अधिक वजन या मोटापा भी घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और घुटने टेकने में योगदान दे सकता है।जेनु वेलगम (Genu Valgum) को आमतौर पर नॉक-नी कहा जाता है। नॉक-नी वाला कोई व्यक्ति खड़ा होता है, तो उसके एंकल यानि टखनों के बीच में काफी अंतर दिखता है। घूटने आपस में चिपके हुए और एक-दूसरे को धकेलते हुए नजर आते हैं। नॉक-नी वाले लोगों के घुटने चलते या दौड़ते समय आपस में टकराते हैं, जिससे घुटनों में दर्द होता है। मगर परेशान न हों, क्योंकि कुछ एक्सरसाइज के साथ इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है।
यह स्थिति छोटे बच्चों में आम है जो 3 से 6 साल तक के बच्चों में दिखती है और अधिकांश मामलों मे ये 7 साल तक अपने आप ही ठीक हो जाती है। बहुत ही दुर्लभ स्थितियों में ये समस्या बड़े बच्चों में व्यस्क होने तक रहती है। व्यस्कों में नॉक-नी की समस्या किसी बिमारी के परिणामस्वरूप होती है। कई मामलों में इसे उपचार से भी ठीक किया जाता है।
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नॉक नी बच्चे के सामान्य विकास पैटर्न का हिस्सा है, नॉक नी के बीमारी, संक्रमण या चोट से भी उपजा हो सकता हैं। नॉक-नी के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
मेटाबोलिक रोग
शारीरिक आघात
गठिया, विशेष रूप से घुटने में
अस्थि संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिस)
रिकेट्स (हड्डियों को कमजोर करने वाला रोग, यह विटामिन डी की कमी से होता है)
ग्रोथ प्लेट की चोट
फ्रैक्चर जो विकृति के साथ ठीक हो जाते हैं (मैलूनियन)
डॉ. अमन दुआ – डायरेक्टर, जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड ऑर्थोपेडिक, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला, नई दिल्ली ने नॉक-नी के बारे में बताया कि “जेनु वेलगम (Genu Valgum) विशेष रूप से अधिक वजन वाले रोगियों में गैट डिसऑर्डर (चलने के पैटर्न में बदलाव) को जन्म दे सकता है, जहां चलने के दौरान घुटने एक-दूसरे से घिसते हैं, साथ ही नॉक-नी पूर्वकाल घुटने के दर्द और पेटेलर अव्यवस्था के जोखिम को बढ़ाता है। जेनु वेलगम के गंभीर मामलों में सर्जिकल सुधार की आवश्यकता हो सकती है और गठिया से जुड़ी विकृति को नी रिप्लेसमेंट से ठीक किया जा सकता है।”
डॉ. अमन दुआ बताते है कि “इस बात का बहुत कम या कोई सबूत नहीं है कि व्यायाम जेनु वेलगम या नॉक नी को ठीक कर सकता है, लेकिन व्यायाम निश्चित रूप से इन रोगियों में मांसपेशियों की शक्ति और आसन में सुधार कर सकता है। साइड लंजेस, साइड हिप एबडक्शन और वॉल स्क्वैट्स जैसे व्यायाम मददगार हो सकते हैं। वास्टस मेडियालिस मजबूत करने वाले व्यायाम पेटेलो-फेमोरल फ़ंक्शन ( patello-femoral function) में सुधार कर सकते हैं और पेटेलर अव्यवस्था के जोखिम को कम कर सकते हैं।”
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साइड लंजेस आपके पैरों, विशेष रूप से आपकी आंतरिक जांघों को टोन करने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा, यह आपके घुटनों को अलाइन करने में भी मदद करता है, ताकि आप अपने पोस्चर और मुद्रा में सुधार कर सकें। लंबा खड़े होकर शुरू करें, पैर कूल्हे-चौड़ाई की दूरी से अलग हों। बाईं ओर एक चौड़ा कदम उठाएं। अपने कूल्हों को पीछे धकेलते हुए अपने बाएं घुटने को मोड़ें। खड़े होने की स्थिति में लौटने के लिए अपने बाएं पैर से पुश करें।
वॉल स्क्वैट्स करके भी नॉक-नी की मांसपेशियों को ठीक करने में मदद मिलती है। इसको करने के लिए आपको दीवार के सहारे खड़े होना होना है पैरों को कंधे की चौड़ाई में खोलें और अब 90 डिग्री से ज्यादा स्क्वाट न करें। पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ने के साथ आपको 5-10 सेकंड के लिए रुकना है।
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