तनाव महसूस होना सामान्य बात है। यदि आपका तनाव बढ़ता है या यह कुछ समय तक लगातार तनाव बना रहता है, तो मसल्स में तनाव बना रह सकता है। इसके कारण मांसपेशियों में अकड़न भी हो सकती है। मांसपेशियों के तनाव को दूर करने के लिए कुछ विशेष किया जा सकता है। मेडिटेशन के माध्यम से भी खुद को रिलैक्स किया जा सकता है। एक ख़ास तरीका है प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन मेडिटेशन। प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन मेडिटेशन थेरेपी का एक रूप है, जिसमें मसल्स ग्रुप को एक समय में एक विशिष्ट पैटर्न में कसना और आराम देना शामिल है।
1920 के दशक में अमेरिकन डॉक्टर एडमंड जैकबसन ने मसल्स को रिलैक्स करने के लिए यह विशेष तकनीक बनाई। यह एक प्रकार का मेडिटेशन है, जो फिजिकल रिलैक्सेशन को बढ़ावा देता है। जैकबसन ने पाया कि इसके माध्यम से तनाव से राहत पाया जा सकता है। इससे न सिर्फ मसल्स को आराम पहुंचता है, बल्कि मन को भी आराम मिल सकता है। प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन रिलैक्स करने की भावना पर जोर देता है। जब नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाता है, तो यह तकनीक तनाव के शारीरिक प्रभावों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
प्रत्येक क्षेत्र को लगभग 5 सेकंड तक तनाव में रखें। फिर मांसपेशियों को आराम देते हुए महसूस करें। जब आप यह अभ्यास करती हैं, तो वास्तव में प्रत्येक मांसपेशी समूह में तनाव महसूस करना और उसे टाइटली पकड़ना जरूरी है। लेकिन इसे ज्यादा मत करें। इसके कारण आपको तनाव, ऐंठन या दर्द महसूस नहीं होना चाहिए।
प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन से शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं।
प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन मेडिटेशन एंग्जायटी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। मेंटल हेल्थ जर्नल की स्टडी में पाया गया कि ओरल हेल्थ से परेशान लोगों में तनाव और एंग्जायटी दूर हो गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह तकनीक रोगियों में अवसादग्रस्त लक्षणों को कम करने में मदद की। यह तनाव, एंग्जायटी और गुस्से की भावनाओं को कम करने में एक्यूपंक्चर उपचार जितना प्रभावी था।
यह मसल्स को रिलैक्स करता है। यह बेहतर नींद पाने में भी मदद कर सकता है। शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थितियों के कारण हाई एंग्जायटी और खराब नींद की गुणवत्ता का अनुभव करते हैं। एक ग्रुप ने लगातार तीन दिन प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन मेडिटेशन किया। दूसरा समूह सामान्य तरीके से रहा । 3 दिनों के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि पीएमआर करने वाले लोगों नींद की गुणवत्ता में सुधार देखा गया। इसके अलावा, पीएमआर ने समय से पहले जन्मे बच्चों वाली माओं को डेलिवरी के दौरान बेहतर नींद में मदद की।
यदि आपकी गर्दन या कंधों में तनाव है, तो गर्दन में दर्द का अनुभव हो सकता है। यह सामान्य स्थिति है, जो अक्सर मानसिक और भावनात्मक तनाव से जुड़ी होती है। यह क्रोनिक नेक पेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इससे जीवन की गुणवत्ता और शारीरिक कार्यप्रणाली में भी सुधार हो सकता है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द एक और सामान्य स्थिति है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन तनाव इसे बदतर बना सकता है। नियमित रूप से करने पर क्रोनिक पेन को कम करने में मदद कर सकता है। यह गर्भवती महिलाओं में पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने की क्षमता रखता है।
हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। तनाव से स्थिति खराब हो सकती है, लेकिन यह कम करने में मदद कर सकता है।
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो चेहरे और सिर में तीव्र दर्द का कारण बनती है। माइग्रेन का दौरा स्ट्रेस से शुरू हो सकता है, जिसमें सामान्य रोजमर्रा के तनाव भी शामिल हैं। पीएमआर माइग्रेन एपिसोड की आवृत्ति को कम कर सकता है। यह सेरोटोनिन के लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर अक्सर माइग्रेन वाले लोगों में कम होता है।
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