ज्यादातर लोगों को सुबह उठने के बाद बिस्तर छोड़ने का मन नहीं करता उन्हें बेहद आलस महसूस होती है। इतना ही नहीं कई लोग ऐसे हैं जिन्हें मॉर्निंग स्टीफनेस की भी शिकायत रहती है। यानी कि सुबह उठने के साथ उनकी हाथ, पैर एवं मांसपेशियां अकड़ी हुई महसूस होती हैं। साथ ही साथ उन्हें दर्द की शिकायत भी रहती है। ऐसे में कुछ सामान्य बॉडी स्ट्रेचेज इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। सुबह उठने के साथ बेड पर अपनी बॉडी को कुछ देर स्ट्रेच करें, ऐसा करने से आपको स्वयं अपनी दिनचर्या में बदलाव नजर आएगा।
लाइफस्टाइल कोच एवं फिटनेस एक्सपर्ट यश अग्रवाल ने कुछ खास तरह के स्ट्रेच और व्यायाम करने की सलाह दी है, जो आपको सुबह की आलस्य से छुटकारा पाने और पूरे दिन एनर्जेटिक रहने में मदद करेंगे (stretches to avoid morning laziness)।
बॉडी स्ट्रैचिंग शरीर में लचीलापन लाती है, साथ ही साथ मांसपेशियों को भी फ्लैक्सिबल बनती है। जिससे कि बॉडी स्टीफनेस काम होता है। कई बार थकान की वजह से भी सुबह उठने के बाद आलस और मांसपेशियों में अकड़न महसूस होता है, ऐसे में स्ट्रेचिंग करने से मसल्स टेंशन रिलीज होती है और आपकी मांसपेशियां रिलैक्स रहती हैं।
साथ ही साथ स्ट्रेचिंग इन्फ्लेमेशन को कम कर देती है, जिससे कि बॉडी स्टीफनेस भी कम हो जाता है। इतना ही नहीं स्ट्रेचिंग ब्लड फ्लो और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देती है और शरीर में सभी ओर पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचता है। ऐसे में मांसपेशियां और हड्डियां सभी एक्टिव और हेल्दी रहती हैं।
धीरे-धीरे अपने सिर को एक तरफ से दूसरी ओर झुकाएं, प्रत्येक स्थिति को 10-15 सेकंड तक होल्ड करें।
धीरे-धीरे अपनी गर्दन को दक्षिणावर्त और वामावर्त घुमाएं।
अपने कंधों को धीमे और नियंत्रित तरीके से आगे और पीछे की ओर घुमाएं।
अपने हाथों को आपस में मिलाएं और उन्हें अपने सामने फैलाएं, अपनी ऊपरी पीठ को थोड़ा सा गोल करें।
इसे दो से तीन बार दोहराएं आपको फौरन आराम महसूस होगा।
अपने बिस्तर या कुर्सी के किनारे पर पैरों को ज़मीन पर सपाट रखकर बैठें।
अपने ऊपरी शरीर को एक तरफ घुमाएं, और 10-15 सेकंड तक होल्ड करें, फिर साइड बदलें।
सबसे पहले खड़ी हो जाएं और एक पैर को आगे की तरफ़ बढ़ाएं, अपनी एड़ी को ज़मीन पर रखें और पंजों को ऐसे रखे जैसे वे ऊपर की तरफ इशारा कर रहे हो।
कूल्हों पर थोड़ा आगे की ओर झुकें जब तक कि आपको अपनी जांघ के पिछले हिस्से में हल्का खिंचाव महसूस न हो।
एक पैर को दूसरे के सामने रखकर दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं।
अपने सामने वाले घुटने को थोड़ा मोड़ें और अपनी पिछली एड़ी को ज़मीन पर दबाएं, ताकि आपकी पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
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एक पैर पर खड़े हो जाएं और अपने दूसरे पैर के टखने को पकड़ें।
अपनी एड़ी को अपने नितंबों की ओर तब तक खींचें जब तक कि आपको अपनी जांघ के सामने खिंचाव महसूस न हो।
एक घुटने पर बैठें और दूसरा पैर अपने सामने ज़मीन पर सपाट रखें।
खिंचाव में आगे की ओर झुकें, अपनी पीठ को सीधा रखें, जब तक कि आपको अपने कूल्हे के सामने खिंचाव महसूस न हो।
सांस लें और अपने मुंह से बाहर छोड़ें। ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने और अपने शरीर को जगाने के लिए अपने फेफड़ों को पूरी तरह से भरें और सांस को पूरी तरह से छोड़ें।
अपनी भुजाओं को ऊपर की ओर ले माएं और अपने शरीर को उंगलियों से लेकर पंजों तक फैलाएं। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर छोड़ दें।
नोट: इन स्ट्रेच को धीमे और सोच-समझकर करें, अपनी सांसों और मांसपेशियों में होने वाली संवेदनाओं पर ध्यान दें। यह दिनचर्या रक्त संचार, लचीलेपन और मानसिक सतर्कता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इनकी मदद से आप सुबह की आलस्य से प्रभावी ढंग से निपट सकती है और आपके दिन के लिए सकारात्मक माहौल बना सकती है।
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