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Rooibos tea : नए साल से पहले घटाना है वजन, तो आज ही से करें इस अनोखी चाय का सेवन, और भी हैं फायदे

मूलरूप से दक्षिण अफ्रीका की हर्बल टी रूइबोस कैफीन मुक्त होती है। वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल करने सहित इसके कई और लाभ हैं।
रेड रास्पबेरी तनाव को कम करने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 19 Dec 2022, 11:56 am IST
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चाय तुरंत एनर्जी देती है। चाय के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसलिए चाय पर सबसे अधिक रिसर्च किया गया है। ब्लैक टी, ग्रीन टी, वाइट टी, मसाला चाय की भीड़ में एक और चाय अपने लाभ के बारे में बता रहा है। ये है रूइबोस की चाय। रूइबोस की चाय के कई स्वास्थ्य लाभ (Rooibos tea health benefits) हैं।इस चाय की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कैफीन मुक्त चाय है।

ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) को कम कर सकती है रूइबोस की चाय

ओक्सिडेटिव मेडिसिन एंड सेलुलर लौंगिविटी जर्नल में रूइबोस की चाय के फायदों पर रिसर्च किया गया। ओक्सिडेटिव रिसर्च सेंटर के शोधकर्ता बी. डी. कांडा, ओ. ओ. ओगुन्टिबेजू और जे. एल. मार्नेविक ने अपने शोध के निष्कर्ष में बताया कि इसमें फेनोलिक कंपाउंड मौजूद होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई, अल्फ़ा टोकोफ़ेरॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एंटीऑक्सीडेटिव गुण फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में सक्षम होते हैं। रूइबोस चाय ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करने में मदद करते हैं।

कैफीन मुक्त चाय रूइबोस (rooibos tea)

रूइबोस चाय हर्बल टी है। इसमें कैफीन नहीं होता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है। इसे रेड टी भी कहते हैं। ग्रीन और ब्लैक टी के विपरीत इसमें कोई टैनिन भी नहीं होता है। इसमें किसी प्रकार का केमिकल भी मौजूद नहीं होता है। रूइबोस पेड़ के पत्तों को फरमेंट करके टी बैग्स तैयार किये जाते हैं। कैफीन मुक्त और केमिकल मुक्त चाय के लिए रूइबोस की चाय पीई जा सकती है।

यहां हैं रूइबोस चाय से मिलने वाले फायदे (health benefits of rooibos) 

वजन कंट्रोल करती है चाय (weight control) 

जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड फ़ूड केमिस्ट्री के अनुसार, रूइबोस चाय कैलोरी मुक्त है। यदि आप वेट कंट्रोल करने की योजना बना रही हैं, तो रूइबोस चाय ले सकती हैं । इससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। लेप्टिन एक ऐसा हार्मोन है, जो भोजन के सेवन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हॉर्मोन शरीर को संकेत भेजता है कि उसने पर्याप्त भोजन किया है। रूइबोस चाय लेप्टिन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकती है। इससे वजन प्रबंधन में लाभ मिल सकता है। इससे फैट मेटाबोलिज्म को बढ़ावा मिलता है।

ब्लड शुगर लेवल पर नियन्त्रण (blood sugar control) 

जर्नल ऑफ़ एप्लाइड बॉटनी एंड फ़ूड क्वालिटी के शोध आलेख के अनुसार, रूइबोस चाय में एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट एस्पलाथिन एंटीडायबिटिक क्षमता वाला हो सकता है। यह सूजन और एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

रूइबोस चाय सूजन और एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

रूइबोस चाय ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। और इसलिए जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकती है।

हार्ट हेल्थ (heart health) की सुरक्षा करता है

जर्नल ऑफ़ एप्लाइड बॉटनी एंड फ़ूड क्वालिटी के शोध आलेख के अनुसार, दिल को स्वस्थ रखना है, तो एंटीऑक्सिडेंट फ़ूड और पेय पदार्थ को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। रूइबोस चाय कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकती है। यही वजह है कि रूइबोस चाय हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद है। पबमेड सेंट्रल में शामिल एक अध्ययन में हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों को लगातार 6 सप्ताह तक प्रतिदिन 6 कप रूइबोस चाय पिलाई गई।
निष्कर्ष में पाया गया कि रूइबोस चाय का सेवन करने वाले लोगों में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन, या बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी कम हो गया। हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन और गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल में काफी वृद्धि देखी गई। रूइबोस चाय ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।

झुर्रियों को कम करती है (wrinkle free) चाय 

रूइबोस की चाय पीने या स्किन पर लगाने से झुर्रियां कम होती हैं।

जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चरल एंड फ़ूड केमिस्ट्री के शोध निष्कर्ष में यह बताते हैं कि रूइबोस की चाय को स्किन पर लगाने से झुर्रियां कम होती हैं। स्किन की समस्याएं कम होती हैं।

कैसे पियें रूइबोस की चाय (rooibos tea) 

रूइबोस की चाय को किसी भी रूप में पिया जा सकता है। इसमें दूध मिलाकर या शहद मिलाकर पिया जा सकता है। गर्म पानी में रूइबोस के टी बैग्स डाल दें। इसे पांच मिनट के लिए छोड़ दें। फिर पीयें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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