सामान्य तौर पर लंबे समय तक बैठने या किसी भारी शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के बाद पीठ में दर्द का अनुभव होना सामान्य है। परंतु कई बार लोगों के पीठ का दर्द लंबे समय तक बना रहता है, जिसे हम क्रॉनिक बैक पेन (chronic back pain) कहते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें बहुत तेज दर्द का अनुभव होता है। अब ऐसे में इन लोगों के लिए एक्सरसाइज करना बहुत मुश्किल हो जाता है, परंतु यह मुमकिन नहीं की एक्सरसाइज बिल्कुल भी न की जाए। अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में क्या करें।
फिटनेस और लाइफस्टाइल कोच यश अग्रवाल ने क्रॉनिक बैक पेन को बढ़ा देने वाले 4 एक्सरसाइज के बारे में बताया है। साथ ही उन्होंने बताया है कि इन गतिविधियों की जगह पीठ को नुकसान पहुंचाए बिना कौन सी अन्य गतिविधियां की जा सकती है। यदि आप भी क्रॉनिक बैक पेन (back pain) से परेशान हैं, तो एक्सरसाइज को लेकर चिंतित न हो और हमारे साथ जानें आपके लिए क्या उचित है और क्या नहीं।
भारी वजन उठाने, झुकने या मुड़ने वाले व्यायाम पीठ पर अतिरिक्त तनाव डाल सकते हैं, जिससे मौजूदा दर्द और बढ़ सकता है।
कुछ मसल्स ग्रुप पर ध्यान केंद्रित करते हुए दूसरों को नेगलेट करने से मांसपेशियों में असंतुलन हो सकता है, जिससे रीढ़ की हड्डी का संरेखण बिगड़ सकता है और पीठ दर्द और भी बदतर हो सकता है।
व्यायाम या अत्यधिक परिश्रम से चोट लग सकती है, जैसे हर्नियेटेड डिस्क, मोच या खिंचाव, जिससे पीठ दर्द और भी बदतर हो सकता है।
ऐसे व्यायाम जिनमें हाई इंटेंसिटी वाली हरकतें या बार-बार तनाव शामिल होता है, पीठ में सूजन पैदा कर सकती हैं, जिससे दर्द और अकड़न बढ़ जाती है।
क्लासिक सिट-अप्स और क्रंचेस ऐसे मूव्स जिसमें आपकी पीठ को आपके घुटनों की ओर झुकाना होता है, ऐसा करने से अपना पीठ दर्द बढ़ सकता है, क्योंकि यह रीढ़ की हड्डी की डिस्क पर दबाव डालता है।
अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। दोनों पैरों को ज़मीन पर मजबूती से टिकाकर, अपने घुटनों को मोड़कर ऊपर लाएं। अपनी बाजुओं को अपने चेस्ट के ऊपर क्रॉस करें, अपनी ठोड़ी को अपनी छाती में दबाएं और अपने आप को तब तक ऊपर उठाएं जब तक कि आपके कंधे की हड्डी ज़मीन से ऊपर न आ जाए। अपने ऊपरी कंधे को ऊपर उठाएं और अपने सिर को छत की ओर ले जाएं। इस स्थिति में 3 से 5 सेकंड तक बनी रहें, फिर अपनी पीठ के बल सपाट स्थिति में वापस आ जाएं।
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जॉगिंग और एरोबिक्स जैसी हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज़ डिस्क पर दबाव डाल सकती हैं और ज़्यादा चोट पहुंचा सकती हैं। साथ ही, ऐसी हरकतें करने से बचें जो हड्डियों के मुड़ने का कारण बनती हैं, क्योंकि इससे पीठ दर्द का दबाव बढ़ सकता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंवॉटर एरोबिक्स या योग को आप आसानी से बिना किसी झटके के कर सकती हैं, इससे आपका शरीर ठीक हो जायेगा। योग भी एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह विश्राम, मुद्रा और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करता है। पीठ दर्द की चोट के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए एक्सपर्ट के संपर्क में रहें।
सामान्य तौर पर धीमे धीमे रनिंग करना एक अच्छा आइडिया है। पर ट्रेडमिल पर अपने पैरों से तेजी में दौड़ना आपकी डिस्क या तनावग्रस्त मांसपेशियों पर तनाव डालकर आपकी पीठ के दर्द को अधिक बढ़ा सकता है।
पैदल चलने से आपकी पीठ के निचले हिस्से और पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पैदल चलने से आपकी रीढ़ की हड्डी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं होता। अगर आप पीठ दर्द से हिल कर रही हैं या आपको क्रॉनिक पीठ दर्द है, तो हर दिन सिर्फ़ दस मिनट पैदल चलने की कोशिश करें।
अपनी पीठ पर दबाव डालने के अलावा, डंबल जैसे फ्री वेट उठाने से आपकी सांस भी रुक सकती है, जिससे आपके पेट में दबाव बढ़ता है और पीठ दर्द बढ़ जाता है।
मशीन वेट कमज़ोर पीठ के लिए ज़्यादा सुरक्षित होते हैं, क्योंकि वज़न पर आपका ज़्यादा नियंत्रण होता है। हल्के वज़न का इस्तेमाल करें भले ही आप इसे ज्यादा बार उठा सकती हैं। अगर आपने वज़न उठाया और आपकी पीठ में चोट लग गई, तो आपको कभी भी उस वज़न को नहीं उठाना चाहिए जो आप पहले उठा रहे थे। अपने वज़न को कम से कम एक चौथाई तक कम करें। अगर आप पहले 100 पाउंड उठाते थे, तो 25 ही उठाएं, और ज़्यादा बार उठाने पर ध्यान दें।