बहुत बार हम कुछ शारीरिक परेशानियों को मामूली समझ कर नजरअंदाज कर देते है। ऐसे में वह परेशानी वक़्त के साथ-साथ गंभीर हो सकती है। ऐसे ही एक परेशानी गर्दन दर्द की भी है। कभी न कभी हर किसी को गर्दन में दर्द की परेशानी होती ही है। गर्दन का दर्द (Neck Pain) ऐसा दर्द ऐसा होता है, जो कई बार बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। ऐसे में समय रहते इसका सही इलाज करना आवश्यक है। कई बार जब यह दर्द बढ़ जाता है, तो इसकी चपेट में सिर, हाथ व कंधा भी आ जाता है। अगर आप भी गर्दन में दर्द के कारण परेशान हैं, तो गर्दन दर्द के लिए घरेलू उपाय (Neck pain home remedies) के बारे में विस्तार से जानें।
गर्दन का दर्द गर्दन के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इनमें मांसपेशियां, नसों, हड्डियां, जोड़ और हड्डियों के बीच की डिस्क शामिल हैं। जब किसी के गर्दन में दर्द होता है, तो उसे गर्दन हिलाने में परेशानी हो सकती है। जैसे कि किसी एक तरफ गर्दन को मोड़ना या फिर आगे-पीछे की तरफ झुकाना। कुछ लोगों को इस दर्द की वजह से गर्दन में अकड़न आ जाती हैं। वहीं, यदि किसी की गर्दन में दर्द नसों पर दबाव पड़ने से शुरू हुआ है, तो इससे हाथों में सुन्नता, झुनझुनी या कमजोरी महसूस हो सकती हैं।
असल में गर्दन दर्द की वजहों में मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव शामिल है। ऐसा रोजमर्रा की गतिविधियों की वजह से हो सकता है, जो इस प्रकार हैं।
घंटों तक गर्दन का एक तरफ झुकाव।
गलत पोस्चर में बैठकर टीवी देखना या किताब पढ़ना।
कंप्यूटर मॉनिटर,लैपटॉप का ज्यादा या कम ऊंचाई पर होना, जिसे देखने के लिए गर्दन को ऊपर या नीचे करना पड़े।
गलत मुद्रा में सोना।
एक्सरसाइज करते वक़्त गर्दन को सही तरीके से न मोड़ना।
काफी जल्दी या खराब मुद्रा में भारी चीजों को उठाना।
दुर्घटना या गिरने से भी गर्दन में चोट लग सकती हैं, जो गर्दन दर्द की वजह बन सकती है।
टूटी हुई हड्डियों के बीच की डिस्क।
चिकित्सा की स्थिति जैसे – फाइब्रोमायल्जिया।
सर्वाइकल अर्थराइटिस या स्पोंडिलोसिस।
ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से रीढ़ में हुआ छोटा फ्रैक्चर।
स्पाइनल स्टेनोसिस।
गर्दन में मोच।
रीढ़ की हड्डी में संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिस,फोड़ा, डिस्काइटिस)।
कैंसर से प्रभावित स्पाइन की वजह से।
यदि किसी को अचानक गर्दन में हल्का दर्द हो, तो वह घर में ही घरेलू उपचार की मदद से इस दर्द को कुछ कम कर सकता है। वहीं, यदि दर्द अधिक हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें। गर्दन दर्द के उपाय में यह सामग्री लाभकारी साबित हो सकती है।
सामग्री- लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें, तुलसी के तेल की कुछ बूंदें
उपयोग करने का तरीका-
दोनों एसेंशियल ऑयल को अच्छी तरह मिक्स कर लें।
फिर इस मिश्रण से कुछ मिनट तक गर्दन की मसाज करें।
इस मिश्रण को आप दिन में दो बार प्रयोग क सकती हैं।
कैसे है लाभकारी- लैवेंडर और तुलसी के तेल से बने इस मिश्रण से गर्दन की मसाज करके गर्दन दर्द से राहत मिल सकती है। NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, गर्दन दर्द वाले रोगियों ने मसाज करने के लिए कुछ हफ्तों तक लैवेंडर तेल का प्रयोग किया। इसके बाद उनके दर्द में काफी कमी पाई गई।
इसके साथ ही पीठ में दर्द और रीढ़ की हड्डियों में भी सुधार पाया गया। असल में, लैवेंडर के तेल में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जो दर्द से राहत दिलाने का कार्य कर सकते हैं। वहीं, तुलसी के तेल में भी एनाल्जेसिक गुण यानी दर्द को कम करने का प्रभाव होता है, जो गर्दन दर्द से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकता है।
सामग्री- सेब का सिरका, टिशू या पेपर नैप्किन
उपयोग करने का तरीका-
नैपकिन को सेब के सिरके में अच्छे से भिगोएं और गर्दन में जिस हिस्से में दर्द है वहां पर रखें।
इस नैपकिन को एक घंटा गर्दन पर रखा रहने दें।
इसे दिन में दो बार प्रयोग किया जा सकता है।
कैसे है लाभकारी
गर्दन दर्द के उपाय में सेब के सिरके को एक बेहतरीन घरेलू उपचार कहा जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, सेब का सिरका जोड़ों का दर्द कम कर सकता है। इसके साथ ही यह गठिया की स्थिति में भी सुधार कर सकता है। इसी प्रकार से यह गर्दन दर्द से भी छुटकारा दिला सकता है। फिलहाल, इस पर और शोध करने की आवश्यकता है, ताकि पता चल सके कि यह गर्दन के दर्द से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।
सामग्री- एक आइस पैक
उपयोग करने का तरीका-
आइस पैक को कुछ देर के लिए दर्द वाली जगह पर रखे रहने दें।
कैसे है लाभकारी
यदि किसी को गर्दन दर्द है, तो वे इस दर्द से राहत पाने के लिए आइस पैक का प्रयोग कर सकता है। असल में, बर्फ से गर्दन की सूजन कुछ कम हो सकती है। ठंडक से गर्दन के दर्द में आराम मिल सकता है।
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