खानपान की गड़बड़ी और लाइफस्टाइल की दिक्कतों के कारण मोटापा होता है। मोटापा के कारण कई बीमारियां होती हैं। आयुर्वेद कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होते हैं। कई तरह के आयुर्वेदिक जड़ी बूटी मोटापा को कम करने में (Ayurvedic Herbs for weight loss) कारगर हैं। इसके लिए हमने बात की आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू से।
डॉ. नीतू कहती हैं, ‘शुंठी, त्रिफला, चित्रक, गुडूची, विडंग, गुग्गुलु जैसे आयुर्वेदिक हर्ब मोटापा दूर करने में कारगर हैं। इसे चूर्ण या रस के रूप में लिया जा सकता है। वहीं शरीर से टोक्सिन को बाहर निकालने के लिए रेचक के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। चरक संहिता में अतिस्थूलता यानी मोटापा के लिए क्षौद्र (honey) को भी बढ़िया माना गया है।
डॉ. नीतू कहती हैं, आयुर्वेदिक हर्ब शुंठी के उपयोग का उल्लेख चरक संहिता, सुश्रुत संहिता में भी मिलता है। यह पाचन प्रक्रिया को सही कर शरीर के मेटाबोलिज्म में सुधार लाता है। यह फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है। इसमें फाइटोकेमिकल जिंजरोल उपस्थित होता है, जो मोटापा घटाने में मदद कर सकता है।
कैसे करें प्रयोग
एक चौथाई स्पून शुंठी सुबह खाली पेट लिया जा सकता है।
महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक हर्ब में से एक है त्रिफला। इसमें आमलकी विभीतकी और हरीतकी भी समान मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें कई कंपाउंड शामिल होते हैं। इसमें गैलिक एसिड, चेबुलजिक एसिड और चेबुलिनिक एसिड के अलावा कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल्स और डाएटरी फाइबर भी मौजूद होते हैं।
कैसे करें प्रयोग
रोज सुबह-शाम खाली पेट आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण लिया जा सकता है।
चित्रक वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को शांत करता है। इससे कब्ज दूर होता है।
कैसे करें प्रयोग
चित्रक की छाल से तैयार काढ़ा को रोज सुबह-शाम लिया जा सकता है।
आयुर्वेद में गिलोय को गुडूची कहा जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह इम्युनिटी को बूस्ट करता है और हर तरह के स्किन डिजीज को दूर करने में मदद भी करता है। गिलोय को ही गुडूची नाम से जाना जाता है। यह बोवेल मूवमेंट को सही करता है है वजन घटाता है। यदि इसे एलोवेरा और शिलाजीत के साथ मिलाकर लिया जाता है, तो यह बैली फैट घटाने में कारगर होता है।
कैसे करें प्रयोग
वजन कम करने के लिए आधा कप गिलोय के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर लिया जा सकता है। डायबिटीज के पेशेंट शहद मिलाकर नहीं लें।
नागरमोथा में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है। इसी वजह से यह एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों वाला होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट फ्लेवोनोइड्स भी पाए जाते हैं। आयुर्वेदिक हर्ब पर की गई स्टडी बताती है कि नागरमोथा हर्ब वजन बढ़ने से रोकता है। इसमें राइजोम कंपाउंड पाए जाते हैं। यह एंटी ओबेसिटी वाला माना जाता है। इससे शरीर को वसा कम करने में मदद मिलती है।
कैसे करें प्रयोग
नागरमोथा राइजोम जूस का सेवन प्रतिदिन करने से वेट लॉस में मदद मिलती है।
विडंग कफ और वात दोष को खत्म करता है। इससे कब्ज, मोटापा, पेट फूलने की समस्या से राहत मिल सकती है।
कैसे करें प्रयोग
खाने से पहले गुनगुने पानी में आधा स्पून विडंग चूर्ण मिलाकर लिया जा सकता है।
गुग्गुल वात, पित्त और कफ दोष को दूर करता है। यह शरीर के टोक्सिन को दूर कर शरीर के वजन को घटाता है।
कैसे करें प्रयोग
गुग्गुल को वटी के रूप में लिया जा सकता है। इसके आधा चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। गुग्गुल के अलावा खांसी-जुकाम को कम करने वाली पिप्पली भी कारगर है।
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