ये संकेत बताते हैं कि बढ़ने वाला है आपका वज़न, समय रहते करें कंट्राेल

वजन रातों रात नहीं बढ़ जाता, इसमें लंबा समय लगता है। और हमारा शरीर इसके संकेत बहुत पहले से देना शुरू कर देता है। पर हम इन्हें नजरंदाज करते रहते हैं।
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वॉटर रिटेंशन एक ऐसी परिस्थिति हैं, जिसमें किसी भी व्यक्ति के शरीर के आंतरिक भागों, सर्कुलेटरी सिस्टम या टिशूज़ में पानी भर जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 20 Oct 2023, 09:08 am IST
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बदलती लाइफस्टाइल, गलत खान पान की आदत के साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय न रहने के कारण वजन बढ़ने जैसी समस्याएं सामने आती हैं। मोटापा आने से पहले शुरुआत में ही आपको कई संकेत देता है, परन्तु हम उसे समझ नहीं पाते। और यह तेजी से बढ़ता चला जाता है। खासकर इस बदलती लाइफस्टाइल में मोटापे ने ज्यादातर लोगो को अपनी चपेट में ले लिया है। यंगस्टर्स से लेकर बच्चे तक इसके शिकार हैं। मोटापे से केवल वजन बढ़ने की समस्या नहीं होती, बल्कि यह आपको कई अन्य स्वास्थ्य जोखिमो से भी ग्रसित कर सकता है। आपको इन सभी स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने के लिए हम बता रहे हैं वे संकेत जो वज़न बढ़ने (Signs of weight gain) से पहले आपका शरीर देता है।

ये 4 संकेत हो सकते हैं आपके वजन बढ़ने की निशानी

1 लगातार थकान महसूस होना

बिना परिश्रम किये यदि आपको थकान महसूस हो रही है, तो यह मोटापे का एक लक्षण हो सकता है। साथ ही यह आपकी नींद को भी प्रभावित करता है। जिस वजह से आपको पूरे दिन आलस की अनुभूति होती रहेगी। मोटापा बढ़ने के साथ ही आपके काम करने की क्षमता में भी कमी नजर आती है। वहीं ऊर्जा की कमी भी मोटापा बढ़ने का एक लक्षण हो सकती है।

2 बहुत ज्यादा भूख लगना

अधिक भूख लगना एक सामान्य साइकोलॉजिकल रिस्पांस है। बच्चे जब ग्रोथ करते हैं, तो अक्सर ऐसा देखने को मिलता है। परंतु कभी-कभी यह एक एबनॉर्मल कंडीशन के सिम्टम्स सो सकते हैं। थोड़ी-थोड़ी देर पर भूख लगना और खाने से संतुष्टि प्राप्त न होना बढ़ते वजन का एक लक्षण होता है।

पब मेड द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है, की यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो दिन प्रति दिन मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ती जाती है।

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अधिक खाने की आदत बन सकती है मोटापे का कारन। चित्र:शटरस्टॉक

3 सांस लेने में परेशानी होना

यदि आपको अचानक सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो यह आपके बढ़ते वजन के लक्षणों में से एक हो सकता है। मोटापे के कारण छाती के आसपास फैट जमा हो जाता है, जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। कुछ व्यक्तियों में यह एक गंभीर समस्या का रूप ले लेती है।

4 एंग्जाइटी और चिड़चिड़ापन महसूस होना

बढ़ते वजन के साथ आप चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी महसूस करेंगी। जो आपकी मेंटल हेल्थ और मूड को भी प्रभावित कर सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार मोटापे की समस्या में ब्लड शुगर लेवल, मेटाबॉलिक लेवल कम हो जाता है। साथ ही फिजिकल एक्टिविटीज भी प्रभावित होती हैं। यह सभी फैक्टर्स मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।

जानिए क्यों होती है वजन बढ़ने की समस्या

अस्वस्थ खानपान

पब मेड द्वारा किये गए अध्ययन में देखा गया कि फैटी फूड्स, जंक फूड्स और अधिक मात्रा में शुगर इन्टेक वजन बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। फूड एडिक्शन भी अल्कोहल और ड्रग एडिक्शन से कम खतरनाक नहीं। इसलिए अपने खानपान की आदतों को संतुलित रखने का प्रयास करें, अन्यथा मोटापे के साथ-साथ कई और समस्याओं की शिकार हो सकती हैं।

कोई लंबी बीमारी या खास दवा

कई ऐसी दवाइयां है जिनके साइड इफेक्ट के तौर पर हमें वेट गेन की समस्या देखने को मिलती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉरमेशन द्वारा किये गए एक रिसर्च के अनुसार एंटी डिप्रेशन पिल्स और डायबिटीज की दवाएं वजन बढ़ने का एक सबसे बड़ा कारण होती हैं। दवाएं बॉडी फंक्शन को कंट्रोल करती हैं और मेटाबॉलिक रेट को रिड्यूस कर देती हैं। जिस वजह से बार-बार भूख महसूस होती है और लोग ओवर ईटिंग करने लगते हैं।

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दवाइयों का सेवन बन सकता है मोटापे का कारण। चित्र : शटरस्टॉक

अधिक मात्रा में मीठा खाना

अधिक मात्रा में शुगर का सेवन शरीर में हार्मोन्स को अनियंत्रित करने के साथ ही शरीर की बायोकेमेस्ट्री को भी बदल देता है। जिस वजह से वजन बढ़ने जैसी समस्याएं सामने आती है। शुगर में फ्रुक्टोज और ग्लूकोज की मात्रा होती है। पब मेड द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है। परंतु अभी तक वैज्ञानिक रूप से इस बात को प्रमाणित नहीं किया गया है।

नींद की कमी

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार नींद की कमी मोटापे की समस्या का एक कारण हो सकती है, साथ ही यह आपकी सेहत को भी नकारात्मक रूप में प्रभावित करती है। पब मेड द्वारा 92 महिलाओं पर अध्ययन किया गया जो 6 घंटे से कम सोती हैं। वहीं 6 घंटे और 6 घंटे से अधिक नींद लेने वाली महिलाओं की तुलना में इन महिलाओं का बीएमआई काफी ज्यादा था। इसलिए पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें, यदि आपको नींद न आने की समस्या है, तो ऐसे में स्क्रीन के सामने कम समय व्यतीत करें और कैफीन की मात्रा को भी सीमित रखें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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