हम जानते हैं कि योग के लगातार अभ्यास करने से आपके शरीर में गतिशीलता, शक्ति, लचीलापन और मानसिक स्वास्थ्य की वृद्धि होती है। वास्तव में योगाभ्यास आपके लिए परफेक्ट इलाज है, अगर आप मानसिक और शारीरिक फिटनेस दोनों की बात करती हैं। योग केवल आसन नहीं बल्कि यह एक जीवन शैली है।
योग वह है जो आप पूरे दिन करते हैं, जिस तरह से आप सोचते है, जिस तरह से आप दूसरों के साथ व्यवहार करते है, जिस तरह आपकी प्रतिक्रिया होती है और जो आप खाते हैं। अपने शारीरिक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आप क्या खाते है यह जानना बेहद जरूरी है। आखिरकार टोंड बॉडी के लिए आपको अपनी रसोई और योगा मैट दोनों पर बराबर मेहनत करने की जरूरत है। हर आसन आप जितनी अधिक देर तक होल्ड करेंगी, आपकी मांसपेशियां उतना अधिक काम करेगी और आपकी बॉडी टोन अप होगी।
अगर आप टोंड हिप्स और जांघों की तलाश में है तो यहां है छ: आसन जो कर सकते है आपकी मदद:-
इस आसन में थोड़ा दर्द तो हो सकता है पर यह दर्द हमेशा आपके लिए मीठा ही साबित होगा क्योंकि यह आपकी बॉडी को लचीला , मजबूत और टोंड बना देता है। यह आपके क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, हिप जॉइंट्स और ग्लूट्स में तनाव या खिंचाव को भी कम करते देता है।
. सबसे पहले नीचे की ओर मुंह करें। अब अपने दाएं पैर को अपने हाथों के बीच में रखें और अपने बाएं पैर के घुटने को फर्श पर रखें।
. अपने बाएं पैर को फर्श के ऊपर की ओर रखें और यह सुनिश्चित करें कि आपका दायां घुटना 90° के कोण पर मुड़ा हुआ है।
. श्वास लें, अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर उठाएं, अपने हाथों को कानों कि दिशा में ऊपर खींचे और अपने हाथों को नमस्कार की मुद्रा में जोड़ें।
. अपने सिर को थोड़ा नीचे की ओर झुकाएं और ऊपर की ओर देखें। 5 – 9 सांसों तक इसी मुद्रा में रहे और फिर यह प्रक्रिया अपने बाएं पैर के साथ दोहराएं।
यह आसान और सुंदर आसन आपके कूल्हों को खोलने में या फिर कहें कि उन्हें मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है। यह आपके निचले शरीर में नई जागरूकता पैदा करता है और आपकी पीठ , ग्लूट्स, क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग को मजबूत और टोंड बना देता है।
. सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों के घुटनों को मोडें और अपने कूल्हों को फैलाएं।
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बीएमआई चेक करें. श्वास लें और कूल्हों को ऊपर उठाएं और अपने पैरों को पीछे धकेलें। धीरे – धीरे श्वास को छोड़ें और अपने कूल्हों को दोबारा फर्श पे ले आएं।
. इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं और फिर एक मिनट रुक जाएं।
अपनी बूटी पर काम करने की जरूरत है? लिजार्ड मुद्रा या उत्थान पृष्ठासन हमारे कंधों, मांसपेशियों, बाहों और छाती को मजबूत करती है और हमारी ग्लूट्स और जांघों पर काम करती है।
. सबसे पहले अपने आप को नीचे की तरफ झुकाएं।
. श्वास लें, अपने दाहिने पैर को अपनी दाहिनी हथेली के बाहरी किनारे पर आगे लाएं और एक लम्बी सांस लें।
. अब अपने कूल्हों को अंदर लें, अपनी बाहों को सीधा और रीढ़ को सपाट और लंबा रखें।
. यहां केवल तभी धीरे-धीरे अपने अग्र-भुजाओं को नीचे करें अगर आपको अभी तक कोई परेशानी नहीं हुई है। आप अपने बाएं पैर को सीधा करते हुए अपने बाएं पैर की गेंद पर दबाएं 30 सेकंड के लिए इसी आसन में रहें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
मालासन शरीर में ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करता है और सैकरल और जड़ चक्रों को खोलने और सक्रिय करने में मदद करता है।
. सबसे पहले लंबी खड़ी हो जाएं।
. पैरों को कूल्हों की दूरी से थोड़ा चौड़ा रखते हुए अपने हाथों को एक नमस्ते मुद्रा में अपनी छाती के सामने मिलाएं और अपने पैर की उंगलियों को थोड़ा सा बाहर की ओर करें।
. एक गहरी सांस लें और सांस छोड़ने पर धीरे-धीरे अपने घुटनों पर झुकना शुरू करें और अपने कूल्हे को फर्श की ओर करें।
. अपने कूल्हों को जमीन से कुछ इंच ऊपर होने पर, अपनी जांघों को खोलने के लिए अपनी ऊपरी बांहों का उपयोग करें। इसके साथ ही, अपनी जांघों को अंदर की तरफ दबाएं ताकि आप कूल्हों के माध्यम से एक लिफ्ट महसूस कर सकें ।
. अपने धड़ को सीधा रखें और छाती को उठाएं। अपने कंधों को आराम दें। अपने पूरे शरीर को व्यस्त रखें और 8-10 सांसों तक यह प्रक्रिया जारी रखें।
यह मुद्रा आपके चेस्ट,हिप्स और पैरों को खुलने का अद्भुत काम करती है।
.अपने पैरों को 3 से 4 फीट तक खोल लें,फिर अपने दाएं पैर को 90 डिग्री तक बाहर की तरफ और बाएं पैर को 45 डिग्री तक अन्दर की तरफ मोड़ें।
. धीरे – धीरे अपने पूरे शरीर को दाईं ओर मोड़ें, अपने कूल्हों में कसवा लाएं। आपका शरीर मैट के सामने की ओर होना चाहिए।
. अपने सामने के घुटने और जांघ को मोड़ें, वजन को सामने की एड़ी और बड़े पैर के पंजे पर रखें और पीछे का पैर बाहरी एड़ी से दब रहा हो।
. अपने कूल्हों को चौकोर आकार में करें और सुनिश्चित करें कि आपके घुटने बिल्कुल आपके टखने के ऊपर हैं। श्वास लें, अपने हाथों को अपने कानों के अनुरूप सीधा उठाएं और अपनी ट्रंक को आगे बढ़ाएं।
. 5-10 सांसों के लिए इसी आसन में रहें फिर इस प्रक्रिया को दूसरी ओर भी जारी रखें।
यह मुद्रा पेट, घुटनों, पैरों और काफ्स को मजबूत करती है और पेल्विक फ्लोर को भी उत्तेजित करती है।
1.अपने पैरों को 3 से 4 फीट की दुरी पर रखकर योग की शुरुआत करें।
2.अपने लचीलेपन के आधार अब अपने पैर की उंगलियों को बाहर की ओर 45 से 90 डिग्री तक मोड़ें।
3. लंबी सांस ले और रीढ़ की हड्डियों को ऊपर की ओर खींचे। सांस छोड़ते हुए अपने घुटनों को मोड़ें और अपने हिप्स को चौड़े स्क्वाट में नीचे करे। उसके बाद नमस्कार मुद्रा में अपनी हथेलियों को अपनी चेस्ट के सामने रखें।
4. अब इसी प्रक्रिया में अपनी सांसों को 12 सेकंड तक रोके और फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
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