सर्दियां आते ही हवा शुष्क और सर्द हो जाती है। शरीर को गर्म होने में मुश्किल होती है और रक्त परिसंचरण में गिरावट आती है। इसके परिणामस्वरूप, हम मांसपेशियों में जकड़न और जोड़ों में कठोरता का अनुभव करते हैं। इन सरल योगासनों की मदद से आप उस कठोरता को कम करके खुद को चुस्त-दुरुस्त कर सकती हैं। ये योगासन पूरे शरीर में ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में भी मदद करेंगे।
इसे कैट काउ पोज के रूप में भी जाना जाता है। यह आपकी रीढ़ की हड्डी को एक वेक-अप कॉल देने में मदद करते हैं। सुबह के समय सबसे पहले यह आसन करने से पीठ की जकड़न को हटाने में मदद मिलती है।
सबसे पहले अपने घुटनों और हथेलियों के बल आ जाएं। कलाई-कंधे और घुटने-कूल्हे को एक सीध में रखें। सांस लेते हुए आगे की ओर देखें। सांस छोड़ते हुए पीठ को गोल करें और सिर को अंदर की ओर घुमाएं। रिलीज का अनुभव करने के लिए सांस के साथ समन्वय में बस इस आसन को कुछ बार दोहराएं।
यह व्यायाम जोड़ों की चिकनाई को जुटाने के लिए किया जाता है। जब जोड़ों में अकड़न होती है तब यह विशेष रूप से ठंड और शुष्क मौसम में सहायक होते हैं। सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास करने में केवल 10 से 15 मिनट लगते हैं और यह व्यायाम हमारे जोड़ों में ऊर्जा के स्थिर प्रवाह को बनाए रखता है। यह इंद्रियों को तेज कर मन को तरोताजा करता है।
गर्दन की गति: बस गर्दन को चारों दिशाओं में घुमाएं: ऊपर, नीचे, बाएं, दाएं और वापस केंद्र में। इसे 3-5 बार दोहराएं।
कलाई को घुमाना: एक मुट्ठी बनाएं और अपने हाथों को कंधे की ऊंचाई पर आगे बढ़ाएं। बाहरी घेरे बनाएं और उसके बाद आंतरिक घेरे बनाएं । इसे 5-10 बार दोहराएं।
पॉइंट एंड फ्लेक्स द फीट: इस स्ट्रेच आउट को खड़े या बैठे हुए किया जा सकता है। अपने पैर की उंगलियों को प्लांटर फ्लेक्सन में रखें और फिर अपने पैर की उंगलियों को डोरसिफ़्लेक्सन में बदल दें। एंकल ज्वाइंट से पंजो को घुमाते रहें। इसे 5-10 बार दोहराएं।
यह मुद्रा आपकी सुबह की रीढ़ की कठोरता को मुक्त करते हुए हैमस्ट्रिंग और ग्लूटस को गहराई से खींचने में मदद करती है।
बाएं पैर को 45 डिग्री के कोण पर रखते हुए दाएं पैर को आगे बढाएं। पैरों के बीच 3 फीट की दूरी बनाए रखें। अपनी पीठ के पीछे की उंगलियों को पकड़ें और शरीर को आगे के पैर की ओर मोड़ें। पैर की उंगलियों को देखते हुए अपनी बाहों को फैलने दें। 30 सेकंड के लिए होल्ड करें और बाईं ओर की तरफ भी दोहराएं।
यह एक बेहतरीन फाउंडेशनल पोज़ है जो पूरे शरीर पर काम करने में मदद करता है। यह बाहों, कंधों, रीढ़, कूल्हों और पैरों को फैलाता है।
अपने घुटनों पर जाएं और अपनी हथेलियों को चटाई पर आगे रखें। अपने घुटनों को ऊपर उठाने के लिए फर्श को धकेलें। रीढ़ की हड्डी में लंबाई बनाते हुए, अपने कूल्हों को छत की ओर इंगित करने दें। पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग रखें और हथेलियों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें। गर्दन को रिलैक्स रखें। 30 सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें। एक बार फिर से करें और दोहराएं।
भुजंगासन या कोबरा मुद्रा एक शानदार बैक बेंड है, जो सर्दियां के दौरान कड़ी और तंग मांसपेशियों को छोड़ने में मदद करता है। यह श्वसन में सुधार करते हुए छाती को खोलने में मदद करता है।
पेट के बल लेट जाएं। हथेलियों को अपनी छाती के किनारों पर रखें और धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर उठाने के लिए फर्श को धकेलें।
बाजुओं को पूरी तरह से सीधा न करें। कोहनियों को हल्का सा मुड़ा हुआ रखें। कंधों को रिलैक्स होने दें। सुनिश्चित करें कि गर्दन को तनाव न दें। 30 सेकंड के लिए इसी अवस्था में रहें, धीरे-धीरे छोड़ें और दोहराएं।
इन योगासनों की मदद से इस सर्द मौसम में आपके शरीर में चुस्ती बनाए रखने में मदद मिल सकती है!
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