय तक कार्डियो एक्सरसाइज न करें। क्योंकि इसके लिए आपको ज्यादा सहनशक्ति के साथ प्रशिक्षण की भी जरूरत होती है। 40 के ऊपर के लोगों को 45 मिनट से ज्यादा कार्डियो करने का सलाह नही दी जाती है।

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साइकिल चलाना (Cycling)

साइक्लिंग कीनसलाह हर किसी को दी जाती है चाहे वो किसी भी उम्र का ही क्यों न हो। साइकिल चलाने से कैलोरी को बर्न करने के साथ-साथ कई तरह के स्वास्थ लाभ भी आपको मिलते है। साइक्लिंग कार्डियोवस्कुलर फिटनेस में वृद्धि, मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन को बढ़ाना, तनाव के स्तर में कमी, हड्डियों को मजबूती मिलती है, शरीर में वसा कम होता है, रोग की रोकथाम या प्रबंधन में मदद मिलती है।

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तनाव के स्तर को प्रबंधित करके, आप दुबले और स्वस्थ रहने का प्रयास कर सकते है।

योग (yoga)

योग उच्च-कैलोरी जलने वाले प्रभावों के लिए जरूरी नहीं है, यह आपके शरीर को और अधिक स्थानांतरित करने, तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद करने की क्षमता के कारण एक अच्छा उपकरण हो सकता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, पुराना तनाव अवांछित वजन को बढ़ा सकता है। तनाव के स्तर को प्रबंधित करके, आप दुबले और स्वस्थ रहने का प्रयास कर सकते है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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