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फिटनेस है आपका अल्टीमेट गोल, तो वर्कआउट से पहले जान लें कुछ जरूरी सवालों के जवाब

हम सभी अपनी फिटनेस पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग थोड़े वर्कआउट के बाद बेहतर फिटनेस पा लेते हैं, जबकि कुछ वर्कआउट के बाद और भी ज्यादा समस्याओं का सामना करने लगते हैं। आखिर क्या है इसकी वजह!
युवाओं को सप्ताह के कम से कम 2 दिन मांसपेशियों को मजबूत करने वाली जैसे चढ़ाई या पुश अप जैसी एक्टिविटी करनी चाहिए। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:58 am IST
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हमें नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे मसल्स (Muscles) टोन होते हैं। बोन हेल्थ (bone health) बढ़िया रहती है । यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए जरूरी है। लेकिन एक्सरसाइज करने से पहले हमें कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। यदि इन बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता है,करने से पहले कुछ बातों को भी हमें ध्यान में रखना (important tips for workout) चाहिए। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव हो सकता है।

1 वर्कआउट से पहले खाएं या नहीं (eating before workout)

कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि वर्कआउट के पहले नहीं खाना चाहिए, तो कुछ एक्सपर्ट बताते हैं कि वर्कआउट के पहले खाना चाहिए। नूट्रीएंट्स जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, वर्कआउट के समय एनर्जी और स्टेमिना की जरूरत होती है। इसलिए हल्का-फुल्का खाना जरूरी होता है चाहिए।

आप जो भी आहार लें, उसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन दोनों होना चाहिए। जिन स्पोर्ट्स पर्सन्स ने वर्कआउट से 1-2 घंटे पहले किसी एनर्जेटिक फ़ूड का सेवन किया, उनका आउटपुट उन खिलाडि़यों की तुलना में अधिक रहा, जिन्होंने वर्कआउट से पहले कुछ नहीं खाया।

यदि आप वर्कआउट से पहले कुछ भी हल्का लेती हैं, तो इससे थकान नहीं होती है। आप एनर्जेटिक बनी रहती हैं। इसके लिए आप बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स या दही का भी सेवन कर सकती हैं। इनमें मौजूद मैग्नीशियम एनर्जी बढ़ाता है।

2 वर्कआउट से पहले तरल पदार्थ लें या नहीं (fluid before workout)

बायोलोजी ऑफ़ स्पोर्ट्स जर्नल के अनुसार, डिहाइड्रेशन व्यायाम प्रदर्शन को कम करता है। यह कुछ संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को भी बाधित करता है। इसमें 18-25 वर्ष के खिलाड़ियों को स्टडी में शामिल किया गया। इसमें पाया गया कि फ्लुइड लेने के बाद खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा देखा गया। लेकिन एक्सरसाइज से पहले कम मात्रा में ही लिक्विड लेना सही बताया गया है।
दरअसल, हाई फ्लुइड की खपत संभवतः अधिक गैस्ट्रिक और इसोफेजियल गड़बड़ी का कारण बनी। अनुशंसित दिशानिर्देशों के अनुसार, पीने से व्यक्तियों को निर्जलीकरण और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचाया जा सकता है। जब निर्जलीकरण की संभावना नहीं होती है, तो व्यायाम प्रदर्शन के लिए किसी व्यक्ति को स्वैच्छिक पीने के व्यवहार का पालन करने की अनुमति देना बेहतर होता है।

3 क्या हृदय रोगियों को करना चाहिए वर्कआउट (workout for heart patient)

जर्नल ऑफ़ कार्डियोवैस्कुलर डेवलपमेंट एंड डिजीज के अनुसार, हृदय रोगियों को हर सप्ताह कम से कम तीन दिनों तक 30 मिनट के लिए व्यायाम करना चाहिए। इसमें 5 मिनट का वार्म-अप और कूल-डाउन कैलस्थेनिक्स होना चाहिए।

हार्ट डिजीज वाले वर्कआउट करने से पहले कुछ जरूरी बातों पर ध्यान दें। चित्र : शटस्टॉक

उन्हें कम से कम 20 मिनट तीव्रता के साथ का व्यायाम करना चाहिए। एनजाइना पेक्टोरिस के मरीज को व्यायाम करने से पहले योग्य प्रशिक्षक या डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।

4 क्या होनी चाहिए वर्कआउट की इंटेंसिटी (Workout level)

हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, अधिकांश लोगों के लिए मध्यम तीव्रता की गतिविधि आम तौर पर सुरक्षित होती है।
यदि आप कई महीनों से व्यायाम नहीं कर रही हैं, तो मध्यम तीव्रता की गतिविधि वाले वर्कआउट से शुरुआत करें। पहले दिन से अत्यधिक थकाने वाले वर्कआउट परेशानी बढ़ा सकते हैं। वाकिंग के साथ-साथ अपनी गतिविधि को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। यह वर्कआउट के लिए आगे बढ़ने का एक सुरक्षित तरीका हो सकता है।

वर्कआउट के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान

जर्नल ऑफ़ कार्डियोपल्मोनरी रीहेबिलिएशन के अनुसार, यदि आपको मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं हैं, तो वर्कआउट के लिए आपको विशेष ख्याल रखना होगा। डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही वर्कआउट करें।
शारीरिक गतिविधि लोगों को मधुमेह(type 2 diabetes), हृदय रोग, गठिया(workout for rheumatoid arthritis) और अन्य पुरानी स्थितियों का प्रबंधन करने में मदद कर सकती है। लेकिन सही गतिविधि का चुनाव होने पर ही यह मददगार हो सकती हैं।

गठिया के मरीज वर्कआउट करने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. चित्र : शटरस्टॉक

वर्कआउट फिटनेस स्तर और क्षमताओं से मेल खाना चाहिए। यदि आप किसी भी प्रकार की क्रोनिक डिजीज से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही अपना वर्कआउट प्लान बनाएं।
गर्भवती महिलाओं को भी गर्भावस्था के दौरान और बच्चा होने के बाद पहले अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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