लगातार प्रयास के बाद भी कम नहीं हो रहा वजन, तो ट्राय करें योग की ये 5 मुद्राएं, जानिए ये कैसे योगासन से अलग हैं

योगासन के अलावा योग मुद्राएं भी अनमोल भारतीय विरासत हैं। आप लाइफस्‍टाइल से उत्‍पन्‍न समस्‍याओं को दूर करने के लिए भी इन पर भरोसा कर सकती हैं।
अपने वजन को नियंत्रण में रखें।चित्र-शटरस्टॉक
अपने वजन को नियंत्रण में रखें।चित्र-शटरस्टॉक

हिंदू और बौद्ध संस्कृतियों में सदियों से योग का अभ्यास किया जाता रहा है। योग की उत्पत्ति योगियों से हुई। जिन्होंने अपने मन, शरीर और सांस का उपयोग कुछ ऐसे आसन और मुद्राओं की खोज के लिए किया, जिससे शरीर स्वस्थ रह सके।

योग मुद्रा मूल रूप से सरल हाथ के इशारे हैं, जो शरीर के भीतर ऊर्जा के प्रवाह को सक्रिय करते हैं। यह मुद्राएं अक्सर शास्त्रीय नृत्य रूपों में भी उपयोग की जाती हैं, कहानी को व्यक्त करने या भावनाओं को व्यक्त करने के साधन के रूप में। सही योग मुद्रा का उपयोग वजन कम करने और फिट रहने में भी किया जा सकता है।

तो, आइये जानते हैं वजन घटाने की कुछ प्रभावशाली योग मुद्राएं:

1. सूर्य-अग्नि मुद्रा

 

सूर्य मुद्रा या अग्नि मुद्रा, पारंपरिक रूप से अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। यह मुद्रा शरीर में अग्नि ऊर्जा को सक्रिय रखती है और शरीर में अग्नि संतुलन को बनाये रखने में मदद करती है। मुद्राएं करने से अंगुलियां संबंध बनाती हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है।

ख़राब पाचन तंत्र की वजह से कई लोगों को वज़न घटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह मुद्रा मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और नियमित इसका अभ्‍यास करने से वज़न भी कम होने लगता है।

कैसे करें ये मुद्रा:

सबसे पहले सीधे बैठ जाएं।
अनामिका को हाथ की हथेली की ओर ले जाएं और अंगूठे से जोड़ दें।
अपने हाथों को अपनी जांघों और घुटनों पर रखें और इस स्थिति में बैठे रहें।
इस बीच, आप ध्यान कर सकते हैं।
ये मुद्रा प्रत्येक दिन 45 मिनट के लिए 15 मिनट के अंतराल पर की जानी है।
सूर्य मुद्रा दिन में अभ्यास करने पर अधिक लाभ मिलता है।

सूर्य अग्नि मुद्रा आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद है. चित्र : शटरस्टॉक
सूर्य अग्नि मुद्रा आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद है. चित्र : शटरस्टॉक

2. ज्ञान मुद्रा

जैसा कि नाम से पता चलता है, ज्ञान मुद्रा, ज्ञान की मुद्रा के रूप में भी जानी जाती है। ज्ञान मुद्रा को मन की एकाग्रता में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह शारीरिक और मानसिक कार्यों को बेहतर तरीके से करने में मदद करती है। नींद की कमी अक्सर वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण माना जाता है, ज्ञान मुद्रा करने से अनिंद्रा की समस्या से निजात मिलती है और नेचुरल स्लीप साइकिल को बढ़ावा मिलता है।

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने के लिए:

ज़मीन पर दरी बिछाकर पालथी मारकर सीधे बैठ जाएं।
पीठ सीधी रखें और आंखें बंद करें। अब, तर्जनी उंगली के सिरे को अंगूठे की नोक से छूएं जबकि दूसरी उंगलियां बाहर की ओर रहें।
अब हथेलियों को घुटनों पर रखें और इस मुद्रा में 30 मिनट तक करें।

