सर्दियों में बच्चों को फिजिकली एक्टिव और स्मार्ट रखने में मददगार होंगी ये 5 एक्सरसाइज

फिजिकल और मेंटल हेल्थ, दोनों के लिए बच्चों का एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी करना जरूरी है। यहां हैं कुछ एक्सरसाइज जो उनके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
bachchon ke liye physical activity jaroori hai
स्कूली बच्चों को रोजाना 1 घंटे या उससे अधिक मध्यम से तेज गति वाली फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज करनी चाहिए। चित्र : एडोबी स्टॉक
Published On: 31 Dec 2022, 08:00 am IST

शक्ति, समन्वय और आत्मविश्वास के लिए हर उम्र के बच्चों के लिए शारीरिक गतिविधि जरूरी है। यह स्वस्थ जीवन शैली के लिए जरूरी है। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां, खेल में भाग लेना चाहिए। सभी एक्टिविटीज व्यक्तित्व, क्षमता, उम्र और रुचियों के अनुकूल होना चाहिए। ये मजेदार होने के साथ-साथ फिटनेस के लेवल पर भी उचित होना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि स्कूली बच्चों को रोजाना 1 घंटे या उससे अधिक मध्यम से तेज गति वाली फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज (exercise for child) करनी चाहिए।

क्यों जरूरी है बच्चों का फिजिकली एक्टिव (physical activity for child) रहना

बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध आलेख के अनुसार, बच्चों को प्रत्येक दिन 60 मिनट या उससे अधिक मध्यम-से-जोरदार तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। इनमें से एरोबिक गतिविधि भी होनी चाहिए। रोज 60 मिनट की गतिविधियों में चलना, दौड़ना, या ऐसी कोई भी गतिविधि शामिल होनी चाहिए, जो उनके सारे शरीर को प्रभावित करे और दिल की धड़कन भी तेज हो सके। सप्ताह में कम से कम 3 दिन बच्चों की रूटीन में जोरदार-तीव्रता वाली गतिविधियों शामिल होनी चाहिए।

बच्चे यदि नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो उनके शरीर पर फैट डीपोजिशन नहीं हो पाता है। यह बच्चे की एकाग्रता बढ़ाती है, मेंटल हेल्थ को मजबूत करती है। इससे बच्चा एनर्जेटिक महसूस करता है।

एक्सरसाइज के अलावा ये 5 एक्टिविटीज रखेंगी बच्चों को एक्टिव

1 एरोबिक्स (Aerobics for child) 

शोध बताते हैं कि जिन बच्चों के ओबीज (Obese) होने की संभावना होती है, उन्हें एरोबिक्स कराना चाहिए। इससे बच्चों में मधुमेह(Diabetes) और हार्ट डिजीज (Heart Disease) से बचाव होता है।एरोबिक्स से दिल मजबूत होता है। कोशिकाओं को ऑक्सीजन सरकुलेट करने में मदद मिलती है। यदि बच्चे को एरोबिक्स करना पसंद नहीं है, तो वे स्वीमिंग(Swimming), जौगिंग(Jogging), साइकिलिंग (Cycling) या रनिंग (Running) को भी आजमा सकते हैं। ये सभी व्यायाम (Exercise) एरोबिक्स के बराबर हैं।

2 पुशप्स (Push-ups) 

जामा नेटवर्क जर्नल के शोध आलेख के अनुसार, कई एक्सरसाइज ऐसे हैं, जो बच्चों के शारीरिक विकास को बेहतर बनाता है। इसमें पुशअप्स शामिल हैं। रेसिस्टेंस टयूबिंग और शरीर के वजन वाले व्यायाम पुशअप्स को सही तकनीक के साथ करना चाहिए। यह गति को नियंत्रित करने का स्किल विकसित करता है, जो बच्चों को खेल और दैनिक जीवन से संबंधित गतिविधियों के लिए जरूरी है। इसके अलावा क्रन्चेज, जंपिंग जैक्स और स्ट्रेचिंग भी बच्चे कर सकते हैं।

3 स्कीपिंग (Skipping) 

स्कूल गोअर्स के लिए स्कीपिंग एक बेहतरीन वर्कआउट है। उनके लिए यह एक गेम भी हो सकता है। इसे वे खेल के रूप में दोस्तों के साथ भी कर सकते हैं।

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बच्चो को एक्टिव रखने  के लिए स्किपिंग के अलावा अन्य एक्टिविटी भी कराएं । चित्र शटरस्टॉक।

नियमित रूप से स्कीपिंग करने से वे न सिर्फ एनर्जेटिक फील कर सकते हैं, बल्कि उनका मसल्स हेल्थ भी स्ट्रोंग हो सकता है।

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4 डांस (Dance) 

डांस भी एक्सरसाइज का एक रूप है। फ्रंटियर्स इन फिजियोलोजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, डांस बच्चों पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फायदा पहुंचाता है। डांस भी एक्सरसाइज का एक रूप है। यह बच्चों की शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा पर जोर देने के लिए बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी में डांस को भी शामिल करना चाहिए।

5 योग (Yoga for Child) 

बच्चों के दिमाग को स्थिर करने के लिए योग बेहद जरूरी है। योग और माइंडफुलनेस (Mindfulness) बच्चों के मेंटल हेल्थ को मजबूत करते हैं। फ्रंटियर्स इन फिजियोलोजी जर्नल के शोध आलेख बताते हैं कि योग फोकस, मेमरी, सेल्फ एस्टीम, पढाई में बच्चों के प्रदर्शन और घर-बाहर और क्लास में उनके व्यवहार में भी सुधार लाते हैं। यदि पढाई के कारण बच्चा प्रेशर फील करता है, तो योग उनके स्ट्रेस और एंग्जाइटी को भी कम कर सकता है।

नियमित एक्सरसाइज (Regular Exercise) से बच्चों को मिल सकते हैं ये फायदे

यदि आप चाहती हैं कि आपका बच्चा एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी रोजाना करे, तो आपको भी उनके साथ एक्सरसाइज करना होगा।

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बच्चों के साथ आपको भी एक्सरसाइज करना होगा। चित्र: शटरस्टॉक

एक्सरसाइज से बच्चों की मांसपेशियां मजबूत होंगी।
वे मोटापे का शिकार नहीं होंगे। उनका पोस्चर भी लीन होता है।
मेंटल हेल्थ (Mental Health) मजबूत होगा।
हार्ट डिजीज (Heart Disease), डायबिटीज (Diabetes) , ब्लड प्रेशर से बचाव हो पायेगा।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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