शरीर को हेल्दी रखने के लिए स्ट्रेंथ और फलेक्सिबीलिटी (Strength and flexibility) बेहद ज़रूरी है। इससे समय समय पर बढ़ने वाले तनाव और शारीरिक थकान से मुक्ति पाई जा सकती है। वक्त के साथ शारीरिक अंगों में कमज़ोरी आने लगती है। अगर आप शरीर को यूं ही ढ़ीलाढ़ाला छोड़ देंगे, तो बॉडी उसी सांचे में ढ़लने लगेगी। खुद को जवां बनाए रखने के लिए शरीर में लचीलेपन का होना ज़रूरी है। इसके लिए इन योगासनों का नियमित अभ्यास आपकी दिनचर्या को खुशहाल और एक्टिव बनाने में सहायक साबित होते हैं (yoga poses for increased flexibility) ।
योगाभ्यास से न सिर्फ शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सुचारू रूप से होने लगता है। अलग अलग प्रकार के योग आसन शरीर को बहुत सी शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने का काम करते हैं। इसके अलावा देर तक बैठकर काम करने से गर्दन, पीठ, कंधों और घुटनों में होने वाले दर्द दूर होने लगेंगे।
पार्श्वोत्तानासन से हमारे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। अगर आपको घुटनों की समस्या आरंभ हो रही है, तो इस योग को नियमित तौर पर करें। इससे आत्मबल बढ़ने लगता है। योग के ज़रिए मांसपेशियों में खिंचाव आने से पैरों की नसें मज़बूत होने लगती हैं। इसे करने से आपको जल्द थकान महसूस नहीं होगी।
इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, दोनों पैरों को जोड़ लें।
अब दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बना लें।
टागों को धीरे धीरे खोल लें। दाहिनी टांग को आगे की ओर ले जाएं और बाहिनी टांग को पीछे की ओर ले जाएं।
अब नमस्कार की मुद्रा बने रहने दें और सिर को दाहिनी टांग पर झुकाएं।
जहां तक संभव हो, वहीं तक झुकाएं। अब इस मुद्रा में करीबन एक मिनट तक बने रहें
इसे करने से रीढ़ की हड्डी सीधी होने लगती है।
गर्दन और कंधों में होने ले दर्द से राहत मिल जाती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंब्लड फ्लो नियमित होता है और शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।
आत्म संतुलन बढ़ता है और डाइजेशन में सुधार आने लगता है।
त्रिकोणासन को त्रिभुजासन भी कहा जाता है। इसे नियमित तौर पर करने से लोअर एबडोमन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा बच्चों और बड़ों में भी पाई जाने वाली फ्लैट फीट की समस्या का निवारण होता है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस के शुरूआती लक्षणों को भी इस योग से मात दी जा सकती है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
दोनों पैरों को खोल लें। टांगों के मध्य तीन कदम का गैप रखें
इसके बाद अब बाहिने पैर को बाहर की ओर घुमा लें और एड़ी अंदर की ओर रखें
अब बाहिनी ओर झुकें और बाएं हाथ से पैर को छू लें।
दूसरी ओर दाएं हाथ को उपर ओर उठाएं।
शरीर को स्ट्रेच करने से बॉडी में लचीलापन बढ़ले लगता है।
ईगल पोज़ के नाम से प्रसिद्ध इस योगासन को खड़े होकर किया जाता है। इससे शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। ये आसन पुरूषां में कम होने वाले स्पर्म काउंट में बढ़ोतरी करने का काम करता है। ताड़आसन की मुद्रा में किए जाने वाले इस पोज़ को करने से शरीर में मज़बूती बढ़ने लगती है।
इसे करने के लिए ज़मीन पर सीधे खड़े हो जाएं
अब दोनों हाथों को आगे की ओर बढ़ाएं।
उसके बाद दाई टांग को बाई टांग से लपेटते हुए पीछ की ओर रखें।
दोनों बाजुओं को क्रास करते हुए एक दूसरे में जकड़ लें। दोनों हाथों से नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
इसे करने से मसल्स में खिंचाव बढ़ने लगता है। बॉडी स्ट्रेच होने से टांगों और घुटनों का दर्द दूर होता है।
शरीर का आत्म संतुलन बनाने से एकाग्रता बढ़ने लगती है।
थाइज़ और हिप्स में जमा अधिक फैट्स कम होने लगते है।
रेगुलरली करने से बॉडी स्ट्रेंथ बढ़ती है।
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