हमारे एजिंग पेरेंट्स उम्र बढ़ने के साथ बहुत सारी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। कभी-कभी स्वस्थ दिखने वाले बूढ़े स्त्री-पुरुष भी चक्कर आने या गिरने के शिकार हो सकते हैं। असल में यह सब शारीरिक असंतुलन के कारण होता है और उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या बढ़ती ही जाती है। तो अगर आपके पेरेंट्स भी शारीरिक असंतुलन का सामना कर रहे हैं, तो यहां हमारे एक्सपर्ट कुछ विशेष सुझाव दे रहे हैं।
बॉडी इंबैलेंस की समस्या किसी को भी हो सकती हैं। उम्र बढ़ने पर यह समस्या बढ़ सकती है। बॉडी इंबैलेंस के कारण चक्कर आना, कमरे या चीजों का घूमते हुए महसूस होना, भी हो सकता है। कभी-कभी गिरने का डर भी लग सकता है। ये स्थिति सिर्फ चलते या खड़े हुए ही नहीं, बल्कि बैठे हुए भी हो सकती है।
इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है, यह जानने के लिए हमने बात की गुरुग्राम के पारस अस्पताल में एचओडी-फिजियोथेरेपी डॉ. प्रमिला शर्मा से।
ज्यादातर मामलों में मांसपेशियां, हड्डियां, ज्वाइंट्स, आंखों के साथ-साथ इनर इयर नर्व्स, हार्ट और ब्लड वेसल्स भी शारीरिक संतुलन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। जब ये सिस्टम ठीक से काम नहीं करते हैं, तो आप इंबैलेंस का अनुभव कर सकती हैं।
कभी-कभार मेडिकल कंडीशन के कारण भी शरीर का संतुलन बैठाने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, संतुलन संबंधी ज्यादातर समस्याएं इनर इयर (vestibular system) में दिक्कत के परिणामस्वरूप होती हैं।
मोशन या चक्कर आना (vertigo)
बेहोशी जैसा अनुभव होना (presyncope)
संतुलन खोना या अस्थिर जैसा महसूस करना
गिर जाना या गिरते हुए महसूस करना
सनसनी जैसा महसूस करते हुए चक्कर आना (dizziness)
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंकुछ देर के लिए धुंधला दिखना
कन्फ्यूजन की स्थिति
वेस्टिबुलर एक्सरसाइज वेस्टिबुलर तंत्र को उत्तेजित करती हैं। यह उत्तेजना मस्तिष्क द्वारा प्रोसेस की जाने वाली जानकारी प्रोड्यूस करती है। इन अभ्यासों को दोहराने का लक्ष्य मस्तिष्क को इस प्रकार की उत्तेजना को सहन करना और सटीक रूप से व्याख्या करना सीखना है।
1 बिस्तर पर या बैठे हुए आई मूवमेंट्स, अप एंड डाउन, साइड टू साइड एक्सरसाइज की जा सकती है।
2 बैठे हुए आंखों और सिर की मूवमेंट की जा सकती है। कंधों को झुलाया और सर्कल में घुमाया जा सकता है।
3 खड़े होकर आंखों, सिर और कंधों को मूव किया जा सकता है। किसी स्लोप पर अप एंड डाउन किया जा सकता है।
4 पैर को 45 डिग्री पर टर्न करते हुए दोनोें हाथ को प्रणाम की तरह जोड़ें। अपने घुटनों और कूल्हों पर झुकें। धड़ को सीधा रखते हुए एक हाथ को उसी साइड की इनर थाय से छूएं। प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए अपने पैर को वापस नीचे रखें और दोहराएं। ऐसा प्रत्येक साइड से 12 बार करें।
5 एक पैर पर संतुलन बनाएं और दूसरे को अपने सामने घुटने को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें। आपके हाथ एक साथ ऊपर की ओर क्लैप की मुद्रा में जाएं।
सिर को सीधा रखते हुए आगे की ओर झुकें।
अपने हाथों से उठे हुए पैर के नीचे ताली बजाएं।
ऐसा 12 बार करते हुए अपने दूसरे पैर के लिए भी यह क्रिया दोहराएं।
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