गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक खूबसूरत यात्रा होती है, लेकिन इसके बाद शरीर को फिर से मजबूत बनाना बहुत मुश्किल होता है। वाकई में सी-सेक्शन डिलीवरी के माध्यम से बच्चे को जन्म देना वाकई बहुत मुश्किल होता है। इससे उबरना काफी चुनौती भरा होता है। कम से कम कहने के लिए, सर्जरी न केवल आपके पेलविस को कमजोर कर देती है, बल्कि आपके पूरे श्शरीर को कमजोर बना देती है। इसलिए, योग उनकी कोर स्ट्रेंथ को फिर से बढ़ाने में मदद करता है।
मॉर्निंग सिकनेस, कमर के आसपास दर्द, गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना और एंग्जाइटी कुछ ऐसी शारीरिक और मानसिक समस्याएं हैं जो ज्यादातर महिलाएं जन्म देने के बाद झेलती हैं। इसलिए, संतुलित आहार और योग उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। योग न केवल शरीर को टोन करता है, बल्कि यह मन, शरीर और आत्मा को भी शांत करता है, जिससे तनाव और चिंता से निपटना आसान हो जाता है, और कोर स्ट्रेंथ को रिकवर करने में मदद मिलती है।
नई मां कितनी जल्दी कोर को मजबूत करने के लिए योग शुरू कर सकती है यह पूरी तरह से उनकी फिटनेस और सी-सेक्शन डिलीवरी की स्थिति पर निर्भर करता है।
यदि प्रसव में किसी तरह की समस्या नहीं आई, तो जितनी जल्दी हो सके हल्की एक्टिविटी फिर से शुरू की जा सकती है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार। शेप में वापस आने के लिए, 3 महीने के बाद योग का अभ्यास करना चाहिए, और तब तक, आप हल्के – फुल्के व्यायाम कर सकती हैं, जो आपके शरीर की ताकत बढ़ाने में धीरे – धीरे मदद करें।
सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद किसी भी तरह के व्यायाम या योग करने के बाद सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। साथ ही, यह भी देखना ज़रूरी है कि कहीं कोई भारी व्यायाम न किया जाए। हालांकि, प्रसव के बाद वॉक करना सेफ है। साथ ही, प्रसवोत्तर छह से आठ सप्ताह के बाद श्रोणि तल को मजबूत करने वाले योगासन करना आदर्श है। भले ही सर्जिकल कट ठीक हो, लेकिन फिर भी कुछ महिलाएं प्रसव के बाद रात को सो नहीं पाती हैं। जिससे योग करते समय स्टैमिना में कमी आ सकती है।
सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद कोर को मजबूत बनाने के लिए नई माताएं निम्नलिखित योग कर सकती हैं:
पेट पर अतिरिक्त दबाव से बचने और डायस्टेसिस रेक्टी को रोकने के लिए 3 महीने के बाद ही यह योगासन किया जाना चाहिए।
भुजंगासन एक तरह का बैकवर्ड बैंड है जो रीढ़, बट की मांसपेशियों, छाती, पेट, कंधों और फेफड़ों को मजबूत करता है। साथ ही रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और तनाव को दूर करने में सहायता करता है। पेट की चर्बी कम करने के लिए भी यह आसन वाकई फायदेमंद है। यह धीरे-धीरे कंधे, पेट और छाती क्षेत्र की मांसपेशियों को टोन करता है, पीठ के निचले हिस्से की जकड़न को कम करता है, और बाहों और कंधों को भी मजबूत करता है।
यह योग मुद्रा गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यधिक फायदेमंद है क्योंकि यह न केवल उनके कूल्हों को फैलाता है और खोलता है, जो लेबर में मदद कर सकता है। यह उन महिलाओं के लिए सबसे सही है, जिनका सी-सेक्शन हुआ है। साथ ही यह पेट की चर्बी को कम करने और कमर को सिकोड़ने में मदद करता है।
रीढ़, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को स्ट्रेच करके, त्रिकोणासन निचले शरीर, बाहों और छाती को मजबूत करने का काम करता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करता है और तनाव और चिंता को शांत करता है जो कई महिलाएं जन्म देने के बाद अनुभव करती हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंनौकासन रक्त प्रवाह और शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हुए पेट की मांसपेशियों में सुधार करता है। सी-सेक्शन के बाद वजन घटाने के लिए यह योग मुद्रा अत्यधिक उपयोगी है। यह कई तरह के पाचन रोगों को ठीक करने और पेट को मजबूत बनाने के लिए भी जाना जाता है। जब आपके पास व्यायाम करने के लिए बहुत समय न हो, तो अपने पेट और जांघ की मांसपेशियों को एक साथ टोन करने के लिए नौकासन करें।
प्राणायाम एक सरल ब्रीदिंग तकनीक है जो सी-सेक्शन के बाद पेट के क्षेत्र पर उचित दबाव डालकर पेट की चर्बी कम करने में मदद करती है। यह नींद और तनाव कम करने में सहायता के अलावा एकाग्रता में सुधार करती है।
इन सरल योग आसनों और तकनीकों से, हर नई मां बेहतर तरीके से ठीक हो सकेगी और कोर को मजबूत कर सकेगी। हमेशा याद रखें कि डॉक्टर की सलाह के बाद ही योग शुरू करें।
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