आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में कई लोग अपनी सेहत के बारे में नहीं सोचते। ऑफिस के काम के कारण 8-9 घंटे चेयर पर बैठने के कारण व्यक्ति बहुत थक जाता है। फिर चाहे वो वर्क फ्रॉम होम हो या डेस्क जॉब, गलत पॉश्चर और बिना रुके काम करने के कारण पीठ में दर्द होना एक स्वाभाविक सी बात है।
लेकिन पीठ का दर्द या पीठ में होने वाली अकड़न के लिए कई तरह के योगासन है, जो व्यक्ति की मदद कर सकते है। अगर आपको भी पीठ में दर्द या अकड़न की समस्या है तो कुछ योगासन करके आप अपनी इस समस्या से मुक्त हो सकते है।
योग के कई फायदे होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य को समृद्धि देते हैं। योग शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है।
योग व्यक्ति के शारीरिक सुधार के लिए बहुत लाभप्रद होता है। योग शारीरिक लचीलापन और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है और योगासन करने से संवेदनशीलता और संतुलन में सुधार होता है। साथ ही योग कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, और आंतरिक रोगों के इलाज में मदद करता है।
योग मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है और स्ट्रेस, चिंता, और डिप्रेशन की स्थिति को कम करता है। इसके साथ ही योग करने से ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से मानसिक शांति और सामंजस्य में सुधार होता है।
योग करने से शरीर में तंदुरुस्ती बनी रहती है, जिससे रोगों के प्रति सुरक्षा बढ़ती है। वहीं योग करने से विभिन्न प्रकार के बीमारियों का प्रतिरोध मजबूत होता है। वहीं, योग के फायदों को प्राप्त करने के लिए नियमित और सही तरीके से अभ्यास करना महत्वपूर्ण है, और योग के शिक्षक या गाइड की मार्गदर्शन में कामयाब हो सकता है।
ऑफिस के कामों के कारण बैठे रहने से होने वाले पीठ दर्द को कम करने के योगगुरु बाबा रामदेव ने कई तरह के योग आसन और मुद्राएं बताई हैं। उनमें से 4 योगासनों की जानकारी हमने आपके लिए संरक्षित की है। पीठ के दर्द को कम करने के लिए, आप इन योग आसनों का अभ्यास कर सकते हैं।
कटि चक्रासन एक प्रसिद्ध योग आसन है, जो पीठ और कमर की समस्याओं को दूर करता है और पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। यह आसन शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने, कमर के दर्द को कम करने, और शरीर की लचीलापन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
-सबसे पहले, एक योगमाट पर खड़े हो जाएं। आपके पैर एक-दूसरे से थोड़ा दूरी पर रखे जाएं।
-इसके बाद दोनों हाथों को कंधों की दूरी के हिसाब से सीधे करें।
-इसके बाद सांस लेते हुए, कमर और सिर को दाहिनी तरफ घुमाएं।
-ऐसा करते हुए पैरों को स्थिर रखें।
-फिर बाई हथेली को दाएं कंधे पर रखें और आपको आपके दाईं ओर मोड़ना होगा। इसके लिए, आपको अपने बाएं हाथ को आपके दाएं पैर के पास ले जाना होगा, जैसे कि आप दाएं ओर की ओर झुक जाएं।
-20-30 सेकंड तक इस स्थिति में बनी रहें, और फिर दूसरी ओर से करें।
मालासन एक पौराणिक योग आसन है, जिसका मुख्य उद्देश्य कूल्हों, जांघो और पीठ को मज़बूत बनाना होता है। यह आसन आपके जोड़ों और मांसपेशियों को संवेदनशील बनाने, कमर को मजबूत करने, और पेट के आसपास की मांसपेशियों को संरेखित करने में मदद कर सकता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें-मलासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को थोड़ी दूर करते हुए सीधे खड़े हों।
-सीधे खड़े होने के बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को बाहर की तरफ मोड़ें।
-उसके बाद शरीर को थोड़ा नीचे लाए यानी रीढ़ को सीधा रखते हुए नीचे की तरफ बैठे।
-इसके बाद प्रणाम की मुद्रा करें और कोहनी को दोनों जांघो पर टिकाएं।
-इसी अवस्था में थोड़ी देर रहें , फिर कुछ देर बाद इसे दोहराएं।
कपोतानासन एक योगासन है जो शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। संस्कृत में कबूतर को कपोत कहते है और इस आसन में शरीर को कपोत यानी कबूतर जैसे करना पड़ता है। इस आसन में आपको अपने हाथों और घुटनों के साथ ज़मीन पर बैठकर अपने शरीर को स्ट्रेच करना होता है।
ऐसे करें कपोतासन
-इसके लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें।
-फिर घुटने को शरीर के बल उठाते हुए पीछे की ओर मुड़े।
-पीछे मुड़ते हुए अपने हाथों को पैर के पंजों के पास रखें।
– शरीर को पीछे मोड़ते हुए सिर को भी पीछे ले जाएं और जमीन से टिका लें।
-कुछ समय के लिए इस अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे उठते हुए वापस वज्रासन में बैठे और आराम करें।
मार्जरी आसन (Marjariasana) को “Cat-Cow Pose” भी कहा जाता है। मार्जरी संस्कृत का शब्द होता है, जिसका अर्थ ‘बिल्ली’ होता है। यह आसन करते हुए व्यक्ति बिल्ली की तरह दिखाई पड़ता है। यह एक प्रसिद्ध योग आसन है जो पीठ और कमर की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
ऐसे करें मार्जरी आसन
-सबसे पहले एक योगा-मैट बिछाए और उसमे अपने दोनों घुटनों के टेक कर बैठ जाएं।
-आपके हाथ कंधों के नीचे और आपके घुटनों के नीचे रखे जाएं।
-सांस बाहर करते समय अपनी पीठ को धीरे-धीरे ऊपर करें, और अपनी ठुड्डी को आपकी पेट की ओर घुमाएं। इस स्थिति में, आपकी पूरी पीठ ऊपर रहती है, और आपकी कमर नीचे मुड़ी होती है।
-इसके बाद सांस अंदर लेते समय अपनी पीठ को धीरे-धीरे नीचे करें, और आपकी ठुड्डी को बाहर निकालें । इस स्थिति में, आपके पूरी पीठ नीचे मुड़ी होती है, और आपकी कमर ऊपर मुड़ी होती है।
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