वेटगेन की समस्या से राहत पाने के लिए अक्सर लोग वर्कआउट की मदद लेते हैं और आहार में भी कई प्रकार के बदलाव लेकर आते हैं। पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान करने के लिए अक्सर अजवाइन को पानी में उबालकर या फिर नमक के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है। सदियों से एसिडिटी से राहत के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली अजवाइन से और भी कइ फायदे मिलते है। अजवाइन हनी टी में मौजूद कंपाउड से शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को दूर करने के लिए कारगर उपाय है। जानते हैं अजवाइन हनी टी बनाने की विधि और इससे वेटलॉस में मिलने वाले फायदे (Ajwain-honey tea to burn belly fat)।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि अजवाइन में फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में बैक्टीरिया की ग्रोथ को नियंत्रित करके पाचनतंत्र को मज़बूत बनाए रखने में मदद मिलती है। अजवाइन को पानी में उबालकर और उसमें शहद मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। खाली पेट इसका सेवन करने से चर्बी को आसानी से बर्न किया जाता है। इससे शरीर में वसा के स्तर में भी सुधार लाया जा सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अजवाइन में मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इसमें मौजूद थाइमोल कंपाउड और फाइटोकेमिकल्स की मात्रा गैस्ट्रिक जूसीज़ को रिलीज़ करती है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ने लगता है और पेट पर जमा चर्बी को दूर किया जा सकता है। अजवाइन में एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेटिव गुण पाए जाते हैं।
विटामिन, मिनरल और अमीनो एसिड से भरपूर इस सुपरफूड को पानी में उबालकर या सोक करके पीने से शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे आंत का स्वास्थ्य उचित बना रहता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। पाचनक्रिया बढ़ने से शरीर में कैलोरी स्टोरज़ कम हो जाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म को मज़बूती मिलती है।
क्रेविंग की समस्या मोटापे का कारण बनने लगती है। ऐसे में नियासिन, पेटेश्सियम, कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा एपिटाइट को नियंत्रित करके मन को संतुष्ट बनाता है। इसके चलते एसिडिटी और ब्लोटिंग से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा अजवाइन में पाया जाने वाला थाइमोल तत्व मोटापे से शरीर की रक्षा करता है। साथ ही शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अजवाइन की मदद से पेट, एसोफेगस और स्मॉल इंटेस्टाइन में बनने वाले अल्सर की समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही पेट में बनने वाली गैस और ऐंठन की समस्या हल हो जाती है। दरअसल, अजवाइन का सेवन करने से गैस्ट्रिक जूस का उत्पादन तेज़ी से बढ़ता है, जो पाचन को नियमित बनाकर बॉवल मूवमेंट को भी उचित बनाए रखता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इसमें मौजूद थाइमोल और कार्वाक्रोल, दो एक्टिव कंपाउंड हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस से शरीर का बचाव करता है। इससे फूड प्वाइजनिंग और पेट दर्द से बचा जा सकता है। इसके अलावा इंफ्लामेशन को भी दूर करता है। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर में बैक्टीरिया को हटाकर पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है जिससे वेटलॉस में फायदा पहुंचाता है।
अजवाइन 1 चम्मच
शहद 1 चम्मच
पानी 1 गिलास
चुटकी भर दालचीनी
नींबू का रस 1/2 चम्मच