कई बार गलत खानपान या अन्य वजहों से पेट में गैस हो जाता है। फंसी हुई गैस के कारण फूला हुआ (Bloating) और असहज महसूस किया जा सकता है। यदि हम अपने खानपान के तरीके में बदलाव लायें, तो इनसे राहत मिल सकती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ योगासन गैस और अपच में राहत (Yoga for Gas Relief) दिला सकते हैं।
आचार्य कौशल किशोर बताते हैं, ‘योग पूरे शरीर को आराम देते हैं। आंतों को आराम देने से गैस पास करने और अपच से राहत मिल सकती है।कुछ योगासन पेट में फंसी गैस को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, योग आसन विशेष रूप से एसिडिटी, अपच और गैस के उपचार में सहायता करते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ खाने से भी इसमें मदद मिल सकती है।’
आचार्य कौशल के अनुसार, इन आसनों में शरीर के उन क्षेत्रों पर प्रभाव डाला जाता है, जो गैस पास करने में मदद कर सकते हैं। सांस पर ध्यान देना सबसे अधिक जरूरी है। प्रत्येक सांस के साथ पेट को फैलने दें। सांस छोड़ते हुए नाभि को अंदर की ओर खींचें।
यह मुद्रा पेट, कूल्हों, जांघों और नितंबों को आराम देने में मदद करती है। यह पेट पर दवाब डालकर गैस से राहत दिलाती है।
कैसे करें पवनमुक्तासन
पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को 90 डिग्री तक सीधा कर लें।
दोनों घुटनों को मोड़ें और जांघों को पेट तक लाएं।
घुटनों और टखनों को एक साथ रखें।
हाथों को पैरों के ऊपर ले जाएं।
अपने हाथों को आपस में जोड़ लें।कोहनियों को पकड़ लें।
गर्दन को ऊपर उठाएं और घुटनों तक ले जाएं।
शुरुआत में इस मुद्रा को 20 सेकंड तक करें। धीरे-धीरे 1 मिनट तक बढ़ाएं।
एक बार में एक पैर से भी आसन किया जा सकता है।
यह आसन पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और पैरों को आराम देता है। यह आपके आंतरिक अंगों की मालिश (Yoga for Gas Relief) करता है।
कैसे करें बालासन
घुटने टेक कर एड़ियों के बल बैठ जाएं।
दोनों घुटनों के बीच कूल्हे की चौड़ाई तक दूरी हो ।
कूल्हों से झुकते हुए धीरे-धीरे हाथों को सामने लाएं।
धड़ को जांघों पर आराम करने दें।
गर्दन के पिछले हिस्से को स्ट्रेच करते हुए सिर को फर्श पर टिकाएं।
बाहों को फैला कर या शरीर के साथ हथेलियों को ऊपर की ओर करके रखा जा सकता है।
पेट पर हल्का दबाव बनाए रखें।
इस मुद्रा में 5 मिनट तक रहें।
पेट पर दबाव बढ़ाने के लिए हाथों से मुट्ठी बना लें। आगे झुकने से पहले उन्हें अपने पेट के निचले हिस्से के दोनों ओर रखें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंयह मुद्रा पाचन में सुधार करती है और शरीर को आराम देती है।
कैसे करें पश्चिमोत्तानासन
कुशन पर पैरों को सामने फैलाकर बैठें।
आगे की ओर झुकते हुए पैर की उंगलियों को पकड़ कर पीछे खींचें।
हाथों को शरीर के साथ रखें और स्पाइन को आगे बढ़ाते हुए फर्श पर दबाव बनाएं।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।
हाथों को फर्श पर या पैरों पर टिका दें। हाथों को पैरों के चारों ओर भी लपेटा जा सकता है।
सांस के साथ धड़ को ऊपर उठाएं और स्पाइन को आगे की ओर खींचें।
सांस छोड़ते हुए वापस आयें।
इस मुद्रा में 3 मिनट तक रहें।
यह मुद्रा आंतरिक अंगों की मालिश, स्ट्रेचिंग और टोनिंग करके पाचन में सुधार (Yoga for Gas Relief) करती है।
कैसे करें सुप्त मत्स्येन्द्रासन
पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़कर पैरों को चेस्ट से लगायें।
भुजाओं को कंधे के बराबर बगल में फैलाएं।
हथेलियों को नीचे की ओर रखें।
सांस छोड़ते हुए पैरों को दाहिनी ओर लायें।
5. दोनों घुटनों को एकसाथ रखें।
हाथ से अपनी साइड के घुटनों को दबा सकते हैं।
7. गर्दन को न्यूट्रल रखते हुए जब दोनों घुटना दायीं ओर ले जाएं तो आंखों से बायीं ओर देखें। घुटनों को बाईं ओर ले जाने पर दाहिनी तरफ देखें।
इस मुद्रा में एक तरफ कम से कम 30 सेकंड तक रूकें।
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