दिनभर कुर्सी पर आगे की ओर झुककर बैठने से शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है। इससे पोश्चर में बदलाव महसूस होता है और शरीर थका हु नज़र आने लगता है। ऐसे में अपर बॉडी के मसल्स को मज़बूती प्रदान करने के लिए अक्सर वॉक और जिम की मदद ली जाती है। मगर इसके लिए ज़रूरी है, तो स्ट्रेचिंग की, जिससे मसल्स में बढ़ने वाली कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है और पोश्चर में सुधार आने लगता है। ऐसे में पुशअप चैलेंज से शरीर को हेल्दी और फिट बनाए रखने में मदद करता है। जानते हैं पुशअप चैलेंज किसे कहा जाता है और इससे शरीर को कौन से फायदे मिलते हैं।
सीडीसी के अनुसार पुशअप चैलेंज 30 दिन की एक ऐसी चुनौती को कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति को एक महीने में रोज़ाना पाँच से 50 पुशअप करने है। पुश अप न सिर्फ हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं बल्कि उससे रोज़मर्रा की गतिविधियों को पूरा करने में भी मदद मिलती हैं। बिगनर्स को सप्ताह में दो दिन पुश अप करने की सलाह दी जाती है।
इस बारे में फिटनेस एक्सपर्ट पूजा मलिक बताती हैं कि इसे नियमित रूप से करने से शरीर के ऊपरी हिस्से की सभी पुशिंग मसल्स स्ट्रेच होती हैं। इसमें चेस्ट, कंधे और ट्राइसेप्स के मसल्स शामिल होते हैं। ये ऊपरी शरीर की मांसपेशियों में ताकत बढ़ाने और उसे बेहतर आकार देने का एक बेहतरीन तरीका है।
पुश अप्स की गिनती एक आसान बॉडीवेट एक्सरसाइज में की जाती है। इस एक्सरसाइज़ को बिना किसी उपकरण के कभी भी किसी भी स्थानपर किया जा सकता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है और शरीर फिट बना रहता है।
30 से 40 की उम्र के मध्य महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण कई तरह के बदलाव आने लगते है। वहीं मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बोन डेंसिटी की कमी बढ़ने लगती है। इससे हड्डियों और मसल्स की कमज़ोरी बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर को फिट और एक्टिव रखने के लिए पुशअप चैलेंज की मदद ली जा सकती है। इससे रोजमर्रा के कार्यों को करने में मदद मिलती है और फ्रैक्चर के खतरे से भी बचा जा सकता है।
रोज़ाना वर्कआउट करने से कैलोरी स्टोरेज़ के खतरे को कम किया जा सकता है। शरीर को हेल्दी रखने के लिए संतुलित आहार लेने के अलावा सप्ताह में 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज़ अवश्य करें। इससे अलावा मांसपेशियों में खिंचाव को बढ़ाने के लिए पुशअप्स की मदद लें। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर में एनर्जी के स्तर को बनाए रखता है।
वे लोग जो नियमित रूप से पुशअप्स करते है, उनके कोर मसल्स की स्ट्रेंथ बए़ने लगती हैं। इससे शरीर की मुद्रा में सुधार महसूस होने लगता है। इसकी मदद से टांगों, कमर और कंधे में बढ़ने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
पुश एक्सरसाइज़ को कंपाउड प्रेसिंग एक्सरसाइज़ भी कहा जाता है। इसमें ओवरहेड प्रेस, बेंच प्रेस और पुश अप्स एक्सरसाइज़ आती हैं। इससे मसल्स की मज़बूती बढ़ती है। साथ बॉडी स्टेमिना बूस्ट होने लगता है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से शरीर में ब्लउ का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जिससे बीमारियों का खतरा भी कम होने लगता है।
इसे करने के लिए पहले सप्ताह में 5 पुशअप्स एक दिन में करने का रूटीन बनाएं। सप्ताह में 2 दिन आराम भी करें। फिर सातवें दिन से 10 पुश अप्स करें। उसके बाद बारह, फिर पंद्रह और फिर शरीर की क्षमता के अनुसार बढ़ाते रहें। मगर साथ ही सप्ताह में दो दिन रेस्ट अवश्य करें। समय के साथ पुशअप्स की गिनती को बढ़ाएं और फिर 30 दिन 50 पुशअप्स करें।
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