अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2024) की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हम सभी जानते हैं कि योगाभ्यास (Yoga benefits) न केवल आपके शरीर को तंदुरुस्त रखता है, बल्कि यह आपके मूड को भी बेहतर बनाता है। बहुत सारे ऐसे योगासन हैं, जो अलग-अलग समस्याओं से बचाने के लिए किए जाते हैं। मगर सभी आसनों का जो पहला आसन है, वह है सुखासन (Sukhasana ke fayde)। भारतीय परंपरा में योग केवल व्यायाम का ही नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा है। इसलिए बड़े-बुजुर्ग हमेशा से सुखासन में बैठने (Benefits of sukhasana) और इसी मुद्रा में खाना खाने की सिफारिश किया करते थे। आखिर ऐसा क्यों था? योग दिवस (Yoga Day) के उपलक्ष्य में जानते हैं योग के इस बेसिक आसन (Easy sitting pose) के बारे में सब कुछ।
सुखासन को इज़ी पोज़ (Easy sitting pose) भी कहा जाता है। ज़मीन पर बैठकर किए जाने वाले इस योग से इंद्रियां एक्टिव हो जाती हैं, जिससे मेंटल हेल्थ बूस्ट होने लगती है। इस आसान योग मुद्रा को बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। साथ ही मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है। सुबह उठकर इस योगासन का अभ्यास करने से तनाव, एंग्ज़ाइटी और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है। इसके अलावा पीठ दर्द की समस्या भी हल हो जाती है।
इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा बताती हैं कि सुखासन को मेडिटेटिव या रिलैक्सिंग पोज़ भी कहा जाता है। इसे नियमित तौर पर करने से मन के अलाव डाइजेशन को इंप्रूव करने में भी मदद मिलती है। ध्यान में बैठने के दौरान कुछ देर सुखासन में बैठना चाहिए। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ना है और बैक पेन की समस्या हल हो जाती है।
डॉ गरिमा बताती हैं कि हेल्दी खाना खाने के साथ उसे सही पोज़िशन में बैठकर खाना भी फायदेमंद है। ज़मीन पर सुखासन में बैठकर खाने से बॉडी पोश्चर ठीक होने लगता है। साथ ही इटेस्टाइन के मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं, जिससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और अपच व ब्लोटिंग से राहत मिल जाती है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और ओवरइटिंग से भी राहत मिल जाती है।
सुखासन को बिगनर्स पोज़ भी कहा जाता है। इस इज़ी पोज़ को करने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। इससे बैक हंप और बैक फैट की समस्या से बचा जा सकता है। नियमित तौर पर इसका अभ्यास शारीरिक अंगों को फ्लेक्सीबल बनाए रखता है। इसके अलावा शारीरिक थकान से ीी राहत मिल जाती है।
मेडिटेशन के दौरान कुछ देर सुखासन में बैठन से शरीर में उठने वाले विचारों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा तन और मन रिलैक्स हो जाता है, जिससे तनाव और डिप्रेशन को कम किया जा सकता है।
दिनभर में कुछ वक्त सुखासन में बैठने से पेल्विक और कोर मसल्स मज़बूत बनने लगते हैं। इससे ब्रीदिंग और ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है। वे लोग जो लोअर बैक पेन की समस्या ग्रस्त है। ये योग मुद्रा उनके लिए बेहद फायदेमंद है।