शरीर को स्वस्थ रखना पहली प्राथमिकता होती है। शरीर स्वस्थ रहने पर ही कई तरह की बीमारियों से बचाव हो पाता है। शरीर को स्वस्थ रखने का प्रयास हमें बचपन से करना चाहिए। इसके लिए सबसे जरूरी हैं योगासन। यदि बचपन से ही योग की आदत डाली जाए, तो बड़े होकर मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ दोनों मजबूत होंगे। बच्चों के लिए कौन-कौन से योग उपयुक्त (yogasana for child ) हो सकते हैं, इसके लिए हमने बात की योग थेरेपिस्ट और डिवाइन सोल योग के प्रमुख डॉ. अमित खन्ना से।
डॉ. अमित बताते हैं कि बच्चों में 5 साल की उम्र से योगासन करने की आदत डाल देनी चाहिए। यह उनकी एकाग्रता (concentration) बढ़ाता है। योग और आसन बच्चों को स्थिरता (balance) प्रदान करते हैं। यह बच्चों की हाइट को भी बढ़ाता है।
यहां हैं 5 योगासन, जिन्हें बच्चों को (yogasana for child ) नियमित तौर पर करना चाहिए
यह खड़े होने का मूल आसन है। यह आसन बच्चों को स्थिरता और दृढ़ता प्राप्त करना सिखाता है।
कैसे करें आसन
पैरों को 2 इंच की दूरी पर रखकर खड़े हो जाएं।
उंगलियों को इंटरलॉक करें। कलाई को बाहर की ओर मोड़ें। सांस लें, बाजुओं को ऊपर उठाएं।
उन्हें कंधों के बराबर लाएं।
एड़ियों को फर्श से ऊपर उठाएं और पंजों पर संतुलन बनाएं।
10 -15 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
सांस छोड़ते हुए एड़ियों को नीचे लाएं।
उंगलियों के इंटरलॉक को रिलीज करें और बाहों को ट्रंक के समानांतर नीचे लाएं और
वापस खड़े होने की मुद्रा में आ जाएं।
जब आसन करने के दौरान भुजाओं को ऊपर की ओर फैलाया जाता है, तो इसे उर्ध्व हस्तोत्तानासन के नाम से जाना जाता है।
कैसे करें आसन
पैरों को एक साथ या 2 इंच अलग करके जमीन पर खड़े हो जाएं।
बाहों को उठाएं और उंगलियों को गूंथ लें।
धीरे-धीरे ऊपर और सीधे देखते हुए शरीर को बाईं ओर झुकाएं।
सांस छोड़ें और कमर को नीचे झुकाएं।
15-20 सेकंड तक सामान्य श्वास के साथ आसन बनाए रखें।
केंद्र में वापस आएं और दूसरी तरफ भी यही अभ्यास दोहराएं।
इसे किंग ऑफ डांस पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने में बच्चों को मजा आएगा।
कैसे करें आसन
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंपैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं।
आंखों के स्तर पर एक निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।
दाहिने घुटने को मोड़ें और टखने को शरीर के पीछे दाहिने हाथ से पकड़ें।
दोनों घुटनों को एक साथ रखें और संतुलन बनाए रखें।
धीरे-धीरे दायें पैर को पीछे की ओर जितना संभव हो उतना ऊपर उठायें।
सुनिश्चित करें कि दाहिना कूल्हा मुड़े नहीं और पैर सीधे शरीर के पीछे उठा हुआ हो।
तर्जनी की नोक को आगे लाते हुए बाएं हाथ से ऊपर आगे की ओर आयें।
ज्ञान मुद्रा बनाने के लिए बाएं हाथ का अंगूठा एक साथ रखें।
नजर को बाएं हाथ पर केंद्रित करें।
यह अंतिम स्थिति है। जब तक संभव हो स्थिति को बनाए रखें।
बाएं हाथ को बगल में नीचे की ओर रखें। घुटनों को एक साथ लाते हुए दाहिना पैर नीचे करें।
दाहिना टखना आगे की ओर बढायें और पैर को फर्श पर नीचे की ओर करें।
दाहिने हाथ को बगल में नीचे की ओर करें।
आराम करें, फिर बाएं पैर से दोहराएं।
संस्कृत में ‘वृक्ष’ का अर्थ है ‘पेड़’। इसलिए, इसकी अंतिम स्थिति आसन एक पेड़ की तरह दिखता है।
इसलिए इस आसन को वृक्षासन कहा जाता है।
कैसे करें आसन
पैरों को आराम से अलग करके खड़े हो जाएं।
बच्चे को अपनी दृष्टि एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने को कहें।
सांस छोड़ें । दायें पैर को मोड़ें। पैर को बाईं जांघ के अंदर रखें।
एड़ी पेरिनेम को छूना चाहिए।
बाएं पैर पर संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठायें।
हथेलियों को मिलाएं।
10-20 सेकंड के लिए सामान्य श्वास के साथ आसन को बनाए रखें।
सांस छोड़ें और बांहों और दायें पैर को नीचे लायें।
विपरीत पैर के साथ इसी क्रम को दोहराएं।
त्रिकोण का अर्थ है तीन कोना। इस आसन में शरीर त्रिकोण जैसा दिखता है।
कैसे करें आसन
पैरों को आराम से अलग करके खड़े हो जाएं।
धीरे-धीरे दोनों हाथों को साइड में तब तक उठाएं जब तक वे क्षैतिज न हो जाएं।
सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाहिनी ओर झुकें और दायें हाथ को दायें पैर के पीछे रखें।
बायां हाथ सीधा ऊपर रखें।
बायीं हथेली को आगे की ओर मोड़ें।
अपने सिर को घुमाएं और बाईं मध्यमा उंगली की नोक पर देखें।
सामान्य श्वास के साथ 10-20 सेकेंड तक आसन में रहें।
श्वास लें और ऊपर आएं।
बाईं ओर के लिए दोहरायें।
योग सिखाते समय आप भी बच्चे के साथ आसन करें। ध्यान रहे कि शुरुआत में सभी आसन को सही तरीके से करना बच्चे के लिए आसान नहीं होगा। इसलिए उन्हें धीरे-धीरे सिखाएं, ताकि बच्चे को चोट नहीं लगे।
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