आप जैसे ही थोड़ा से वेट गेन करती हैं, वह सबसे पहले आपके साइड्स यानी कमर पर और पेट पर नजर आने लगता है। खासतौर से महिलाओं को कमर और पेट की जिद्दी चर्बी से छुटकारा पाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। मगर परेशान न हों, इसके लिए न तो आपको भूखे रहने की जरूरत है और न ही जिम में घंटों पसीना बहाने की। योग में एक ऐसा आसन है जो अकेला आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है।
आपने अक्सर अपने बड़े – बुजुर्गों से सुना होगा कि हमारे जमाने में तो कोई तुम लोगों की उम्र में मोटा नहीं हुआ करता था, क्योंकि घर का सारा काम हाथ से किया जाता था। मसाला कूटने से लेकर आटा पीसने तक सारे काम घर पर हाथों से या सिल-बट्टे या चक्की की मदद से किए जाते थे, जिसे चलाने में बहुत मेहनत लगती थी।
मगर आज सारा काम कपड़े धोने से लेकर आटा पीसने तक तक सब कुछ मशीनों की मदद से किया जाता है, जिसमें हमारा कोई योगदान नहीं होता है। और इसके बदले में हमारा वज़न बढ़ने लगता है।
लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है! अगर आपका भी वज़न बढ़ गया है, तो हम आपके लिए लाएं हैं चक्की चलानासन, जी हां यह एक योगासन है जो आपके पेट की चर्बी तो कम करेगा ही बल्कि अन्य लाभ भी प्रदान करेगा। तो चलिये जानते हैं इसके बारे में –
चक्की चलनासन मुद्रा एक योग मुद्रा है जिसके लिए ताकत, लचीलापन, संतुलन और समन्वय की आवश्यकता होती है। यह शरीर को अधिक तीव्र योगासन के लिए तैयार करने के लिए एक वार्म-अप योगा माना जाता है।
यह एक हिन्दी शब्द है, जो तीन शब्दों का एक संयोजन है। इसमें चक्की का अर्थ है चक्की /ग्राइंडर, चालन का अर्थ है मंथन और आसन का अर्थ है मुद्रा। इस योग मुद्रा में आपका शरीर ऐसा लगता है जैसे की आप एक चक्की में आटा पीस रहे हों। और इसलिए इसका नाम चक्की चलनासन (Chakki Chalanasana) पड़ा।
यह गर्भावस्था के लिए सबसे लोकप्रिय व्यायामों में से एक है। यह श्रोणि और उदर क्षेत्र की नसों और अंगों को टोन करने के लिए एक अच्छा योग आसन है जिससे गर्भावस्था में मदद मिलती है।
यह योग मुद्रा पेट के अंगों को मजबूत करती है, प्रसवोत्तर के बाद अंगों को मजबूती देती है, पाचन तंत्र के कार्य में सुधार करती है, पीठ दर्द को रोकती है। साथ ही, मासिक धर्म चक्र को विनियमित करना, पेट की चर्बी कम करना और शरीर के चारों ओर रक्त परिसंचरण में वृद्धि भी करती है।
1. इस आसन में आने के लिए सबसे पहले दंडासन (स्टाफ पोज) में बैठ जाएं। अपने पैरों को सीधे अपने शरीर के सामने रखकर बैठें।
2. अब पैरों को जितना हो सके अलग करें। अपने घुटनों को झुकाए बिना और अपनी पीठ को सीधा रखें।
3. इसके बाद अपनी हथेलियों को आपस में लॉक करके जोड़ लें। और अपनी बांह को अपने सामने कंधे की ऊंचाई पर फैलाएं। सुनिश्चित करें कि आपकी कोहनी झुकी नहीं होनी चाहिए।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें4. जितना हो सके आगे की ओर झुकें और मान लें कि आप आटे को घरेलू पत्थर की चक्की से मथ रहे हैं।
5. अब गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को अपने पैरों के ऊपर सर्कुलर मोशन में घुमाएं या आप इसे एंटीक्लॉक वाइज़ दिशा में भी कर सकते हैं।
6. आपको दाएं से आगे झुकते हुए सांस लेनी है और बाएं से पीछे की ओर जाते हुए सांस छोड़ना है।
7. घुमाते समय गहरी सांस लेते रहें। आप बाहों, पेट, कमर और पैरों में खिंचाव महसूस करेंगे।
इस मुद्रा का अभ्यास करते समय आप अधिक परिश्रम न करें। अब इस आसन को क्लॉक वाइज़ दिशा में दोहराएं।
8. अभ्यास के बाद अपने शरीर को शवासन में 1-2 मिनट के लिए आराम दें।
इस आसन के दौरान अपनी सीमा से आगे न जाएं। अन्यथा, यह गंभीर चोट का कारण बनता है।
यदि आप गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग से पीड़ित हैं तो इस आसन का अभ्यास न करें।
गर्भावस्था के समय में इस मुद्रा को न करें, यदि आपको उच्च और निम्न रक्तचाप है।
पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक दर्द, रीढ़ की समस्या या रीढ़ की हड्डी की स्थिति में इस आसन से बचना चाहिए।
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