हमारे शरीर की हड्डियां जॉइंट्स या जोड़ से जुड़ी होती हैं। ये जॉइंट्स प्रभावित होने पर अर्थराइटिस हो जाता है। अर्थराइटिस पैरों, कमर के साथ-साथ हाथों में भी हो जाता है। हाथ और कलाई में भी कई छोटे जोड़ (Small Joints) होते हैं। ये मूवेबिलिटी के लिए एक साथ काम करते हैं। हाथ बड़े-बड़े काम के साथ-साथ सुई में धागा डालने या जूते का फीता बांधने जैसे जरूरी बारीक काम भी करते हैं। हैंड आर्थराइटिस होने पर ये सभी काम प्रभावित हो जाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ एक्सरसाइज से न केवल हैंड आर्थराइटिस से बचाव किया जा सकता (exercises for hand arthritis) है, बल्कि होने पर ये आराम भी दिला सकते हैं।
फीजियोथेरेपिस्ट और फिजियो के फाउंडर और डायरेक्टर जितेन्द्र कुमार बताते हैं, ‘गठिया या आर्थराइटिस एक या अधिक जोड़ों की सूजन (Joint Inflammation) है। गठिया के सबसे आम प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और रुमेटाइड गठिया (Rheumatoid Arthritis) हैं। इसके 100 से अधिक अलग-अलग रूप हो सकते हैं।
हेल्दी जॉइंट चिकने, फिसलन वाले टिश्यू आर्टिकुलर कार्टिलेज के कारण सुचारू रूप से काम करते हैं। कार्टिलेज हड्डियों के सिरों को ढकती है और जोड़ के लिए एक चिकनी फिसलने वाली सतह प्रदान करती है। यह चिकनी सतह एक ऐसे तरल पदार्थ से बनी होती है, जो तेल जैसा दिखता और महसूस होता है। यह जॉइंट लाइनिंग से बना होता है, जिसे सिनोवियम (synovium) कहा जाता है। इसकी कमी से जॉइंट में सूजन हो जाती है, जिससे हाथों वाला गठिया हो जाता है।
जितेन्द्र कुमार के अनुसार, गठिया के लिए हाथ के व्यायाम (Hand Exercises for Arthritis)
हाथ, उंगलियों और अंगूठे की एक्सरसाइज से मूवमेंट में सुधार हो सकता है और अर्थराइटिस के लक्षणों में कमी आ सकती है। इससे हाथों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। उंगलियों में बेहतर पकड़ और अधिक लचीलापन आता है, लेकिन एक्सरसाइज नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
उंगलियों के बीच और सिरे के जोड़ों को मोड़ें। मुट्ठी बनाने के लिए उंगलियों के आधार पर जोड़ों को मोड़ें। 5 सेकंड के लिए रुकें। उंगलियों के जोड़ों को उल्टे क्रम में फैलाएं। फिर जोड़ों को सीधा करें। 5 बार दोहराएं। हाथ को बदलें।
हाथ से एक्सरसाइज करने वाली बॉल को हाथ में रखें। जितना हो सके उतना जोर से दबाएं। 5 सेकंड तक रोककर रखें। फिर छोड़ दें। हाथों में जलन अनुभव करने पर इस एक्टिविटी को नहीं करें।
अपने हाथ को उंगलियों से सीधा रखें। हथेली नीचे रखें। धीरे-धीरे हाथ को एक ढीली मुट्ठी की तरह मोड़ें। निचोड़ने की अवस्था में नहीं आना है। अपना अंगूठा बाहर की ओर रखें। उंगलियों को सीधा फैलाते हुए हाथ दोबारा खोलें। 10 बार दोहराएं। यह प्रक्रिया दूसरे हाथ से भी करें।
हाथ को उंगलियों से सीधा रखें। हथेली नीचे रखें। उंगलियों को तब तक अंदर की ओर मोड़ें जब तक कि अंगूठा और उंगलियां स्पर्श न कर लें। इससे ओ आकार बन जाएगा। 5 सेकंड के लिए रुकें। 5 बार दोहरायें। हाथ बदलें।
अंगूठे के जॉइंट्स को थोड़ा मोड़कर अपना हाथ खोलें जैसे कि एक बोतल पकड़ने की कोशिश कर रहे हों। तर्जनी और अंगूठे के सिरों को एक साथ छूने के लिए अंगूठे और उंगलियों के जोड़ों को मोड़ें। ओके कहने के लिए हाथ से जिस तरह आकृति बनाई जाती है। फिर से हाथ खोलें और प्रत्येक उंगली से अलग-अलग 5 बार दोहराएं। हाथ बदलें।
हाथ को मेज पर सीधा रखें। हथेली नीचे और उंगलियां सीधी होनी चाहिए। धीरे-धीरे अंगूठे को टेबल से ऊपर उठाएं। 2 सेकंड के लिए रोकें। फिर नीचे कर लें। प्रत्येक उंगली से अलग-अलग 5 बार दोहराएं। हाथ बदलें।
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