इन दिनों खराब लाइफस्टाइल के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रहीं हैं। बढ़ती उम्र और मेनोपॉज के साथ हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या होना भी खराब लाइफस्टाइल के प्रभावों में से एक हैं। हालांकि अधूरी या खराब नींद, जंक फूड, प्रीजर्वेटिव वाले खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी हार्मोनल इम्बैलेंस के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। पर इसके अलावा मेनाेपॉज में भी महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ सकता है।
हार्मोन असंतुलित होने के कारण गैस, कब्ज, डायजेस्टिव सिस्टम में प्रॉब्लम तथा एक्सेसिव स्वेटिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर बार इसके लिए दवा काम नहीं करती। इसके बजाए आप योग पर भरोसा कर सकती हैं।
योग से शरीर की ज्यादातर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। महिलाओं में होने वाले हार्मोनल इम्बैलेंस को भी योग ठीक कर सकता है। इससे न सिर्फ आपका मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ेगा, स्ट्रेस कम होगा, बल्कि मेंस्ट्रुअल साइकिल में आई अनियमितता को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
कई ऐसे योगासन हैं, जो हार्मोनल असंतुलन के लिए काफी प्रभावी हो सकते हैं। यहां जिंदल नेचर केयर इंस्टीट्यूट, बंगलुरू के चीफ योगा ऑफिसर डाॅ. राजीव राजेश ऐसे 5 योगासन बता रहे हैं, जो हार्मोनल इम्बैलेंस को बेहतर तरीके से डील करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
यह आसन अंडाशय (Ovary) के काम को उत्तेजित करने में मदद करता है।
कैसे करना है:
योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे रखें।
अपने पैरों को एक साथ रखें।
हथेलियों को जमीन में दबाते हुए, अपनी बाहों को सीधा करें और अपने धड़ को ऊपर उठाएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअपने कंधों को आराम दें। आपकी कोहनी आपके शरीर के करीब होनी चाहिए।
अपने आप को धीरे-धीरे नीचे करने से पहले कुछ सेकंड के लिए यहां सांस लें।
हार्मोनल असंतुलन के लिए यह आसन पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और अंगों को उत्तेजित करके गर्भाशय (Uterus) और अंडाशय की समस्याओं वाली महिलाओं की मदद करता है।
कैसे करें
पेट के बल लेट जाएं और हाथों को बगल में रखें।
अपने माथे को फर्श पर रखें।
सांस छोड़ते हुए अपने सिर, कंधे, हाथ, धड़ और पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं।
अपने पेट, श्रोणि (Pelvis) और निचली छाती पर संतुलन रखें।
आप अपनी बाहों को फर्श के समानांतर रख सकती हैं और आगे देख सकती हैं।
10 सेकंड के लिए रुकें और धीरे-धीरे वापस नीचे आ जाएं।
डाॅ. राजीव राजेश के अनुसार, हार्मोनल संतुलन के लिए योग में यह आसन थायराइड फंक्शन में सुधार करता है।
कैसे करें
अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों को हिप-दूरी से अलग रखें।
अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को अपने नितंबों से मुट्ठी भर की दूरी पर रखें।
श्वास लें, अपने पैरों को फर्श से दबाएं और अपने श्रोणि को छत की ओर धकेलें।
10 सेकंड के लिए रुकें और धीरे-धीरे अपने आप को चटाई पर नीचे ले आएं।
ओबेसिटी और हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण हुए पीसीओएस (PCOS) को रोकने में मदद कर सकता है। यह पेल्विक मसल्स को भी रिलैक्स करता है।
फर्श पर बैठ जाएं। अपने पैरों को मोड़ें और अपने पैरों के तलवों को आपस में मिला लें।
अपने पैर की उंगलियों को पकड़ें और एड़ियों को पेल्विक के करीब लाएं।
श्वास लें और आराम करें।
सांस छोड़ें और आगे झुकें। अपने घुटनों को फर्श पर रखने की कोशिश करें।
वापस ऊपर आने से पहले कुछ सेकंड के लिए सांस लें।
यह आसन पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने और स्ट्रेच करने में मदद करता है।
कैसे करें
फर्श पर बैठ जाएं।
अपनी पीठ को लंबा रखें और गहरी सांस लें।
जहां तक हो सके अपने पैरों को हर तरफ ले जाएं।
कुछ देर तक इस मुद्रा में रहें।
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