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एंग्ज़ाइटी से छुटकारा पाने के लिए इन 5 ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की लें मदद, तन और मन को मिलेगी मज़बूती

दिनों दिन बढ़ता तनाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसी स्थिति में ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की मदद ली जा सकती है। ये न केवल तनाव को कम करने बल्कि फ़ोकस में सुधार लाने का भी सरल और बेहतरीन तरीका हैं। इन एक्सरसाइज़ की मदद से इस तरह से एंग्ज़ाइटी को करें दूर।
Published On: 21 Mar 2025, 08:00 am IST
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Breathing exercise ke fayde
एंग्ज़ाइटी से राहत पाने के लिए माइंडफुल ब्रीदिंग एक प्रभावी उपाय है। चित्र-अडोबी स्टॉक

मल्टीटास्किंग के इस दौर में हर व्यक्ति वर्कप्रेशर बढ़ने के कारण एंग्ज़ाइटी का शिकार हो रहा है। हर पल बेचैनी रहने से मन उदास और परेशान रहता है, जिसका असर वर्क प्रोडक्टीविटी पर भी दिखने लगता है। हांलाकि लोग तनाव से बचने के लिए कई तरह की तकनीक और कोर्सिस की भी मदद लेते हैं। मगर वो किसी न किसी कारणवश तनावग्रस्त महसूस करते हैं। अगर आप भी लंबे समय से ध्यान और उत्पादकता को काफी महसूस कर रही हैं, तो ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ एक बेहतरीन विकल्प है। नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को फायदा मिलता हैं। अगर आप भी चिंता से ग्रस्त रहती है, तो इन आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ (Breathing exercise to ease Anxiety) की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ क्यों है फायदेमंद (Benefits of breathing exercise)

ब्रीदिंग एक्सरसाइज उस प्रक्रिया को कहते है, जब नाक के ज़रिए गहरी सांस लें और उस पर ध्यान केंद्रित करें और फिर धीरे धीरे बाहर निकाल दें। ये दिमाग को शांत करने, तनाव को कम करने और फ़ोकस में सुधार करने का सरल और बेहतरीन तरीका हैं।

फ्रंटियर्स फिजियोलॉजी पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की मदद से अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करके वर्तमान क्षण में खुद को संतुलित और एंग्ज़ाइटी को कम  (Breathing exercise to ease Anxiety) किया जा सकता हैं। इसे करने के लिए एक शांत स्थान और समय तय कर लें।

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ. ज्योति कपूर कहती हैं कि एंग्ज़ाइटी से राहत (Breathing exercise to ease Anxiety) पाने के लिए माइंडफुल ब्रीदिंग एक प्रभावी उपाय है। सांस पर ध्यान केंद्रित करके शरीर की विश्राम प्रतिक्रिया को सक्रिय करते हैंए जो तनाव के कारण होने वाली प्रतिक्रिया को नियंत्रित करती है। ऐसे में गहरी साँस लेने से शरीर को आराम मिलता हैं, जिससे रक्तचाप और हृदय गति कम होती है।

Deep Breathing ke fayde
ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ की मदद से अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करके एंग्ज़ाइटी को कम किया जा सकता हैं।।चित्र : अडोबी स्टॉक

इन ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से करें एंग्ज़ाइटी को कम (Breathing exercise to ease Anxiety)

1. साँस छोड़ने पर ध्यान दें (Lengthen your exhale)

अक्सर परेशान होने पर (Breathing exercise to ease Anxiety) गहरी साँस लेने की राय दी जाती है। गहरी साँस लेना वास्तव में सिंपथेटिक नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जिससे शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। वहीं साँस छोड़ना पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम से जुड़ा हुआ है, जो शरीर की आराम करने और शांत होने की क्षमता को प्रभावित करता है।

कैसे करें अभ्यास

इसे करने के लिए गहरी साँस लेने से पहले साँस छोड़ने की कोशिश करें। अब साँस लेने की तुलना में धीरे धीरे ब्रीद आउट करें। हर चार सेकंड के लिए ब्रीदइन करें और छह से सात सेकंड के लिए साँस छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं।

2. पेट से साँस लेना (Abdomen breathing)

यह साँस लेने की तकनीक आपको चिंता को कम (Breathing exercise to ease Anxiety) करने में मदद कर सकती है। इसमें व्यक्ति मुख्य रूप से अपने डायाफ्राम से साँस लेता हैं। इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ के दौरान पेट फूल जाता है। अपनी क्षमता के अनुसार इस व्यायाम को करें।

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कैसे करें अभ्सास

इसे लेटकर या बैठकर दोनों प्रकार से किया जा सकता है। इसे करने के लिए सिर और घुटनों के नीचे तकिए रखकर फर्श या बिस्तर पर लेट जाएँ। इसके अलावा आरामदायक कुर्सी पर बैठकर भी इसका अभ्यास कर सकते है। इसे करने के दौरान एक हाथ हृदय और दूसरा पेट पर रखें। नाक से सांस लेते हुए पेट को फुलाएं और फिर धीरे धीरे ब्रीद आउट करें।

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इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को करने से फेफड़े सुचारू रूप से काम करने लगते है। इसके अलावा ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिल जाती है। चित्र एडॉबीस्टॉक।

3. धीमा सांस लेना (Resonate breathing)

इस प्रक्रिया को अनुनाद श्वास भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान धीमी गति से सांस लिया जाता है। इसमें प्रति मिनट में 5 से 7 बार धीरे धीरे सांस लेने का प्रयास किया जाता है नाक से सांस लेने की इस क्रिया के दौरान सांस छोड़ने की गति भी धीमी ही होती है।

कैसे करें अभ्यास

आंखों और मुंह को बंद कर लें और नाक के ज़रिए सांस लें। अब धीरे से और गहरी सांस लें और फिर उसी तरह से ब्रीद आउट करें। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और तनाव व अनिद्रा की समस्या हल हो जाती है। शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें।

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4. नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन एक सरल प्राणायाम तकनीक है जिसका नियमित अभ्यास करने पर व्यापक लाभ मिलता है। नाड़ी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सफाई या शुद्ध करना। इसे करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है, जिससे एंग्ज़ाइटी दूर होती है।

कैसे करें अभ्यास

इसे करने के लिए पद्मासन में बैठ जाएं। उसके बाद अंगूठे को नाक के बाईं ओर रखकर गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़ें। फिर दाईं ओर अंगूठा रखकर सांस लें और फिर छोड़ दें। इससे सांस की गति को नियंत्रित किया जा सकता है।

breathing exercise karne ke fayde
इसे करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ने लगता है, जिससे एंग्ज़ाइटी दूर होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. समान श्वास (Equal breathing)

बढ़ते तनाव को कम करने के लिए उल्टी गिनती गिनने की सलाह दी जाती है। ठीक उसी प्रकार से इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ को करने के लिए सांस लेते हुए सीधी और सांस छोड़ते हुए उल्टी गिनती की जाती है। रोज़ाना दोबार इसका अभ्यास करने से एंग्ज़ाइटी से बचा जा सकता है।

कैसे करें अभ्यास

इसे करने के लिए पहले गहरी सांस लें। ब्रीदिंग के दौरान एक से पांच तक गिनती गिनें। उसके बाद फिर सांस को छोड़ें और 5 से 1 तक गिनती गिनते रहें। इस तरह से मन को शांति और सुकून की प्राप्ति होती है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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