लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल जाने के कारण हमारे खान-पान की आदतें अनियमित हो गई हैं। खासकर त्योहारों के दिन में हम न केवल ज्यादा खा लेते हैं, बल्कि भारी और गरिष्ठ भोजन भी ले लेते हैं। नतीजा एसिडिटी, ब्लोटिंग और गैस के रूप में सामने आता है। पेट के अंदर हवा फंसी हुई महसूस होने लगती है। इस गैस को बाहर निकालने के लिए आप संघर्ष करने लगती हैं और फार्ट के लिए दबाव बनाने लगती हैं। गैस से राहत पाने के लिए कुछ योग मुद्रा का सहारा लिया जा सकता है।
हेल्थ शॉट्स ने अक्षर योग अनुसंधान और विकास केंद्र के संस्थापक हिमालयन सिद्ध अक्षर से संपर्क किया, जिन्होंने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और फार्ट के द्वारा गैस पास करने में मदद करने के लिए 5 योगासन बताए।
अक्षर कहते हैं, “फार्टिंग एक सामान्य घटना है और यह खास प्रकार की योग मुद्रा का अभ्यास करते समय होता है। योग के दौरान शरीर की सारी हवा संतुलित रहती है। यह गैस को पास होने की अनुमति देता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है।
फार्ट को होल्ड न करें, क्योंकि यह शरीर से अवांछित गैस को खत्म करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। योग आपको इसमें सुरक्षित और समग्र रूप से मदद करता है।
मलासन, प्रसारिता पदोत्तानासन, पवनमुक्तासन आदि योग मुद्राओं का अभ्यास करने से पाचन में सुधार होता है और गैस मुक्त होती है। इन पोज को विंड-रिलीविंग या गैस-रिलीज पोज के रूप में सामान्य माना जाता है। पेट की चर्बी कम करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के लिए ये आसन सबसे अच्छे हैं। ज्यादा खाने से हुई दिक्कत को ठीक करने, नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने और वजन घटाने में सहायता करने के लिए इन योग आसनों को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। ये योग आसन पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं।
पोश्चर का फाॅर्मेशन:
शरीर के बगल में अपनी बाहों के साथ अपनी पीठ के बल या आरामदेह स्थिति में लेटें।
सांस लें और श्वास छोड़ते हुए अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर लाएं और अपनी जांघों को अपने पेट से दबाएं।
सांस लें और जैसे ही आप सांस छोड़ें, अपने सिर को फर्श से ऊपर उठाएं, अपनी ठुड्डी को अपने घुटनों को छूने दें।
इस मुद्रा में गहरी, लंबी सांसें अंदर और बाहर लें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंपोज को रिलीज करते हुए प्रारंभिक स्थिति में लौटें। इसके लिए पहले अपने सिर को नीचे लाएं और फिर अपने पैरों को।
इसे 2-3 बार दोहराएं और फिर आराम करें।
पोश्चर का फाॅर्मेशन:
• इस आसन को शुरू करने के लिए पहले बैठ जाएं और फिर अपने पैरों को बाहर की ओर फैलाएं।
अपनी एड़ियों को एक साथ लाते हुए अपने पैरों को जोड़ लें।
अपनी पीठ सीधी रखें।
अपने पेल्विस, थाई और काव्स को टाइट कर लें।
आगे की ओर देखें।
रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए अपनी हथेलियों को अपने कूल्हों के पास फर्श पर रखें।
अपने कंधों को आराम दें।
पोश्चर का फाॅर्मेशन:
• बाहों को अपनी-अपनी साइड में रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं।
घुटनों को मोड़ लें। पेल्विस को नीचे की ओर रखें और इसे अपनी एड़ी के ऊपर रखें
सुनिश्चित करें कि आपके पैर फर्श से फ्लैट लगे हुए हों
आप या तो अपनी हथेलियों को अपने पैरों के पास फर्श पर रख सकती हैं या प्रार्थना की मुद्रा में उन्हें अपनी छाती के सामने जोड़ सकते हैं
रीढ़ सीधी रहनी चाहिए।
पोश्चर का फाॅर्मेशन:
समस्थी से शुरुआत करें।
हार्ट चक्र के पास नमस्ते की मुद्रा में दोनों हथेलियों को मिलाएं। बाहों को ऊपर उठाएं।
घुटनों को मोड़ें और पेल्विस को धीरे-धीरे नीचे करें।
सुनिश्चित करें कि आपका पेल्विस फर्श के समानांतर हो और घुटनों पर 90 डिग्री झुका हुआ हो।
टखनों और घुटनों को एक सीधी रेखा में एलाइन हो
अपना ध्यान अपने नमस्कार पर केंद्रित करें
सुनिश्चित करें कि रीढ़ सीधी रहे
पोश्चर का फॉर्मेशन
दंडासन करते हुए शुरुआत करें
अपने पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ लाएं
एड़ी को पेल्विस के करीब खींचें
धीरे से अपने घुटनों को नीचे करें
अपने पेट से हवा निकालते हुए अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने माथे को फर्श की ओर बढ़ाएं।
इन आसनों के अलावा, स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए वज्रासन किया जाता है, जिसे भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। प्रत्येक आसन को 30 सेकंड तक करने की कोशिश करें। इसे 5 सेट के लिए दोहराएं।
पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जितना हो सके घर पर ही खाएं। मसालेदार, प्रोसेस्ड और हाई फैट या चीनी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। इसकी बजाय घर का बना भोजन खाएं। आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए ढेर सारा फाइबर भी खा सकती हैं। साथ ही, खूब पानी पीकर स्व्यं को हाइड्रेटेड रखें।
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