संपूर्ण शरीर के लिए योग लाभदायक है। योगासन से किसी भी प्रकार के दर्द को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। यह हमारे तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर आराम देता है। इससे मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। लगातार चलते रहने या लगातार बैठ कर काम करने से भी पैरों में थकान हो जाती है। पैरों की थकान और दर्द को भी दूर करने में मददगार है योग। योग किस प्रकार पैरों की थकान (yoga for tired legs) से राहत दिलाता है, इसके लिए हमने बात की डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर और योग थेरेपिस्ट डॉ. अमित खन्ना से।
यह शरीर की एक ख़ास मुद्रा है, जिसमें पैर को छत की ओर ऊपर उठाया जाता है।
कैसे करें विपरीत करणी आसन
पीठ के बल लेट जाएं ।
हाथ शरीर की सीध में होना चाहिए।
घुटनों को मोड़ लें।
हाथों को कमर के नीचे रखें और हिप्स को सहारा दें।
पैर और हिप्स को ऊंपर सीधे छत की ओर उठायें।
कोहनी जमीन से सटी होनी चाहिए।
सांस लेते हुए कुछ देर तक इस अवस्था में रहें ।
धीरे-धीरे पहले की अवस्था में आ जाएं। इसे आप 8-10 बार कर सकती हैं
इससे पैरों को आराम मिलता है। यह पाचन तंत्र के लिए भी बढ़िया है।
कैसे करें अर्द्ध हलासन
पीठ के बल लेट कर दोनों हाथ को जांघ के पास रखें।
धीरे-धीरे दोनों पैरों को उठायें।शुरुआत में दिक्कत होने पर पैरों को ऊपर उठाने के लिए दीवार का सहारा ले सकती हैं।
सिर को जमीन से लगा रहने दें।
इस अवस्था में कुछ देर तक रहने पर पूर्व अवस्था में आ जाएं।
इस आसन को 5-6 बार कर सकती हैं।
पीठ के निचले हिस्से, जांघों, पैरों के दर्द को दूर कर देता है वज्रासन
वज्रासन करने का सही तरीका
घुटनों को पीछे की ओर मोड़ कर बैठ जाएं। हिप को दोनों एड़ी के बीच में रख लेना चाहिए।
हथेलियों को अपनी साइड के जांघो पर रख लें।
सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी सीधी रेखा में होनी चाहिए।
दोनों पैर एक दूसरे से टच नहीं करना चाहिए चाहिए।
पूरे शरीर को स्ट्रेच कर देता है। इससे मसल्स मजबूत होते हैं। पैरों के साथ-साथ जांघों का दर्द भी दूर हो जाता है।
सुप्त वज्रासन करने का सही तरीका
वज्रासन में बैठ जाएं।
धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें।
कोहनियां जमीन से सटा लें।
कंधों को जमीन पर टिकाएं।
घुटनों को एक साथ रखें।
पीठ के बल लेट जाएं।
हाथों को मोड़ लें और कंधे के नीचे ले जाएं।
इस अवस्था में थोड़ी देर रहने के बाद वापस पूर्व स्थिति में आ जाएं।
इससे जांघों, पैर और वेरीकोज वेन के कारण हो रहे मसल्स में खिंचाव की समस्या को दूर करता है।
सुप्त बद्ध कोणासन करने का सही तरीका
सबसे पहले आराम से दोनों पैरों को मिलाकर बैठ जाएं।
कूल्हों के नीचे तकिया रख सकती हैं।
दोनों पैरों को हल्का मोड़ लें।
पैर के तलवो को आपस में मिला लें।
बाहर की तरफ से जांघो पर दवाब दें।
दोनों हाथो को फैलाएं और हथेलियां ऊपर की ओर रखें।
सांस लेने और सांस छोड़ने पर ध्यान दें।
शुरुआत में इसे करने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए धीरे धीरे इसे करने का प्रयास करें।
ये सभी मुद्राएं पिंडली की मांसपेशियां (Calf Muscles) के वाल्व खोल देती हैं। उल्टे आसन (Inverted pose) या एंटी ग्रेविटी(Anti Gravity) पोजिशन बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ावा देता है। ये पैरों में किसी भी प्रकार के सूजन से होने वाले दर्द या एडिमा(oedema) को दूर करने में मदद करते हैं। यह मुद्रा का शारीरिक प्रभाव(physiological effect) है।
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