लंबे समय तक बैठना और लंबे समय तक खड़े रहना, दोनों प्रक्रिया स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कामकाज के लिए बैठे रहना और खड़े रहने की जरूरत पड़ती है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना अधिक जरूरी है। इसके लिए बीच – बीच में अपने पोजीशन में बदलाव लाना जरूरी है। शारीरिक गतिविधि करते रहने से कई गंभीर रोगों का जोखिम (Exercise for long sitting hour) कम हो जाता है।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बैठने के समय और गतिविधि के स्तर पर 13 अध्ययन किया। इसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जो लोग बिना किसी शारीरिक गतिविधि के दिन में आठ घंटे से अधिक समय तक बैठे रहते हैं, उनमें मोटापे और हृदय रोग के कारण मरने का जोखिम अधिक होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रति दिन 4 घंटे से कम बैठने पर जोखिम नहीं हो सकता है। यदि प्रति दिन 4 -8 घंटे तक लगातार बैठा जाता है, तो मध्यम स्वास्थ्य जोखिम हो सकता है। वहीँ प्रति दिन 8 – 11 घंटे तक बैठने वाले लोग हाई डिजीज रिस्क जोन में आ जाते हैं। प्रति दिन 11 घंटे से अधिक बैठने पर गंभीर बीमारी होने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक समय तक खड़े रहने के भी अपने स्वास्थ्य जोखिम हैं। आप बिना ज्यादा हलचल किए और इधर-उधर बिना घूमे, लंबे समय तक खड़ी रहती हैं। ये भी आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। जिन जॉब्स में पूरे दिन खड़े रहने की जरूरत पड़ती है, वे लोग आमतौर पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पैर की मांसपेशियों और टेंडन में ब्लड सर्कुलेशन कम होना जैसी समस्याओं से जूझ सकते हैं।
योग टीचर और इंस्ट्रकटर डॉ. स्मृति अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं कि जिन लोगों को लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है या बैठना पड़ता है, उन्हें एक योग अभ्यास से काफी रिलीफ मिल सकती है। इसका अभ्यास उन्हें रोजाना खाली पेट करना चाहिए। वे चाहें तो भोजन के साथ तीन घंटे का अंतर रखकर कर सकते हैं। ज्यादातर आसनों को कम से कम 3-4 घंटे के भोजन अंतराल पर करने की सलाह दी जाती है। इसलिए इन्हें सुबह करना बेहतर होगा।
इसे उल्टा शशंकासन भी कहा जा सकता है।
कैसे किया जाए (How to do Counter Shashankasana)
अपनी छाती को ऊपर उठायें।
दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर ऊपर उठाये रखें।
पैर को एक-दूसरे से अलग रखें।
गर्दन सीधी रखें, लेकिन ऊपर नहीं देखें।
आंखें बंद रखें।
पेट को योग मैट की तरफ पुश करें।
सांसों पर नियन्त्रण (control on Inhale and exhale)
शरीर को ऊपर उठाते समय सांस लें, सांस को रोके रखें।
जब नीचे जाएं तो सांस छोड़ें।
कुछ सेकंड्स से शुरुआत कर इस पोज में रोज 1 मिनट तक रह सकती हैं।
इस आसन से गर्दन दर्द (Neck Pain), सर्विकल पेन (Cervical Pain), लोअर बैक पेन (Lower Back Pain), लोअर बैक स्टिफनेस (Lower Back Stiffness), थारोइडिज्म (Thyroidism) से छुटकारा मिल सकता है। इससे लोअर बैक मजबूत (Strengthen Lower Back) हो सकता है। इससे डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) मजबूत हो सकता है। इससे ओवरआल स्पाइनल हेल्थ (Overall Spinal Health) को फायदा मिल सकता है।
ध्यान दें कि जब भी लंबे समय तक बैठना पड़े, तो बीच-बीच में उठकर चल (Exercise for long sitting hour) लें। इससे मांसपेशियों में ब्लड फ्लो सुचारू रूप से होगा। मांसपेशियां मजबूत बनी रहेंगी।
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