हर महिला को अपने पूरे जीवन काल में कई तरह के शारीरिक एवं स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। ऐसे में हर पड़ाव पर हमारे शरीर को सही से कार्य करने के लिए एक उचित मात्रा में हार्मोन की आवश्यकता होती है। कई बार यह हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हार्मोनल असंतुलन की स्थिति में आपको अचानक से वेट गेन या वेट लॉस का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा डिप्रेशन, एंग्जाइटी, इनसोम्निया, थकान, इनफर्टिलिटी, इरेगुलर पीरियड्स, लो लिबिडो और असामान्य रूप से भूख लगना भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।
हालांकि, लाइफस्टाइल की कुछ आदतों में बदलाव कर और खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रख आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। खासकर हॉर्मोन्स को संतुलित करने में योगासन आपकी बहुत मदद करते हैं। नियमित रूप से कुछ खास योग का अभ्यास आपके हॉर्मोन्स को संतुलित रखते हुए समग्र सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
हेल्थ शॉट्स ने हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए योगाभ्यासों को लेकर आईएसएसए सर्टिफाइड फिटनेस ट्रेनर और मेटाबॉलिक्स की फाउंडर जूली वागले से बात की। उन्होंने हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ प्रभावी योगासनों के नाम सुझाए हैं (Yoga to balance hormones), तो चलिए जानते हैं इन्हें करने का सही तरीका।
1. कुछ ऐसे खास योगाभ्यास है जो समग्र शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह आपके समस्त बॉडी फंक्शन को मेंटेन रखते हैं, जिनमें हार्मोनल बैलेंस भी शामिल है। यह योगाभ्यास संतुलित मात्रा में हॉर्मोन्स के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और जरूरत के अनुसार शरीर में इसका डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं।
2. योगाभ्यास के दौरान सांसो की प्रक्रिया एंडोक्राइन सिस्टम को स्टिम्युलेट करने में मदद करती हैं, जिससे कि बॉडी हॉर्मोन्स अधिक प्रभावी रूप से कार्य कर पाते हैं।
3. कई बार अधिक तनाव के कारण भी हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, ऐसे में योगाभ्यास स्ट्रेस रिलीज करने में आपकी मदद करता है। तमाम साइंटिफिक स्टडी भी इस बात का दावा करते हैं कि योग स्ट्रेस को कम करता है। योगाभ्यास के साथ-साथ प्राणायाम मेडिटेशन इत्यादि भी आपके समग्र बॉडी फंक्शन के लिए फायदेमंद होते हैं।
दोनों पैरों को आराम से अलग करके खड़ी हो जाएं।
दोनों हाथों को अपने दोनों ओर साइड में धीरे-धीरे उठाएं जब तक की वे क्षैतिज न हो जाएं।
फिर सांस छोड़ें और धीरे-धीरे दाहिनी ओर झुकें साथ ही दायें हाथ को दायें पैर के पीछे की ओर रखें।
इस दौरान अपने बाएं हाथ को सीधा ऊपर की ओर रखें।
अब बायीं हथेली को आगे की ओर मोड़ें।
फिर अपने सिर को नीचे की ओर घुमाएं और बाईं मध्यमा उंगली की नोक पर देखें।
अब श्वास को सामान्य रखें और 10 से 20 सेकेंड तक इस मुद्रा में बनी रहें।
समय पूरा होने पर श्वास लें और ऊपर की ओर आएं। ठीक इसी तरह बाईं ओर से भी इसे दोहरायें।
इस मुद्रा में आने के लिए सबसे पहले अपनी हथेली एवं घुटनों के बल टेबल टॉप स्थिति में आ जाएं।
फिर धीरे-धीरे कमर को ऊपर की तरफ उठाएं। इस दौरान अपनी कोहनी और घुटनों को सतह पर मजबूती से टिकाए रखें।
अपने हिप्स को उठाएं और देखें कि आपके शरीर से उल्टा “v” आकार बन रहा हो।
अब हथेलियों को नीचे जमीन की सतह पर दबाएं और गर्दन को स्ट्रेच करें।
कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बनी रहें और फिर घुटनों को जमीन पर रिलैक्स करते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें।
इस दौरान रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधी रखना है।
अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर सीधा उठाएं।
सांस छोड़ें और कमर के ऊपरी भाग यानी कि अपने घर को आगे की ओर झुकाएं।
पूरी तरह झुकना है देखें कि सिर सतह से सटा हो।
फिर दोनों हाथों को आगे की ओर झुकाएं और इन्हें बिल्कुल सीधा स्ट्रेच करें।
इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक बनी रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को कम से कम 5 से 6 बार जरूर दोहराएं।
इस मुद्रा में आने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
अब कंधों और हथेलियों को अपनी जगह पर रखें और गहरी सांस लें।
फिर सिर, छाती और पेट यानी कि अपने ऊपर इधर को ऊपर की ओर उठाएं।
इस दौरान सीधा ऊपर की ओर देखें और अपने हाथों से सतह पर मजबूत पकड़ बनाए रखें।
पेट और पैर की उंगलियों को फर्श की ओर दबाएं।
ऊपर जाते समय सांस लें और नीचे आते समय सांस छोड़ें।
उचित परिणाम के लिए इस प्रक्रिया को कम से कम 7 से 8 बार जरूर दोहराएं।
यह भी पढ़ें : Skipping rope : रस्सी कूदना है पूरे शरीर का व्यायाम, पर इस दौरान रखें इन 5 बातों का ध्यान
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।