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पुशअप चैलेंज हो रहा है सोशल मीडिया पर वायरल, जानिए सेहत के लिए इसके फायदे

पुश अप न सिर्फ हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं बल्कि उससे रोज़मर्रा की गतिविधियों को पूरा करने में भी मदद मिलती हैं। बिगनर्स को सप्ताह में दो दिन पुश अप करने की सलाह दी जाती है।
पुशअप चैलेंज से रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद मिलती है और फ्रैक्चर के खतरे से भी बचा जा सकता है। चित्र अडोबीस्टॉक
Published On: 12 Jan 2025, 06:00 pm IST

दिनभर कुर्सी पर आगे की ओर झुककर बैठने से शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है। इससे पोश्चर में बदलाव महसूस होता है और शरीर थका हु नज़र आने लगता है। ऐसे में अपर बॉडी के मसल्स को मज़बूती प्रदान करने के लिए अक्सर वॉक और जिम की मदद ली जाती है। मगर इसके लिए ज़रूरी है, तो स्ट्रेचिंग की, जिससे मसल्स में बढ़ने वाली कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है और पोश्चर में सुधार आने लगता है। ऐसे में पुशअप चैलेंज से शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने में मदद करता है। जानते हैं पुशअप चैलेंज किसे कहा जाता है और इससे शरीर को कौन से फायदे मिलते हैं।

पुशअप चैलेंज किसे कहा जाता है (What is push up challenge)

सीडीसी के अनुसार पुशअप चैलेंज 30 दिन की एक ऐसी चुनौती को कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति को एक महीने में रोज़ाना पाँच से 50 पुशअप करने है। पुश अप न सिर्फ हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं बल्कि उससे रोज़मर्रा की गतिविधियों को पूरा करने में भी मदद मिलती हैं। बिगनर्स को सप्ताह में दो दिन पुश अप करने की सलाह दी जाती है।

पुशअप चैलेंज 30 दिन की एक ऐसी चुनौती को कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति को एक महीने में रोज़ाना पाँच से 50 पुशअप करने है।

पुशअप चैलेंज से शरीर को क्या फायदे मिलते है

इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि इसे नियमित रूप से करने से शरीर के ऊपरी हिस्से की सभी पुशिंग मसल्स स्ट्रेच होती हैं। इसमें चेस्ट, कंधे और ट्राइसेप्स के मसल्स शामिल होते हैं। ये ऊपरी शरीर की मांसपेशियों में ताकत बढ़ाने और उसे बेहतर आकार देने का एक बेहतरीन तरीका है।

पुश अप्स की गिनती एक आसान बॉडीवेट एक्सरसाइज में की जाती है। इस एक्सरसाइज़ को बिना किसी उपकरण के कभी भी किसी भी स्थानपर किया जा सकता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है और शरीर फिट बना रहता है।

जानें पुशअप चैलेंज से शरीर को मिलने वाले फायदे

1. मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को करे कम

30 से 40 की उम्र के मध्य महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण कई तरह के बदलाव आने लगते है। वहीं मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बोन डेंसिटी की कमी बढ़ने लगती है। इससे हड्डियों और मसल्स की कमज़ोरी बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर को फिट और एक्टिव रखने के लिए पुशअप चैलेंज की मदद ली जा सकती है। इससे रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद मिलती है और फ्रैक्चर के खतरे से भी बचा जा सकता है।

2. हेल्दी वेट मैनेजमेंट में मददगार

रोज़ाना वर्कआउट करने से कैलोरी स्टोरेज़ के खतरे को कम किया जा सकता है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए संतुलित आहार लेने के अलावा सप्ताह में 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज़ अवश्य करें। इससे अलावा मांसपेशियों में खिंचाव को बढ़ाने के लिए पुशअप्स की मदद लें। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में एनर्जी के स्तर को बनाए रखता है।

3. बॉडी पोश्चर में लाए सुधार

वे लोग जो नियमित रूप से पुशअप्स करते है, उनके कोर मसल्स की स्ट्रेंथ बए़ने लगती हैं। इससे शरीर की मुद्रा में सुधार महसूस होने लगता है। इसकी मदद से टांगों, कमर और कंधे में बढ़ने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

वे लोग जो नियमित रूप से पुशअप्स करते है, उनके कोर मसल्स की स्ट्रेंथ बए़ने लगती हैं। इससे शरीर की मुद्रा में सुधार महसूस होने लगता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. अपर बॉडी के मसल्स को बनाए मज़बूत

पुश एक्सरसाइज़ को कंपाउड प्रेसिंग एक्सरसाइज़ भी कहा जाता है। इसमें ओवरहेड प्रेस, बेंच प्रेस और पुश अप्स एक्सरसाइज़ आती हैं। इससे मसल्स की मज़बूती बढ़ती है। साथ बॉडी स्टेमिना बूस्ट होने लगता है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से शरीर में ब्लउ का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे बीमारियों का खतरा भी कम होने लगता है।

50 पुशअप डे चैलेंज को कैसे करें अचाव

इसे करने के लिए पहले सप्ताह में 5 पुशअप्स एक दिन में करने का रूटीन बनाएं। सप्ताह में 2 दिन आराम भी करें। फिर सातवें दिन से 10 पुश अप्स करें। उसके बाद बारह, फिर पंद्रह और फिर शरीर की क्षमता के अनुसार बढ़ाते रहें। मगर साथ ही सप्ताह में दो दिन रेस्ट अवश्य करें। समय के साथ पुशअप्स की गिनती को बढ़ाएं और फिर 30 दिन 50 पुशअप्स करें।

कैसें करें पुशअप्स (Tips to do push-ups)

  • इसे करने के लिए पेअ के बल मैट पर लेट जाएं। उसके बाद दोनों हथेलियों को जमीन पर चिपका ले।
  • अब शरीर को उपर की ओर उठाने का प्रयास करें। उसके बाद पैरों की उंगलियों पर शरीर का वज़न बनाएं।
  • अपर और ग्लूट मसल्स में खिंचाव महसूस होने लगता है। शरीर को उपर उठाते हुए बाजूओं को सीधा कर लें और फिर नीच की ओर झुकें।
  • 30 सेकण्ट तक एक ही मुद्रा में रहने के बाद नीचे की ओर झुकें। उसके बाद शरीर को दोबारा उपर उठाएं।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इसका अभ्यास करें। इस दौरान सांस पर अपना नियंत्रण बनाकर रखें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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