3.प्राण मुद्रा

प्राण ’शब्द का अर्थ होता है ‘जीवन’, तो यह ‘जीवन की मुद्रा है। योग में ऐसा माना जाता है कि यह मुद्रा जीवन का प्रतिनिधित्व करती है। प्राण मुद्रा, शरीर में ऊर्जा को सक्रिय रखने और अंगों को कुशलता से काम करने में मदद करती है।

इसके नियमित अभ्यास से, जड़ चक्र सक्रिय हो जाते हैं, जो बिना किसी बाधा के पूरे शरीर में ऊर्जा प्रवाहित करता है। प्राण मुद्रा, जब प्राणायाम के साथ की जाती है, तो सर्वोत्तम परिणाम देती है।

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प्राण मुद्रा को प्राणायाम के साथ करें, ये दोगुना फायदा देगी । चित्र: शटरस्‍टॉक
प्राण मुद्रा को प्राणायाम के साथ करें, ये दोगुना फायदा देगी । चित्र: शटरस्‍टॉक

प्राण मुद्रा करने के लिए:

फर्श पर बैठ जाएं, एकाग्रता को बेहतर बनाने के लिए पीठ को सीधा और आंखें बंद रखें।
यह मुद्रा दोनों हाथों से की जानी चाहिए।
अनामिका और छोटी उंगली से अंगूठे की नोक से जुड़ें और दूसरे हाथ से दोहराएं।
प्राण मुद्रा के प्रभाव को महसूस करने के लिए 20-25 मिनट के लिए इसी स्थिति में रहें।

4. कफ नाशक मुद्रा

हमारे शरीर के तीन स्वभाव होते हैं वात, पित्त और कफ। कफ तत्व पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है, और वज़न बढ़ने पर शरीर में कफ ज्यादा बनने लगता है। कफ नाशक मुद्रा का उद्देश्य शरीर से कफ तत्व की अधिकता को दूर करना है और अन्य सभी तत्वों के बीच संतुलन बनान है। ये मुद्रा अग्नि की उत्पत्ति के माध्यम से चयापचय गतिविधि को बढ़ाकर पाचन तंत्र में सुधार करती है।

कफ नाशक मुद्रा करने के लिए:

अपनी आंखें बंद करके आरामदायक स्थिति में बैठें।
अनामिका और छोटी उंगली को हथेली की ओर मोड़ें और उन्हें अंगूठे से मिलाएं।
जब तक यह आपके लिए आरामदायक हो, इस स्थिति में बने रहें।
प्रतिदिन 30-45 मिनट इस मुद्रा का अभ्यास करें।
मुद्रा के संपूर्ण लाभों को महसूस करने के लिए 15 मिनट तक करें।

शरीर में वायु गुणों को सक्रिय रखने के लिए वायु मुद्रा सहायक है. चित्र : शटरस्टॉक
शरीर में वायु गुणों को सक्रिय रखने के लिए वायु मुद्रा सहायक है. चित्र : शटरस्टॉक

5. वायु मुद्रा

वायु मुद्रा वायु तत्व से जुड़ी हुई है। शरीर को वायु गुणों के साथ खुद को सक्रिय रखना आवश्यक है, जो शरीर में तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस मुद्रा का जब सही ढंग से अभ्यास किया जाता है, तो आत्म-जागरूकता और चेतना की उच्च श्रेणी तक पहुंचने में मदद मिलती है। इस मुद्रा को करने से मन के साथ, वजन को नियंत्रित करना और वसा पर प्रभावी ढंग से कटौती करना आसान हो जाता है।

वायु मुद्रा करने के लिए:

एक हवादार जगह पर फर्श पर बैठें।
प्रक्रिया शुरू करने के लिए रीढ़ को सीधा रखें और आंखें बंद करें।
अब अपनी तर्जनी और मध्यमा को हथेली की ओर झुकाना है और उन्हें अंगूठे से जोड़ना है।
थोड़ा दबाव डालें और इस स्थिति में रहें।
वायु मुद्रा के सकारात्मक प्रभावों को महसूस करने के लिए दैनिक रूप से 15-20 मिनट के लिए इस मुद्रा का अभ्यास करें।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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