अक्सर छोटे बच्चे ट्रैम्पोलिन (Trampoline) पर खूब मस्ती करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बच्चों की उछलकूद का यह यंत्र एक्सरसाइज़ के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इससे न केवल बढ़ते वज़न को कम किया जा सकता है, बल्कि हड्डियां भी मज़बूत होती हैं। ट्रैम्पोलिन पर की जाने वाली लो इम्पैक्ट एक्सरसाइज़ बोन और मसल्स दोनाें के लिए फायदेमंद (Trampoline exercise benefits) होती हैं। इन्हें करने के लिए मिनी ट्रैम्पोलिन(mini trampoline) की आवश्यकता होती है, ताकि शरीर के बैलेंस को मेंटेन रखने में मदद मिल सके।
इस बारे में फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि ट्रैम्पोलिन (trampoline) पर की जाने वाली एक्सरसाइज़ को रीबाउंडिंग भी कहा जाता है। इस एक्रोबेटिक और रीक्रिएशन स्पोर्ट से शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। मिनी ट्रैम्पोलिन (mini trampoline) पर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ से बॉडी एक्टिव रहती है और शरीर में तेज़ी से बढ़ने वाले वज़न को कम किया जा सकता है।
शारीरिक मज़बूती के साथ मेंटल हेल्थ को भी सुकूल की प्राप्ति होती है। जोड़ों में बढ़ने वाले दर्द और पैरों की ताकत को बढ़ाने के लिए ट्रैम्पोलिन एक्सरसाइज़ (trampoline exercise) की मदद ली जा सकती है।
ट्रैम्पोलिन पर जंप करने से शरीर एक्टिव बना रहा है। इसके नियमित अभ्यास से ग्लूटस (glutes), टांगों, पीठ और पेट के मसल्स को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिलती है। इसके अलावा मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और शरीर हेल्दी रहता है।
शरीर में बढ़ने वाली कैलोरीज़ की मात्रा को ट्रैम्पोलिन एक्सरसाइज़ (Trampoline exercise) से कंट्रोल किया जा सकता है।एक्सपर्ट के अनुसार रोज़ाना रनिंग करने से ज्यादा फायदा ट्रैम्पोलिन एक्सरसाइज़ (Trampoline exercise) से मिलता है। इससे शरीर के वज़न को रोका जा सकता है।
एक्सरसाइज़ से शरीर में एंडोरफिन का रिलीज़ बढ़ जाता है, जिससे तनाव कम होने लगता है और मसल्स भी रिलैक्स हो जाते हैं। रोज़ एक्सरसाइज़ करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बना रहता है और तनाव की समस्या कम हो जाती है।
जंनिंग करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे हाई ब्ल्ड प्रेशर का खतरा कम हो जाता है। इससे हृदय रोगों की संभावना कम हो जाती है। शरीर की क्षमता के मुताबिक एक्सरसाइज़ करने से शरीर संतुलित रहता है।
दोनों हाथों और टांगो को खोलकर ट्रैम्पोलिन पर जंप करने से शरीर की मूवमेंट बढ़ने लगती है। 30 से 40 बार ट्रैम्पोलिन पर लगातार जंप करने से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों में बढ़ने वाला दर्द कम होने लगता है।
दोनों हाथों को कमर पर रख लें। अब शरीर के संतुलन का बनाते हुए घुटनों को मोड़े और ट्रैम्पोलिन के उपर जंप करें। उसके बाद दोबारा से खड़े हो जाएं। 1 से 2 मिनट तक लगातार इस एक्सरसाइज़ को करने से नीज़ पेन की समस्या को कम किया जा सकता है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और पेट के अंदर की ओ खींचें। इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए हवा में उछलें और फिर ट्रैम्पोलिन पर खड़े हो जाएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़़ को करने से शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है और वेटलॉस में मदद मिलती है।
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