हम भूल जाते हैं कि हमारा शरीर और दिमाग एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं। एक भी अस्वस्थ हुआ, तो उसका असर दूसरे पर फौरन नजर आने लगता है। यानी यह हैरानी की बात नहीं कि मानसिक अस्वस्थता आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है। सिरदर्द, थकान या पाचन समस्याओं के साथ आपको डिप्रेशन जकड़ सकता है। चिंता पेट को खराब कर सकती है।
इसके अलावा, नींद की कमी, बेचैनी या फोकस करने में दिक्कत होना भी शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं का परिणाम हो सकता है। आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव कर, ऐसी तमाम प्रॉबलम्स (mental and physical wellness) से निजात पा सकती हैं।
सर्दियों में जब कई दिनों तक सूरज नहीं निकलता है, धूप कम होती है, तो अक्सर कर घर में रहने वाली महिलाएं निराश व डिप्रेस महसूस करने लगती हैं। इसे एसएडी यानी सीजन अफेक्टेड सिंड्रोम कहते हैं। इसमें भूख नहीं लगती, मन उदास रहता है। मूड स्विंग्स काफी होते हैं। डिप्रेशन के कारण दिल की बीमारी, डायबिटीज, कैंसर आदि का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, खराब मानसिक स्वास्थ्य के कारण इम्युन सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।
ऐसे में डॉक्टर लोगों को प्रकृति के बीच समय बिताने की सलाह देते हैं। नियमित एक्सरसाइज अथवा योग करने को कहते हैं। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि जब हम पशुओं के साथ समय बिताते हैं, गार्डनिंग करते हैं या खुले में एक्सरसाइज करते हैं, तो उससे शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है। तनाव एवं क्रोध कम होते हैं। मूड ठीक रहता है। अब अगर आप नहीं लगाना चाहती हैं हॉस्पिटल के चक्कर, तो अपने तन और मन दोनों का रखें खास खयाल। हेल्दी डाइट के साथ करें बदलें लाइफस्टाइल।
दुनिया भर में समय-समय पर किए गए अध्ययन बताते हैं कि एक्सरसाइज करने से शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है। आपकी बेचैनी दूर हो सकती है। अवसाद नहीं घेरता। नशे की लत तक छूट सकती है।
एक्सरसाइज करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल सही, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इससे डायबिटीज, हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरे से बचा जा सकता है। यहां तक कि बढ़ती उम्र में हड्डियां मजबूत रहती हैं।
दुनिया में मेडिटेशन की कई पद्धतियां हैं। लेकिन कहते हैं कि कोई भी कार्य जब एकाग्रता से किया जाए, तो उसे मेडिटेशन कह सकते हैं। रिसर्च बताते हैं कि इससे स्पष्टता आती है, मन शांत होने से मूड बेहतर रहता है, नींद का पैटर्न सही होता है और संज्ञानात्मक कौशल को बढ़ावा मिलता है।
इसे करने से तन एवं मन के बीच एक बैलेंस स्थापित होता है। शरीर में प्राण तत्व के बढ़ने से आपके अंदर करुणा एवं दया का भाव उत्पन्न होता है। चीजों एवं परिस्थितियों को लेकर स्वीकार्यता आती है। आप प्रसन्न एवं उत्साह से भरे होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, मसल एवं जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है। इम्युनिटी सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।
चाय तो आप सभी पीती ही होंगी। लेकिन जब बात अच्छे हेल्थ की हो, तो क्यों न चाय के हेल्दी विकल्प हर्बल टी को अपनी रूटीन में शामिल कर लिया जाए। हर्बल टी में विटामिन, मिनरल एवं एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी अच्छे होते हैं। हर्बल टी में पिपरमेंट टी, कैमोमाइल टी एवं टर्मरिक टी आदि शामिल हैं।
इस चाय में एंटी इंफ्लेमेटरी एवं एंटी वायरल गुण होने के कारण, ये सिरदर्द, साइनस एवं गले की खराश जैसी समस्याओं को दूर करने में कारगर हैं। इससे वजन घटाने में मदद मिलती है। यहां तक कि अपच, ब्लोटिंग, उल्टी में भी यह आपको राहत देती है। हर्बल टी दिमाग को शांत रखती है, जिससे स्ट्रेस नहीं होता है। नींद भी अच्छी आती है।
यह भी पढ़ें :- Cutting calories: वेट लॉस का सबसे इफेक्टिव तरीका है कैलोरी कट करना, शोध बता रहे हैं कैसे
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।