बच्चे बहुत लचीले स्वभाव के होते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने ऑनलाइन क्लासेज और सामाजिक दूरी का पालन किया है, लेकिन अब धीरे-धीरे स्कूल खुलने लगे हैं। ऐसे में शारीरिक और मानसिक रूप से आपका बच्चा थक सकता है। इस थकान को दूर करने और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हम बता रहें हैं कुछ ऐसे मेमोरी बूस्टिंग व्यायाम जो उनकी मानसिक थकान को कम करने के साथ फोकस भी बढ़ाएंगे।
अमेरिका में कैसर परमानेंट हेल्थ सिस्टम के शोध से पता चला है कि जिन बच्चों ने कोविड-19 महामारी के दौरान अधिक व्यायाम किया, वे बीमारी के स्ट्रेस और मेंटल दबाव जैसी जोखिमों से कम परेशान हुए है। यह भी दिखाया गया है कि जो बच्चे अधिक समय खेलने में बिताते हैं, वे आमतौर पर घर के अंदर रहने वालों की तुलना में चिंता और अवसाद के शिकार कम होते हैं।
शारीरिक गतिविधि और प्रकृति में बिताया गया समय बेहतर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि समय के साथ चिंता और अवसाद की रिपोर्ट में कमी आई है। इसके अलावा, जिन बच्चों ने कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करने की सूचना दी, उनमें व्यायाम करने वाले बच्चों की तुलना में सबसे अधिक अवसाद और चिंता पाई गई है।
छोटी सी उम्र में सम्पूर्ण विकास के लिए योगासन बहुत आवश्यक हैं। यह आपके बच्चें को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने में मदद करते हैं। सुखासन आपके बच्चे के लिए ब्रेन बूस्टर और स्ट्रेस बस्टर की तरह काम कर सकता है। यह एकाग्रता बढ़ाने के साथ उनमें सकारात्मक सोच का संचार करता है।
इसे चाइल्ड पोज भी कहां जाता है। इस आसन को करने से मन शांत और बच्चों का मानसिक विकास होता है। इसके अलावा यह मुद्रा पूरे शरीर में ब् सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है। यह ब्रेन सेल्स में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है।
ताड़ासन से बच्चों की स्ट्रेचिंग होती है। यह आपके बच्चों को फिट रखने में मदद करता है। साथ ही यह मस्तिष्क और पूरे शरीर में रक्त का संचार करता है। ताड़ासन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में भी मदद करता है।
यह विशेष प्राणायाम आपके बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने के साथ उनके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। इसमें किए गए श्वास अभ्यास आपके बच्चों की दैनिक ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करेंगे। इससे उनके मस्तिष्क को सतर्क और चुस्त रहने में मदद मिलेगी।
भस्त्रिका एक प्रकार का प्राणायाम है जो कपालभाति के समान दिखता है लेकिन कुछ तरीकों से अलग है। यह मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचा सकता है, जिसके कारण आपके बच्चों के नर्वस सिस्टम को लाभ पहुंचता है। यह शरीर और दिमाग को ऊर्जा प्रदान करने के लिए बहुत अच्छा है। अवसाद (depression) और चिंता को दूर करने के लिए रामबाण है।
फेफड़ों और बार-बार होने वाली खांसी, फ्लू, सांस की समस्या, एलर्जी या सांस फूलने से पीड़ित होने पर यह प्राणायाम अनिवार्य रूप से करना चाहिए।
तो लेडीज, अपने बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए इन योगासन को उनकी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाएं।
यह भी पढ़ें: फेस्टिवल के बाद अब टाइम है बॉडी डिटॉक्स का, यहां हैं 3 प्रभावशाली डिटॉक्स ड्रिंक
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।