शक्ति, समन्वय और आत्मविश्वास के लिए हर उम्र के बच्चों के लिए शारीरिक गतिविधि जरूरी है। यह स्वस्थ जीवन शैली के लिए जरूरी है। स्कूल जाने वाले बच्चों को भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां, खेल में भाग लेना चाहिए। सभी एक्टिविटीज व्यक्तित्व, क्षमता, उम्र और रुचियों के अनुकूल होना चाहिए। ये मजेदार होने के साथ-साथ फिटनेस के लेवल पर भी उचित होना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि स्कूली बच्चों को रोजाना 1 घंटे या उससे अधिक मध्यम से तेज गति वाली फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज (exercise for child) करनी चाहिए।
बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के शोध आलेख के अनुसार, बच्चों को प्रत्येक दिन 60 मिनट या उससे अधिक मध्यम-से-जोरदार तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। इनमें से एरोबिक गतिविधि भी होनी चाहिए। रोज 60 मिनट की गतिविधियों में चलना, दौड़ना, या ऐसी कोई भी गतिविधि शामिल होनी चाहिए, जो उनके सारे शरीर को प्रभावित करे और दिल की धड़कन भी तेज हो सके। सप्ताह में कम से कम 3 दिन बच्चों की रूटीन में जोरदार-तीव्रता वाली गतिविधियों शामिल होनी चाहिए।
बच्चे यदि नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो उनके शरीर पर फैट डीपोजिशन नहीं हो पाता है। यह बच्चे की एकाग्रता बढ़ाती है, मेंटल हेल्थ को मजबूत करती है। इससे बच्चा एनर्जेटिक महसूस करता है।
शोध बताते हैं कि जिन बच्चों के ओबीज (Obese) होने की संभावना होती है, उन्हें एरोबिक्स कराना चाहिए। इससे बच्चों में मधुमेह(Diabetes) और हार्ट डिजीज (Heart Disease) से बचाव होता है।एरोबिक्स से दिल मजबूत होता है। कोशिकाओं को ऑक्सीजन सरकुलेट करने में मदद मिलती है। यदि बच्चे को एरोबिक्स करना पसंद नहीं है, तो वे स्वीमिंग(Swimming), जौगिंग(Jogging), साइकिलिंग (Cycling) या रनिंग (Running) को भी आजमा सकते हैं। ये सभी व्यायाम (Exercise) एरोबिक्स के बराबर हैं।
जामा नेटवर्क जर्नल के शोध आलेख के अनुसार, कई एक्सरसाइज ऐसे हैं, जो बच्चों के शारीरिक विकास को बेहतर बनाता है। इसमें पुशअप्स शामिल हैं। रेसिस्टेंस टयूबिंग और शरीर के वजन वाले व्यायाम पुशअप्स को सही तकनीक के साथ करना चाहिए। यह गति को नियंत्रित करने का स्किल विकसित करता है, जो बच्चों को खेल और दैनिक जीवन से संबंधित गतिविधियों के लिए जरूरी है। इसके अलावा क्रन्चेज, जंपिंग जैक्स और स्ट्रेचिंग भी बच्चे कर सकते हैं।
स्कूल गोअर्स के लिए स्कीपिंग एक बेहतरीन वर्कआउट है। उनके लिए यह एक गेम भी हो सकता है। इसे वे खेल के रूप में दोस्तों के साथ भी कर सकते हैं।
नियमित रूप से स्कीपिंग करने से वे न सिर्फ एनर्जेटिक फील कर सकते हैं, बल्कि उनका मसल्स हेल्थ भी स्ट्रोंग हो सकता है।
डांस भी एक्सरसाइज का एक रूप है। फ्रंटियर्स इन फिजियोलोजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, डांस बच्चों पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फायदा पहुंचाता है। डांस भी एक्सरसाइज का एक रूप है। यह बच्चों की शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा पर जोर देने के लिए बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी में डांस को भी शामिल करना चाहिए।
बच्चों के दिमाग को स्थिर करने के लिए योग बेहद जरूरी है। योग और माइंडफुलनेस (Mindfulness) बच्चों के मेंटल हेल्थ को मजबूत करते हैं। फ्रंटियर्स इन फिजियोलोजी जर्नल के शोध आलेख बताते हैं कि योग फोकस, मेमरी, सेल्फ एस्टीम, पढाई में बच्चों के प्रदर्शन और घर-बाहर और क्लास में उनके व्यवहार में भी सुधार लाते हैं। यदि पढाई के कारण बच्चा प्रेशर फील करता है, तो योग उनके स्ट्रेस और एंग्जाइटी को भी कम कर सकता है।
यदि आप चाहती हैं कि आपका बच्चा एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी रोजाना करे, तो आपको भी उनके साथ एक्सरसाइज करना होगा।
एक्सरसाइज से बच्चों की मांसपेशियां मजबूत होंगी।
वे मोटापे का शिकार नहीं होंगे। उनका पोस्चर भी लीन होता है।
मेंटल हेल्थ (Mental Health) मजबूत होगा।
हार्ट डिजीज (Heart Disease), डायबिटीज (Diabetes) , ब्लड प्रेशर से बचाव हो पायेगा।
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