इंटरमिटेंग फास्टिंग, कीटो डाइट से लेकर जिम और योगा तक, अगर सबकुछ ट्राई करने के बाद भी आपका वजन कम नहीं हो रहा, तो आपको अपने समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। पिछले पचास सालों में लोग तीन गुना तक मोटे हो चुके हैं। जंक फूड, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधयां न होने को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। पर मोटापे के लिए सिर्फ यही तीन कारण जिम्मेदार नहीं हैं। खासतौर से महिलाओं में कुछ और कारणों से भी मोटापा हो सकता है। वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर आइए उन्हीं अनकॉमन कारणों (obesity causes in women) पर नजर डालते हैं।
क्या सिर्फ खाने से ही वजन बढ़ता है या इसके पीछे कोई अन्य कारण भी है। क्या डाइटिंग से वजन या मोटापे को कम किया जा सकता है या इसके भी कुछ दुष्प्रभाव हो सकते है। आइए जानते है।
1975 के बाद से देखा गया है कि पूरी दुनिया में मोटापा 3 गुना बढ़ गया है। वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में भी मोटापे की दर काफी तेजी से बढ़ी है। वयस्कों के घंटो ऑफिस में कंप्यूटर के सामने बैठने की वजह से मोटापे में तेजी आई है। स्क्रीन टाइम और डेस्क जाॅब बढ़ने के कारण शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के 39 मिलियन बच्चों को 2020 में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त पाया गया। बच्चों के वजन बढ़ने के पीछे उनका खानपान सबसे ज्यादा बड़ी भूमिका निभाता है। पर सिर्फ यही एक कारण नहीं है, वजह कुछ और भी हैं।
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4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे के रूप में मनाया जाता है। ताकि खुल कर ओबेसिटी पर बात की जा सके। मोटापा उस स्थिति को कहा जाता है, जब शरीर में अत्यधिक मात्रा में वसा होती है। इससे कई स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। मोटापे के लिए जेनिटिक, शारीरिक और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। शारीरिक गतिविधि में कमी और अस्वास्थ्यकर आहार भी इसका बड़ा कारण है। इसके आलावा पर्याप्त नींद नहीं लेना, गर्भावस्था, पीसीओएस- ऐसी स्थितियां हैं, जो महिला प्रजनन हार्मोन में असंतुलन का करण बनती हैं। इपोथायरायडिज्म, दवाएं, तनाव और ऑस्टियोआर्थराइटिस भी मोटापे की वजह हो सकते हैं।
हर किसी के लिए वजन को कम करना उतना आसान नहीं होता। हांलाकि वजन को कम करके आप मोटापे से जुड़ी कुछ बीमारियों को जरूर कम कर सकते हैं। वजन को कम करने के लिए जीवन शैली और आहार में बदलाव करना जरूरी है। लेकिन डाइटिंग का विकल्प डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपनाना चाहिए।
भोजन के ऊर्जा मूल्य को कैलोरी में कहा जाता है। औसत शारीरिक रूप से सक्रिय आदमी को स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए दिन में लगभग 2,500 कैलोरी की आवश्यकता होती है, और औसत शारीरिक रूप से सक्रिय महिला को एक दिन में लगभग 2,000 कैलोरी की आवश्यकता होती है। ज्यादा कैलोरी का सेवन आपके मोटापे का कारण बन सकती है।
आहार और जीवनशैली भी मोटापे के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हो सकती है। ज्यादा मात्रा में प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड खाने भी हानिकारक है क्योकि इन खाद्य पदार्थों में वसा और शूगर काफी मात्रा में होता है। शराब पीने से भी वजन बढ़ता है क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कैलेरी होती है। सॉफ्ट ड्रिंक पीना, जरूरत से ज्यादा खा लेना, बाहर खाना ये सभी वजन बढ़ाने में काफी भूमिका निभाते है।
शारीरिक गतिविधि की कमी मोटापे से संबंधित एक और महत्वपूर्ण कारक है। बहुत से लोगों के पास ऐसी नौकरियां होती हैं जिनमें दिन के अधिकांश समय के लिए डेस्क पर बैठना पड़ता है। वे चलने या साइकिल चलाने के बजाय अपनी कारों में भी चलता है।
विश्राम के लिए, बहुत से लोग टीवी देखते हैं, इंटरनेट ब्राउज़ करते हैं या कंप्यूटर गेम खेलते हैं, और शायद ही कभी नियमित व्यायाम करते हैं।
30 के बाद या प्रजनन आयु में पहुंच कर बहुत सारी महिलाएं बढ़े हुए वजन का अनुभव करती हैं। जबकि कुछ महिलाएं मेनोपॉज के बाद अचानक मोटी होने लगती हैं। अगर
लगातार एक्सरसाइज और डाइट कंट्रोल करने के बाद भी आपका वजन कंट्रोल नहीं हो रहा है, तो आपको कुछ और कारणों के बारे में जानना चाहिए।
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मेनोपॉज में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण पेट के आसपास वजन बढ़ने की अधिक संभावना हो सकती है। लेकिन ये जरूरी नहीं कि केवल हार्मोनल परिवर्तन ही मेनोपॉज में वजन बढ़ने का कारण बने। वजन बढ़ना उम्र बढ़ने के साथ-साथ जीवनशैली और आनुवंशिक कारणों पर भी निर्भर होते है।
एक रिसर्च हुई जिसमें ये पाया गया कि एंडोमेट्रियोसिस और वजन बढ़ने का संबंध आपस में दिखाया गया। शोध के दौरान बहुत से लोगों ने इससे वजन बढ़ने और पेट फूलने की समस्या के बारे में बताया। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से वजन बढ़ सकता है या वजन कम करने में कठिनाई हो सकती है।
थायरॉयड मेटाबॉलिजम को संतुलित करने और भूख को नियंत्रित करता है। जब थायराइड का लेवल कम होता है, तो मेटाबॉलिज्म धीमी गति से काम करता है और शरीर में वसा ऊर्जा में धीरे बदल पाती है। वसा ऊर्जा बनाने में खर्च नहीं होती, जिससे वजन बढ़ने लगता है।
मोटापे और अधिक वजन का कारण कुछ जीन हैं। कुछ लोगों को ये जीन उनके शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलने और वसा को स्टोर करने हैं को भी प्रभावित कर सकते है। जीन लोगों की जीवन शैली विकल्पों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
कुछ दुर्लभ आनुवंशिक स्थितियां भी मोटापे का कारण बन सकती हैं, जैसे कि प्रेडर-विली सिंड्रोम।
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