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लैपटॉप पर करती हैं 5 घंटे से भी ज्यादा काम, तो इन 5 योगासनों के अभ्यास को न करें इग्नोर

लैपटॉप पर लगातार काम करने पर सबसे अधिक रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि नियमित रूप से एक्सपर्ट के बताये ये 5 योगासन किये जाएं, तो स्पाइन के स्टिफ होने से बचाव हो सकेगा।
अगर आपको काम के सिलसिले में 5 घंटे से अधिक लैपटॉप पर बैठना पड़ता है, तो कुछ आसनों को आज से ही शुरू कर दें। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 29 May 2023, 11:00 am IST
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इन दिनों ऑफिस में हाइब्रिड वर्क सिस्टम है। इसके कारण घर और ऑफिस दोनों स्थान से काम किया जाता है। घर में लैपटॉप पर काम करना आसान लगता है। नतीजतन कई घंटे लगातार हम लैपटॉप पर काम करते रहते हैं। इसके कारण पीठ और गर्दन का दर्द, सिरदर्द और कंधे और हाथ का दर्द हो सकता है। इस तरह की मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याएं खराब वर्कडेस्क (yogasana for continuous use of laptop) डिजाइन, खराब पोस्चर के कारण भी हो सकती हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ योगासन इन समस्याओं से बचाव (yoga for computer users) कर सकते हैं।

लगातार लैपटॉप यूज से हो सकते हैं स्पाइन स्टिफ (Stiff Spine cause)

योग थेरेपिस्ट और योग टीचर डॉ. स्मृति इस बारे में अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं। ‘लैपटॉप पर 5 घंटे से अधिक काम करना पड़ता है, तो स्पाइन स्टिफ हो सकते हैं। यदि आपके स्पाइन फ्लेक्सिबल बने रहते हैं, तो इसका मतलब है कि आप यंग हैं। अगर आपको काम के सिलसिले में 5 घंटे से अधिक लैपटॉप पर बैठना पड़ता है, तो इन आसनों को आज से ही शुरू कर दें।

यहां हैं 5 योगासन जो लैपटॉप के कारण होने वाले स्पाइन स्टिफनेस से बचाव कर सकते हैं (yoga for computer users)

1 उत्तान शिशोसना (Uttana shishosana or puppy pose)

यह स्पाइन को स्टिफ होने से बचाता है। यह क्रोनिक तनाव और अनिद्रा के लक्षणों से भी राहत दिलाता है। बाहों, कूल्हों और ऊपरी पीठ को मजबूत कर फैलाता है।

कैसे करें उत्तान शिशोसना

कंधे कलाई के ऊपर और हिप्स घुटनों की सीध रहना चाहिए। हाथों को कुछ इंच आगे बढ़ाएं और पैर को नीचे की तरफ ले जाएं।

हिप्स को एड़ी की ओर आधा पीछे ले जाएं। कोहनियों को जमीन से स्पर्श न होने दें।

माथे को आगे की ओर गिराएं,गर्दन को आराम दें।
अपनी पीठ के निचले हिस्से में हल्का सा कर्व रखें। रीढ़ में लंबा खिंचाव देते हुए हाथों को नीचे दबाएं।
शरीर को पपी की तरह पूरा स्ट्रेच करें।

30 सेकंड से एक मिनट तक रुकें। पूर्व अवस्था में आ जाएं।
इस दौरान सामान्य रूप से सांस लें।

2 मार्जरि आसन (Marjariasana or Cat pose)

यह रीढ़ के लिए बहुत अच्छा है। यह रीढ़ की हड्डी को फैलाता है। इसके लचीलेपन में सुधार कर मजबूत करता है। कलाइयों को मजबूत बनाता है। मार्जरि आसन कंधों को मजबूत बनाता है। पाचन अंगों की मालिश करती हैं और सक्रिय करती हैं।

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कैसे करें यह आसन (How to do Marjariasana)

सिर के नीचे हाथों को मोड़कर पेट के बल फर्श पर लेट जाएं।
दाहिनी हथेली को बायीं हथेली के ऊपर जमीन पर रखें। सिर को दायीं हथेली के ऊपर आराम से रखें और आंखें बंद कर लें।
जहां तक हो सके पैरों को स्ट्रेच करें।

मार्जरि आसन कलाइयों को मजबूत बनाता है। यह कंधों को मजबूत बनाता है।  चित्र : शटरस्टॉक

पूरे शरीर को आराम दें।
2-5 मिनट तक इस मुद्रा में आराम करें।
ऊपर जाते समय सांस लें और नीचे आते समय सांस छोड़ें।

3 पर्वतासन पैडलिंग (Parvatasana paddling or mountain pose paddling)

पर्वतासन रीढ़ की हड्डी के दोषों को दूर करता है। यह उचित रीढ़ की मुद्रा प्राप्त करने में मदद करता है।

कैसे करें पर्वतासन (How to do Parvatasana)

पद्मासन में बैठ जाएं ।
फिंगर लॉक बनाने के लिए दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिलाएं।
सांस लें और बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं।
भुजाओं को तानें ताकि वे सीधी हों।
पैर और घुटने जमीन पर रहने चाहिए।
हथेलियों को सिर के ऊपर उठाएं।
दोनों पैरों को पैडल की तरह आगे-पीछे करें।

इस दौरान सांस सामान्य रखें

4 शशांकासन (Shashankasana or Moon pose)

शशांकासन पीठ दर्द कम करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और वजन, क्रोध, तनाव को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है।

कैसे करें शशंकासन (How to do Shashankasana)
वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। हथेलियां घुटनों पर रखी हों।

शशांकासन पीठ दर्द कम करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और वजन, क्रोध, तनाव को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

घुटनों को अलग-अलग फैलाएं और आगे जमीन की ओर धड़ को बढायें।
दोनों हथेलियों को आगे करते हुए सिर को जमीन से टिकाएं।
हाथ को आगे बढ़ाते हुए सांस लें, झुकते हुए सांस छोड़ें। फिर सामान्य सांस लें

5 ग्रीवा संचालासन 1 (Greevasanchalasan 1)

योग मुद्रा में बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
शरीर को बिना हिलाए गर्दन को आगे-पीछे करें।
गर्दन को आगे ले जाते समय सांस लें, शरीर की तरफ आते हुए सांस छोड़ें।
ग्रीवा संचालासन 2 (Greeva sanchalanasana 2)
गर्दन को बारी-बारी से दोनों तरफ घुमाएं।
शरीर को सीधा रखें।
गर्दन को बीच में लाते हुए सांस लें। दोनों साइड की तरफ ले जाते हुए सांस छोड़ें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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